स्व.लाला जगदलपुरी पुण्यतिथि पर बस्तर के युवा कलमकारों की ककसाड़
रिमझिम फुहारों के बीच कोसुमगुड़ा में झमाझम रंग बरसे काव्यमय कुड़ईफूल 2 के
बस्तर के साहित्य पुरोधा स्व.लाला जगदलपुरी को श्रद्धासुमन अर्पित की गई
दिवंगत युवा साहित्यकार प्रोफेसर अशोक कुमार नेताम को दी गई मौन श्रद्धांजलि
कोंडागांव 18 अगस्त। बस्तर के युवा कलमकारों की काव्यमय यात्रा का पड़ाव अभी निरंतर नित नये कलमकारों को संजोये हुए जारी है। विगत दिनों से लॉकडाउन के चलते आनलाइन कार्यक्रम सरगीफूल को मिले प्रतिसाद ने युवा कलमकारों की उर्जा और दुगुनी कर दिया है। जहां पर वाट्सअप ग्रुप के माध्यम से बस्तर ही नहीं पूरे छत्तीसगढ़ से युवा कलमकारों का जमावड़ा हो रहा है। हर रोज एक नये कलमकार की उत्पत्ति हो रही है | यह एक ऐसा ग्रुप है जहां बस्तर क्षेत के गांव गरीब किसान और जल जंगल जमीन से जुड़े नवोदित रचनाकार अपनी कलम थाम कर प्रकृति और समसामयिक मुद्दों पर अपनी लेखनी से मुखर हो रहे हैं और इनका पड़ाव हर माह एक नये स्थान पर कुड़ईफूल के रूप में प्रस्तुत होता है।
इसी तारतम्य में विगत 16 अगस्त को विकासखंड माकड़ी के हीरापुर ग्राम पंचायत के कोसुमगुड़ा में निर्धारित सोसियल डिस्टेंस का पालन करते हुए सीमित सदस्यों की उपस्थिति में रिमझिम फुहारों के बीच काव्य मय महफिल में “झमाझमा बरसी कुड़ईफूल-02” जिसमें कार्यक्रम के मुख्यअतिथि श्री महादेव बघेल सरपंच ग्राम पंचायत हीरापुर,विशिष्ट अतिथि श्री जी.आर.सोरी शिक्षक, श्री विमल नेताम शिक्षक, श्री स्वपन बोस साहित्यकार थे।
सर्व प्रथम कार्यक्रम में मां सरस्वती के छायाचित्र पर पूजा अर्चना के पश्चात मुख्यअतिथि व विशिष्ट अतिथियों का स्वागत किया गया। कार्यक्रम में बस्तर के युवा कलमकार ग्रुप के संस्थापक और चर्चित खोजी लेखक विश्वनाथ देवांगन उर्फ मुस्कुराता बस्तर ने बस्तर के युवा कलमकारों को सहेजने व संवारने की आवश्यकता और साहित्य, संगीत, वादन, गायन, नृत्य आदि बस्तर की पारंपरिक विधाओं को संरक्षित करने की दिशा में किये जा रहे पहल व कार्यों के बारे में विस्तार पूर्वक बताया और कहा कि बस्तर को बचाने विदेश से नहीं आयेंगे बस्तरिया को अपनी विरासत को कलम व कला के माध्यम से जल जंगल जमीन की रक्षा के साथ ही कला संस्कृति और परम्पराओं को सहेजकर रखने की दिशा में यह हमारा प्रयास है। साथ ही बस्तर के लिये किये जा रहे प्रयासों में फिल्म व संगीत, गायन, वादन आदि पारंपरिक विधाओं की भूमिका पर भी जानकारी देते हुए कहा कि बस्तरिया शो के माध्यम से छोटे छोटे शार्ट फिल्म के निर्माण से यहां के स्थानीय बहुमुखी प्रतिभा को अवसर व धरातल पर मूर्तरूप देने की योजना है।
कार्यक्रम में साहित्यकार स्वपन बोस ने कोरोना महामारी पर केंद्रित रचना से बहुत तालीयां बटोरी। युवा कलमकार पुरूषोतम पोयाम, गणेश मानिकपुरी, गायक हरेराम ‘हर्ष’ पटेल, नायिका समीला कोर्राम, नवोदित नन्हा कलमकार अनिल यादव की पहली प्रस्तुति के साथ ही सभी ने जमकर हंसाया और झमाझम साहित्य की वर्षा की तालिया बजती रही श्रोतागण वाह-वाह कहते रहे।
कार्यक्रम के संचालन और फिल्म निर्देशक श्रवण मानिकपुरी ने मंच संचालन करते हुए समां बांधे रखा व अपनी हास्य व्यंग्य की रचनाओं से लोट पोट कराते रहे | साथ ही बस्तर के युवा कलमकारों की आवश्यकता पर पर संक्षिप्त उद्बोधन प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि की आसंदी से सरपंच ग्राम पंचायत हीरापुर ने कहा कि यह पहला अवसर है जब हमारे गांव में इस तरह का आयोजन हुआ और बस्तर की प्रतिभाओं को तराशने का कार्य निश्चय ही तारीफ़ के काबिल है मैं हमेशा मेरे से जितना बन पड़ेगा सहयोग व समर्थन के लिए तत्पर रहूंगा। साथ ही विशिष्ट अतिथि श्री जी आर सोरी ने कहा कि यह बहुत अच्छा प्रयास है और यह समय की मांग है, हमारी हार्दिक शुभकामनाएँ सभी कलमकारों व कलाकारों को।
इस अवसर पर माकड़ी ब्लॉक के हीरापुर निवासी युवा रचनाकार श्री पुरुषोत्तम पोयाम की मुख्य भूमिका रही, सभी कलमकारों कलाकारों के साथ ही निर्धारित सीमित संख्या में युवा पंचायत पदाधिकारी के साथ ग्रामीण व प्रबुद्घ वर्ग की उपस्थिति रही। साथ केरावाही के दिवंगत युवा रचनाकार स्व. अशोक कुमार नेताम को मौन श्रद्धांजलि दी गई। मंच संचालन श्रवण मानिकपुरी व आभार प्रदर्शन विश्वनाथ देवांगन ने किया।