छत्तीसगढ़

शहर में अब पत्रकार का परिवार भी सुरक्षित नही ,,पत्रकार के पुत्र को जान से मारने की धमकी देने वाले आदतन अपराधी जुर्म दर्ज होने के बाद भी खुलेआम घूमते दिखे, अपराधियो की गिरफ्तारी में पुलिस कर रही है देरी

बिलासपुर/ सरकंडा थाना अंतर्गत मारपीट का मामला हो या फिर असामाजिक तत्वों द्वारा आम आदमी के साथ गुंडागर्दी या फिर देर रात लोगों के वाहनों को आग लगाए जाने का मामला सामने आया हो सरकंडा पुलिस थानें के रोजनामचे में शिकायत दर्ज कर चुपचाप बैठे जाती है।

हाल ही में सरकंडा थाना क्षेत्रतर्गत बंधवापारा निवासी एक पत्रकार शिवकुमार तिवारी के पुत्र आयुश तिवारी जो 12वीं क्लास का विद्यार्थी है उसे गुरुवार की रात करीब 9.30 बजे मोहल्ले के आदतन अपराधी किस्म नशा करने के आदी युवको नें जिनका नाम जयंत रजक, गगन रजक, शान खान , प्रत्युश शुक्ला, विवेक रजक एवं उनके अन्य साथियों नें बेवजह पुरानी बातों को लेकर पहले तो झगड़ा शुरू किया फिर गाली गलौज कर जान से मारने की धमकी देते हुए हाथ-मुक्के से मारपीट शुरू कर दी। इस मारपीट में आयुश तिवारी को काफी चोटें आई।

गंदी गंदी गालियों और सामुहिक रूप से मारपीट की की आवाज सुनकर पिता ने घर से बाहर निकल कर अपने बेटे की जान बचाने बीच-बचाव किया जिस पर आरोपियों ने उनसे भी अभद्र व्यवहार किया। घटना के तुरंत बाद असामाजिक तत्वों की बार बार जान से मार देने की धमकी से भयभीत पत्रकार शिवकुमार तिवारी ने सर्वप्रथम जिले के पुलिस कप्तान प्रशांत अग्रवाल को फोन कर घटना की जानकारी दी। जिस पर कुछ देर बाद पुलिस की गश्ती गाड़ी पहुंची तब तक आरोपीगण वहां से बाद में देख लेने की धमकी देते हुए भाग निकले।

ज्ञात हो कि शिवकुमार तिवारी शासकीय अधिमान्यता प्राप्त पत्रकार हैं यदि एक पत्रकार का विद्यार्थी पुत्र जिसे अपनी पढ़ाई पूरी कर आगे अपनाभविष्य बनाना है यदि ऐसे असामाजिक तत्वों की धमकी देने से डरा हुआ है दूसरी तरफ सरकंडा पुलिस द्वारा मारपीट करने वाले आरोपीगण को गिरफ्तार नहीं किए जाने से उनके हौसले बुलंद हैं और घटना के दूसरे दिन से ही वे खुलेआम घूम रहे है जिसे अब तक सरकंडा पुलिस पकड़ पाने में नाकाम रही है। इससे जाहिर होता है कि पुलिस, पत्रकारों और उनके दहशत जदा परिवार की सुरक्षा के प्रति कितनी संवेदनशील है।

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