कोरोना मामले में सरकार हुई फेल – अमित जोगी
कोरोना मामले में सरकार हुई फेल – अमित जोगी
कोरोना से जीतने अमित जोगी ने दिया था 16 मार्च का 8 सुझाव, सरकार ने किया अनदेखा, खामियाजा भुगत रहीं हैं जनता
ऽ केन्द्र से मिले मदद राशि 340 करोड़ का हिसाब सार्वजनिक करें
ऽ कोरोना का सही आंकड़ा छिपा रही है
ऽ स्वास्थ्य मंत्रालय की स्वतंत्रता के बिना, संभव नहीं कोरोना से जंग जीतना
ऽ जिस राज्य का राजा खुद असुरिक्षत तो प्रजा का क्या हाल होगा?
रायपुर, छ0ग0, दिनांक 31 अगस्त 2020। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के प्रदेश अध्यक्ष श्री अमित जोगी ने कहा कोरोना को लेकर सरकार के पास कोई ठोस नीति, नियम, प्लान और प्रोग्राम नहीं होने से कोरोना का कहर छत्तीसगढ़ चरम पर पहुंच गया हैं और राजधानी हॉटस्पॉट बन गया हैं। श्री अमित जोगी ने कहा आखिर इतना सब कुछ होने के बाद भी स्वास्थ्य मंत्रालय को कठपुतली क्यों बनाया गया हैं ? क्यों स्वास्थ्य मंत्रालय को काम करने के लिए फ्री हेंड नहीं दिया जा रहा हैं ? जब तक स्वास्थ्य मंत्रालय को स्वतंत्र नहीं किया जाएगा तब तक कोरोना से जीतना संभव नहीं हैं। श्री अमित जोगी ने सरकार पर कोरोना के सही सही आंकड़े छिपाने का भी आरोप लगाते हुए कोरोना बचाव के लिए केन्द्र से मिले 340 करोड़ की राशि का हिसाब सार्वजनिक करने की मांग की हैं। उन्होंने कहा छत्तीसगढ़ की एक कोरोना पीड़ित गर्भवती बहन को संक्रमण के डर से राजधानी के जिला अस्पताल से बाहर निकाल दिया गया और तड़पती उस बहन ने अस्पताल परिसर में ही बच्चे को जन्म दिया हैं जिससे पता चलता हैं कि कोरोना को लेकर सरकार की कितनी तैयारी हैं और सरकार कितनी गंभीर हैं ? श्री अमित जोगी ने कहा जिस राज्य का राजा खुद क्वारंटीन हो, उस राज्य की प्रजा का क्या होगा ? यह अंदाजा लगाया जा सकता हैं।
श्री अमित जोगी ने प्रदेश मुखिया माननीय मुख्यमंत्री व गृहमंत्री जी को व्यक्तिगत रूप से छत्तीसगढ़ की जनता को कोरोना से बचाने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण 8 सुझाव देते हुए बजट सत्र में वित्तीय प्रावधान किए जाने किए आग्रह किया था । जिसमें प्रमुख रूप से
1. खाद्य और दवाई दुकानों को छोड़कर सभी दुकानों और व्यावसायिक संस्थानों को अनिश्चितकाल के लिए बंद किया जाना चाहिए परंतु दुर्भाग्य वश सरकार शराब दुकानों को खोल दिया ।
2. आगामी दो माह तक सभी गैर-आपातकाल संस्थानों और सेवाओं का बंद कर उनके कार्यरत कर्मचारियों ओडिसा सरकार की तर्ज में पेड-लीव (वेतन युक्त अवकाश) सामाजिक सुरक्षा पेंशन 6000 प्रतिमाह दिया जाना अनिवार्य कर दिया जाना चाहिए ।
3. राज्य की सीमाओं का सील कर दिया जाना चाहिए ।
4. अधिक से अधिक कोरोना करना जिसके लिए पर्याप्त मात्रा में टेस्ट किट्स का भंडारण करना होगा परंतु दुर्भाग्य वश छत्तीसगढ में देश के अन्य राज्यों की तुलना में 1 प्रतिशत भी कोरोना जांच नहीं हुई हैं। 5. ब्लाक चिकित्सा अधिकारी की देखरेख में हर ब्लाक मुख्यालय में आईसोलेशन सेंटर तैयार किए जाना चाहिए जहां संक्रमित लोगों को उपचार हेतु अलग से रखने की सुविधा रहे।
6. एस्मा कानून के अंतर्गत आवश्यक सामाग्री घोषित करके सरकार उनका पर्याप्त मात्रा में भंडारण जल्द से जल्द कर लेना चाहिए ताकि काला बाजारी न हो सके। साथ ही प्रदेश में इनके उत्पादन की संभावनाओं को प्रोत्साहित करना।
7. सरकार को प्रदेश के सभी शासकीय और निजी क्षेत्र के डाक्टरों, नर्सों, स्वास्थय-कर्मियों और जीव विज्ञान से सम्बध्द सभी विषयों के स्नातकों को युध्द स्तर पर अनिवार्य रूप से सर्वप्रथम इस प्रोटोकॉल में प्रशिक्षित करना और प्रशिक्षण उपरांत उनको हैजमेट सूट और पी-100 फ्रेस मास्क के माध्यम से सुरक्षित रखते हुए लोंगो की जांच और उपचार के लिए प्रदेश की सभी बसाहटों में चरणबध्द तरीके घनी बस्तियों में पहले से लामबंद किया जाना चाहिए।
8. सबसे महत्वपूर्ण सभी निजी और सरकारी प्रचार प्रसार तंत्र का उपयोग केवल जनमानस को तीन ही संदेश देने के लिए किया जाए जहां तक संभव हो घर में साफ सफाई से रहें, सार्वजनिक स्थानों में एक दूसरे के बीच छः फीट की दूरी रखें और बिना साबून से हाथ धोए पर सरकार के नेता मंत्रियों ने कोरोना के नाम पर अपनी फोटो लगाकर प्रचार प्रसार किया हैं ।
इस प्रकार श्री अमित जोगी जी के द्वारा उक्त महत्वपूर्ण सुझावों को सरकार के द्वारा अनेदखा किया गया। सरकार के पास विधानसभा भवन, विधायकों के वेतन और भत्तों, निगम मंडलों के लिए तो खजाना भरा हुआ हैं पर कोरोना के लिए छत्तीसगढ़ की सरकार, केन्द्र सरकार का मुंह ताकती हैं इससे स्पष्ट हैं कि सरकार के पास के कोरोना की लड़ाई में बुरी तरह फेल हो चुकी और सरकार की नाकामियों का खामियाजा छत्तीसगढ़ की जनता भुगत रही हैं ।
भगवानू नायक प्रवक्ता जेसीसी (जे)
(ज्योतिष कुमार सबका संदेश डॉट कॉम)