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Kondagaon: आरटीआई आवेदन लेने से इंकार करने पर पीड़ित पहुँचा कलेक्टर जनदर्शन में

कोण्डागांव। आम जनता के सहायता के लिए संचालित सरकारी कार्यालय में आवेदन लेने से इंकार करने पर आरटीआई आवेदन लेकर पीडित ग्रामीण के कलेक्टर जन चैपाल में पहुंच और प्रत्यक्ष रूप से कलेक्टर को ही आवेदन को देने के एक मामला संज्ञान में आया है।

पूरा मामला 25 अगस्त का है जब जिला कार्यालय कोण्डागांव में आयोजित जन चैपाल में एक मासूम बच्ची के साथ खडे एक ग्रामीण से बात की गई कि वह अपनी किस समस्या को लेकर पहुंचा है। तब ग्रामीण ने अपना नाम रामकुमार नेताम एवं ग्राम कोसागांव तहसील फरसगाव का निवासी बताते हुए अपनी समस्या प्रेस प्रतिनिधियों को बताते हुए कहा कि उसके द्वारा वन भूमि अधिकार प्रपत्र हेतु वर्ष 2017 से ही लगातार आवेदन दिया जाता रहा है, लेकिन जिसका समाधान अब तक नहीं हो सका है, आज वह कलेक्टर जन चैपाल में वन भूमि अधिकार प्रपत्र हेतु आवेदन देने नहीं, बल्कि पूर्व में दिए जा चुके आवेदनों पर संबंधित अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कार्यवाहियां की जा चुकी है यह भी जानने आया है।

रामकुमार ने अपनी पीड़ा बयां करते हुए बताया कि अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कोण्डागांव ने 24 अगस्त को आरटीआई आवेदन लेने से मना करते हुए, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व फरसगांव में जाकर देने को कहा। जब उसने उसी दिन अनुविभागीय अधिकारी राजस्व फरसगांव कार्यालय में पहुंचकर उक्त आवेदन को प्रस्तुत किया तो वहां पदस्थ बाबू ने भी आवेदन लेने से मना करते हुए अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को प्रत्यक्ष रूप से मिलकर आवेदन देने की बात कही। लेकिन रामकुमार का गांव कोसागांव से फरसगांव अधिक दूर है और साधन नहीं होने से बार-बार फरसगांव जा पाना संभव नहीं है, इसलिए उसने तय कि जिला कार्यालय में प्रत्येक मंगलवार को आयोजित होने वाले टी.एल. की बैठक में ही राजस्व अधिकारी फरसगांव को आरटीआई आवेदन देकर पावती ले लगा, उसने प्रयास किया भी कि टी.एल. के दौरान संबंधित अधिकारी से मिलकर आवेदन दे, लेकिन बैठक कक्ष के गेट पर खडे कर्मचारियों ने मना करते हुए कहा कि कलेक्टर जन चैपाल हेतु विधिवत आवेदन पत्र बनाने पर ही अंदर जाने दिया जाएगा। जिस पर मजबूरन उसे जन चैपाल हेतु आवेदन तैयार कर, कलेक्टर कोण्डागांव से मिलकर एसडीओ राजस्व कोण्डागांव/फरसगांव हेतु बनाए गए, आरटीआई आवेदन को देना पड़ा।

इस दौरान रामकुमार नेताम ने अपनी पूरी व्यथा बयां करते हुए बताया कि उसके पिता ने जीवित रहते हुए अपने काबिज पूरे वन भूमि का वनाधिकार प्रपत्र देने की मांग वर्ष 2008-10 में ही कर दी थी, जिस पर उनके परिवार को मात्र 40 डिसमिल का ही पट्टा दिया गया। इस बात की जानकारी रामकुमार को अपने पिता की वर्ष 2015 में दुर्घटना में मृत्यु होने के बाद वर्ष 2016-17 में लगने के बाद रामकुमार द्वारा एसडीओ राजस्व कोण्डागांव के न्यायालय में विधिवत कोर्ट फीस के साथ तथा जिला स्तरीय वनाधिकार समिति कोण्डागांव के समक्ष भी आवेदन प्रस्तुत किया गया। लंबे समय तक सुनवाई नहीं होने पर कलेक्टर एवं जनदर्षन कोण्डागांव में निरंतर आवेदन करने के बाद भी उसकी समस्या का समाधान नहीं होने से मुख्यमंत्री छ.ग. शासन तक को आवेदन दे चुका है, लेकिन इसके बावजूद किसी तरह की कोई कार्यवाही नहीं होने से ही वे अपने द्वारा दिए गए आवेदनों पर हुई कार्यवाही की जानकारियों का संकलन करने के लिए आरटीआई का सहारा लेने का बाध्य हुआ। ऐसा नहीं कि उसने पहली बार आरटीआई लगाया हो, उसके द्वारा पूर्व में लगाए गए आरटीआई की जानकारी भी उन्हें नहीं दी जा रही है, जिससे उन्हें यह बात तो समझ में आ गई है कि जिला के अधिकारी-कर्मचारियों का व्यवहार आम ग्रामीणजनों के प्रति सही नहीं है।

राजीव गुप्ता

Rajeev kumar Gupta District beuro had Dist- Kondagaon Mobile.. 9425598008

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