छत्तीसगढ़

जिले की आँगनबाड़ी कार्यकर्तायें खेत-खलिहानों में जाकर कर ही है पौष्टिक आहार का वितरण  जिले की 16917 बच्चों, गर्भवती और शिशुवती माताओं को दिया जा रहा है रेडी-टू-ईट एवं चिक्की

जिले की आँगनबाड़ी कार्यकर्तायें खेत-खलिहानों में जाकर कर ही है पौष्टिक आहार का वितरण 
जिले की 16917 बच्चों, गर्भवती और शिशुवती माताओं को दिया जा रहा है रेडी-टू-ईट एवं चिक्की 
नारायणपुर, 26 अगस्त, 2020- कोरोना महामारी जैसी विपरीत स्थिति और जिले के विषम भौगोलिक परिस्थितियों में डटे रहकर पूरी निष्ठा, ईमानदारी और ज़िम्मेदारी से अपने दायित्व को बखूबी पूरा कर रही हैं, जिले की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं। पूरी लगन से काम करना सीखना हो तो नक्सल प्रभावित नारायणपुर जिले की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से सीखा जा सकता है। ये वो आँगनबाड़ी कार्यकर्ताएं है, जो आदिवासी जनजाति (माड़िया), किसानों तथा अन्य लोग जो वर्तमान में कृषि कार्य में लगे हुए हैं, उनके घरों पर नहीं मिलने पर वे खेतांे में मीलों पैदल चल उनके ठौर ठिकाना ढूंढकर रेडी टू ईट और चिक्की का वितरण कर रही हैं। ताकि गर्भवती महिलाओं और बच्चों को समय पर पोषण आहार मिल सके। आगंनबाड़़ी कार्यकर्ता आंगनबाड़ी केन्द्र के बच्चों, गर्भवती-शिशुवती महिलाओं को उनके घर-घर जाकर हेल्दी रेडी-टू-ईट फूड का वितरण कर रही है। तो वही वे कोरोना वायरस से बचाव के प्रति बच्चों और महिलाओं के साथ ग्रामीणों को भी जागरूक करने में पूरा सहयोग कर रही है। बच्चों को साफ-सफाई, हाथ धोने एवं सोशल डिस्टेंसिंग, (सामाजिक दूरी) रखने आदि की बात बता रही है। चूंकि कोरोना वायरस के चलते वर्तमान में जिले के आंगनबाड़ी केन्द्र अस्थायी रूप से बंद है। 
      मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल सभी आवश्यकताओं पर पैनी नजर बनाये हुए हैं। वह कोराना के चलते लोगों से विभिन्न माध्यमों के जरिए बातचीत भी कर रहे है। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को चिठ्ठी लिख कर होैसला अफजाई भी की और उनके काम की सराहना भी की है। वे प्रदेश की जनता को कोरोना लड़ने के लिए हिम्मत दे रहे हैं। वही नियमों और सोशल डिस्टेसिंग की बात हर प्लेटफार्म पर लगातार कर रहे है ।
जिला महिला बाल विकास अधिकारी श्री रविकांत धु्रर्वे ने बताया कि जिले की 556 आंगनबाड़ी केन्द्रों में दर्ज बच्चों, गर्भवती और शिशुवती समेत कुल 16917 हितग्राहियों को एक माह का हेल्दी रेडी-टू-ईट फूड एवं चिक्की का वितरण किया जा रहा है। इन सभी को आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा घर-घर, खेत-खलिहानों तथा अन्य स्थानांे पर जाकर रेडी-टू-फूड और चिक्की प्रदाय किया जा रहा है। कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं द्वारा गंभीर कुपोषित बच्चों के खान-पान पर विशेष ध्यान रखा जा रहा है। इसके साथ ही कमजोर पाये गये बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार हेतु नजदीकी पोषण पुर्नवास केन्द्र में भर्ती कराने का काम भी कर रही है। 

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