छत्तीसगढ़

ईश्वर के साथ जुड़ें। आपकी इच्छाएँ पूरी हो जाएँगी-ज्योतिष कुमार

*ईश्वर के साथ जुड़ें। आपकी इच्छाएँ पूरी हो जाएँगी-ज्योतिष कुमार*
सब लोग अपनी-अपनी इच्छाएं पूरी करना चाहते हैं। कौन सी इच्छाएँ? धन सम्मान आदि भौतिक सुख प्राप्त करने की इच्छाएँ। इसके लिए वे पुरुषार्थ भी करते हैं, फिर भी इच्छाएं पूरी नहीं हो पाती। सारी इच्छाएं तो कभी भी पूरी नहीं हो सकती। क्योंकि जितनी इच्छाएं पूरी होती जाती हैं, वहां से आगे और अधिक इच्छाएं बढ़ती जाती हैं। इसलिए धन सम्मान आदि भौतिक सुख प्राप्त करने की सारी इच्छाएं कभी भी पूरी नहीं हो पाती।
जैसे अग्नि में पेट्रोल डालने से अग्नि और बढ़ती है, इसी प्रकार से इच्छाएं पूरी करने से इच्छाएं और अधिक बढ़ती हैं।
इसका अर्थ यह नहीं है कि – इच्छाएँ रखें ही नहीं, सब इच्छाएं छोड़ दें। हम ऐसा नहीं कहते.
हम तो यह कहते हैं, कि इच्छाओं पर नियंत्रण रखें। सीमित मात्रा में इच्छाएं रखें। जितनी वस्तुएं प्राप्त करना जीवन के लिए आवश्यक है, उतनी ही इच्छाएं रखें। उसके बाद संतोष का पालन करें, तभी आप सुख से जीवन जी सकते हैं।
भौतिक सुख प्राप्त करने की इच्छाएं जब पूरी नहीं होती, अधूरी रह जाती हैं, तब वे अधूरी इच्छाएं ही दुख देती हैं। तो बहुत से लोग शिकायत करते रहते हैं कि “ईश्वर हमारी इच्छाएं पूरी नहीं करता।”
इसके उत्तर में ईश्वर का कहना यह है कि तुम लोग भी तो मेरी इच्छा पूरी नहीं करते। जब तुम मेरी इच्छा पूरी नहीं करते, तो मैं तुम्हारी इच्छा क्यों पूरी करूं?l
आप कहेंगे – क्या ईश्वर की भी इच्छा होती है? मेरा उत्तर है, जी हां, ईश्वर की भी इच्छा है। वह क्या है ? ईश्वर की इच्छा अपने स्वार्थ की नहीं है। बल्कि वह भी आपके लाभ के लिए ही है, कि आप ईमानदारी से जिएँ, बुद्धिमत्ता से काम करें, परिश्रम से काम करें। ईश्वर पर विश्वास रखें। दूसरों की मदद करें, सभ्यता से जीवन जीएँ। झूठ छल कपट चोरी बेईमानी आदि बुरे काम न करें। ईश्वर के पास बैठें। उससे शुद्ध मन से प्रार्थना करें। वह आपको बल विद्या बुद्धि शांति आनंद उत्साह इत्यादि सब कुछ देगा। आप ईश्वर की इस इच्छा को पूरा करें, ईश्वर आपकी इच्छा पूरी करेगा। इसमें कोई संदेह नहीं है।
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