केशकाल बांबी तालाब की रिटर्निंग वॉल भरभरा कर गिरी, निर्माण कार्य की खुली पोल
केशकाल। नगर पंचायत केशकाल के बांबी तालाब सौंदर्यीकरण के नाम से बनाया गया रिटर्निंग वाल काम और जांच पूरा होने के पहले ही भरभरा कर गीर गयी है जिससे कि निर्मांण कार्य में किये गये गड़बड़झाला का पोल खुल गया है। उल्लेखनीय है कि नगर पंचायत केशकाल के पिछले कार्यकाल में राष्ट्रीय राजमार्ग 30 पर बांबी तालाब सौंदर्यीकरण के नाम से सरकार से धनराशि स्वीकृत किया गया। सरकार द्वारा बांबी तालाब सौंदर्यीकरण का काम कराने दिये गये धनराशि का बंदरबांट कर लेने की मंशा से बगैर निविदा निकाले ही अपने खासमखास से सौंदर्यीकरण का काम शुरू करा लिया गया था। काम कराने के नाम पर गुणवत्ता मापदंड को दरकिनार रखते आनन-फानन में महज खानापूर्ति के लिए काम शुरू कर दिया गया। गुणवत्ता और मापदंड देखने वाले सब इंजीनियर ने भी अपना हित देखते आंख कान मूंद लिया था सत्ताधारियों के मंशा अनुरूप काम होने दिया। इस बीच जागरूक जनप्रतिनिधियों एवं पत्रकारों ने बगैर निविदा के हो रहे गुणवत्ता विहिन काम के खिलाफ आवाज उठाना आरंभ कर दिया था जिसके चलते और सरकारी कागजी खानापूर्ति के लिए कूटरचित कागजी दस्तावेज बनाकर योजना बनाकर निविदा प्रकाशित करा लिया गया। निविदा प्रकाशन के बाद बड़े ही योजना अनुसार ठेकेदारों से निविदा भरवाकर निविदा स्वीकृत कर लिया गया और कार्य आदेश भी जारी कर दिया गया।जिसके बाद फिर चालू हो गुणवत्ता विहिन काम करके काम पूर्ण कर देने का खेल शुरू हो गया था।
इसी बीच नवपदस्थ कलेक्टर को शिकायत हुई और कलेक्टर साहब ने जांच कमेटी गठित कर दिया। जांच कमेटी का जांच अभी पूरा भी नहीं हो पाया और निर्मांण भी अधूरा है। दिवाल का भरभरा कर गिरना अपने निर्मांण में बरती गयी भर्राशाही एवं भ्रष्टाचार को बंया कर दिया । इस संबंध में नगरपंचायत केशकाल के मुख्य नगरपालिका अधिकारी नामेश कावडे का यह कहना है कि बगैर निविदा कराये गये कार्य का हमारे कार्यालय में कोई रिकार्ड नहीं है और उक्त कराये गये काम का नगरपंचायत से कोई भुगतान भी नहीं किया गया है। निविदा निकालने के बाद निविदा स्वीकृत करने के बाद भी जो काम कराया गया है उसका भी हाल बेहाल है।