छत्तीसगढ़

वनभूमि पट्टा प्राप्ति का लालच ग्रामीणों में इस कदर फल फूल रहा है कि जंगलों के अस्तित्व ही आने वाले दो चार सालों में नही रहेगा ऐसा ही जंगलों की लगातार कटाई के चलते प्रतीत हो रहा है

वनभूमि पट्टा प्राप्ति का लालच ग्रामीणों में इस कदर फल फूल रहा है कि जंगलों के अस्तित्व ही आने वाले दो चार सालों में नही रहेगा ऐसा ही जंगलों की लगातार कटाई के चलते प्रतीत हो रहा है

साल्हेवारा छत्तीसगढ़ (सबका संदेश) वनभूमि पट्टा प्राप्ति का लालच ग्रामीणों में इस कदर फल फूल रहा है कि जंगलों के अस्तित्व ही आने वाले दो चार सालों में नही रहेगा ऐसा ही जंगलों की लगातार कटाई के चलते प्रतीत हो रहा है !
जमीन की लालच में पूरे गाव के अधिकतर परिवार झोपड़ी बनाकर कब्जा दर्शा रहे है ये उपरोक्त दृश्य नवागांव के लोगो का है जिनके पास, उनका कहना है कि एक बीता भी जगह नही है ये सारे आदिवासी है।कोरोना के कारण कमाने भी नही जा पा रहे है ऐसे में जीविकोपार्जन हेतु जमीन रोक रहे है।वृक्ष तो कोई लगा नही रहा है ऊपर से जंगल के हरे भरे विशालकाय वृक्ष इसी लालच में लोग काट रहे हैं एक वृक्ष को सम्पूर्णता प्राप्त करने में 20 से 25 साल लग ही जाते होंगे मनुष्य के जीवन की भांति ही मुझें लगता है इनका भी विकास वृद्धि भी शनैः शनैः ही होती होगी व युवा वयस्क होते ही अचानक किसी दुर्घटना में समाप्त हो जाना,जैसी दुखद स्थिति इन जंगलों की भी आन पड़ी है।अभी तक तो अंदर के जंगलों की बाट लगी है अब ये तो मुख्य मार्ग नर्मदा साल्हेवारा वाच टावर के आसपास से चालू हो गया है।वह जबरदस्त विनाश की ओर है व आने वाले समय मे कहि ऐसा न हो कि सांस भी लेने न मिले इंसान आक्सीजन सिलेंडर, मोबाइल की भांति लेकर चले।प्रकृति का अनियमित होना लाजिमी है।।बाकी आप खुद सक्षम व समझदार है।

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