गांजा तस्कर को 10 साल की सजा और एक लाख रूपये जुर्माना
1 लाख 20 रूयये कीमती उन्नीस किलो से अधिक जब्त हुआ था गांजा
दुर्ग। दुर्ग न्यायालय ने गांजा तस्करी के एक मामले में एक आरोपी को 10 साल की सजा एवं एक लाख रूपये जुर्माना भरने की सजा सुनाई है एवं उसके कार को राजसात करने कहा है।
गांजा तस्करी के मामले में ये उक्त सजा विशेष न्यायाधीश मंसूर अहमद ने जेवरा निवासी राजेन्द्र नेताम 40 को दोषी ठहराते नारकोटिक एक्ट के तहत 10 साल कारावास की सजा सुनाई। उस पर एक लाख रुपए जुर्माना भी लगाया। जुर्माना राशि जमा नहीं करने पर एक वर्ष अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। न्यायाधीश ने जब्त कार का दस्तावेज प्रस्तुत नहीं करने पर 100 रुपए जुर्माना भी लगाया।
अभियोग पत्र में जेवरा चौकी पुलिस ने जानकारी दी थी कि मुखबिर की सूचना पर निहार हॉस्पीटल के निकट घेराबंदी कर कार क्रमांक सीजी-07 जेडजी 5531 को तलाशी के लिए रोका था। डिक्की से 19 किलो 700 ग्राम गांजा मिला। जिसे जब्त किया गया। जब्त गांजा की कीमत 1.20 लाख रुपए है। पुलिस ने उच्च अधिकारियों की उपस्थिति में कार सवार आरोपी राजेन्द्र नेताम के खिलाफ नारकोटिक एक्ट के तहत कार्रवाई की।
कार को राजसात करने का आदेश
सुनवाई के दौरान अभियुक्त जब्त कार का दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सका। इसे देखते हुए न्यायालय ने कार को राजसात करने का आदेश दिया वहीं जब्त गांजा को अपील नहीं होने की दशा में नष्ट करने का आदेश दिया। पूछताछ में आरोपी ने खुलासा किया था कि वह मूलत: मुक्तिधाम कुरूद का रहने वाला है। गांजा के अवैध कारोबार संचालित करने वह जेवरा-सिरसा में किराए का मकान ले रखा है। घटना के समय वह गांजा लेकर जेवरा जा रहा था।
विशेष लोक अभियोजक आदित्य ताम्रकार ने बताया कि प्रकरण की सुनवाई में सभी गवाहों ने घटना का समर्थन किया। साथ ही न्यायालय ने पाया कि पुलिस की कार्रवाई विधिवत है। इसे आधार बनाते हुए न्यायालय ने फैसला सुनाया।