छत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई

बीजेपी ,कांग्रेस का नए युवा चेहरे पर दांव

लोकसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियों में सरगर्मी तेज हो गई है। जैसे-जैसे दिन नजदीक आते जा रहे हैं सभी राजनीतिक दलों ने मंथन शुरू कर दिया है। कांग्रेस पार्टी से बहुत सारे नए नाम उभर कर आ रहे हैं, इसमें प्रमुख रूप से भिलाई महापौर एवं विधायक देवेंद्र यादव, राजेंद्र साहू, प्रतिमा चंद्राकर पर गंभीर विचार एवं चिंतन चल रहा है। वहीं 15 वर्षों बाद सत्ता से दूर गयी विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी से प्रमुख नाम प्रेम प्रकाश पाण्डेय, वीरेंद्र साहू, जय प्रकाश यादव, रमशीला साहू जैसे नामों पर विचार मंथन चल रहा है! केंद्रीय नेतृत्व द्वारा फूंक-फूंक कर टिकट वितरण को लेकर निर्णय लिया जा रहा है। दुर्ग लोकसभा क्षेत्र में मतदाताओं की आबादी के अनुसार 65% आबादी अन्य पिछड़ा वर्ग के मतदाताओं की है, जिसमें 30% साहू मतदाता एवं 20% कुर्मी मतदाता 15% यादव समाज से मतदाता आते हैं। 23% मतदाता सामान्य वर्ग से आते हैं। दुर्ग लोकसभा के जातीय समीकरण और इतिहास को देख जाए तो इस बार दोनों ही राजनीतिक पार्टियों से ऐसे प्रत्याशी चुने जा सकते हैं जो अपने व्यक्तिगत छवि के आधार पर 40% वोट बटोर सके। जहां कांग्रेस पार्टी से एक मात्र देवेंद्र यादव या राजेन्द्र साहू का चेहरा दिखाई दे रहा है वहीं बीजेपी हालांकि में हुए हार के बाद नए चेहरे को आजमा सकती है। सूत्रों की मानें तो बीजेपी हाई कमान इस बार हारे हुए चेहरे से दूरी बरतना चाहती है और साफ़ सुथरी छबि वाले युवा के नाम पर विचार कर रही है। जातीय समीकरण को देखा जाए तो एक यादव समाज का एक युवा ओबीसी चेहरा बहुत तेजी से उभर रहा है। प्रोफ़ेसर जय प्रकाश यादव, जो फिलहाल भाजपा युवा मोर्चा के सोशल मीडिया सेल के प्रदेश संयोजक हैं और सोशल मीडिया में उनकी सक्रियता भी अच्छी है। जय प्रकाश यादव के साथ युवाओं का समर्थन भाजपा के लिए लाभकारी हो सकता है।यह चुनाव काफ़ी रोचक रहेगा जब दोनों ही दल अपने दमदार प्रत्याशी को चुनावी मैदान में उतारेंगे हालांकि नए चेहरे जीत दर्ज कराने में सफल हो सकते हैं।दुर्ग में हेमचंद यादव के निधन के पश्चात पुत्र अथवा बेवा पत्नी को टिकट नही दी गयी थी ।जिससे यादव समाज सहित छत्तीसगढ़िया लाबी आज भी बीजेपी से नाराज बैठी हैं ।भिलाई नगर निगम में निर्मला यादव रह चुकी है एवं देवेंद्र यादव वर्तमान महापौर हैं दुर्ग लोकसभा क्षेत्र में साहू समाज के बाद यादव समाज का वर्चस्व रहा है ।ऐसे में लोप्रोफ़ाइल कार्यकर्ता हाई प्रोफाइल नेताओ को चुनाव हरवायेगा इस चुनाव में इसकी सम्भावना अधिक है ।

दोनो पार्टियां युवाओं को लुभाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। जहां मोदी को जीताने के लिए भाजपा द्वारा “मेरा पहला वोट मोदी” के नाम से कैंपेन चलाया जा रहा है वहीं कांग्रेस भी राहुल और प्रियंका को युवाओं को लुभाने में ताकत झोंक चुकी है।

दोनो ही पार्टियां फर्स्ट टाइम वोटर्स को साधने में जुटी है, ऐसे समय में युवा प्रत्याशियों पर दांव खेला जा सकता हैं।

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