छत्तीसगढ़
स्तनपान हेतु जागरूकता के साथ-साथ किया जा रहा पौष्टिक आहार का वितरण

स्तनपान हेतु जागरूकता के साथ-साथ किया जा रहा पौष्टिक आहार का वितरण
नारायणपुर 6 अगस्त, 2020- प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी विश्व स्तनपान सप्ताह का आयोजन 1 से 7 अगस्त तक जिले के दोनो विकासखंडों नारायणपुर और ओरछा में किया जा रहा है। स्तनपान सप्ताह के दौरान कार्यकर्ताओं के द्वारा घर-घर जाकर टेक वे के माध्यम से स्तनपान के सम्बंध में विस्तृत जानकारी दी जा रही है। वहीं मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत् गर्भवती महिला, एनीमिक महिलाएं एवं कुपोषित बच्चों को मूंगफल्ली चिक्की एवं रेडी टू ईट का भी वितरण कर रही हैं। स्तनपान सप्ताह का उद्देश्य लोगों में शिशुओें के स्वास्थ्य में सुधार लाने के लिये स्तनपान के बारे में जागरूकता पैदा करना है। बच्चे के लिये मां का दूध उपयुक्त एवं प्राकृतिक भोजन है। इससे बच्चे को परिपूर्ण पोषक तत्व, एंटीबॉडी, प्रतिरक्षण तत्व प्राप्त होते हैं। इससे बच्चे बैक्टिरिया और वायरस से लड़ने में सक्षम हो जाता है। यह बच्चे की सभी जरूरतों को पूरा करता है, चाहे बच्चे का जन्म समय से पहले ही क्यों न हो गया हो। इसके अलावा मां का दूध बच्चे को दस्त, ब्रोंकाइटिस, निमोनिया, एलर्जी से भी बचाता है। जन्म के एक घंटे के अन्दर बच्चे को पहला स्तनपान करवाया जाता है, जो अगले छह माह तक जारी रहता है। इस दौरान मां का दूध ही बच्चे का आहार होता है। बच्चे को ऊपर से कुछ भी देने की जरूरत नहीं है।
महिला एवं बाल विकास अधिकारी श्री रविकांत ध्रुर्वे ने जानकारी देते हुए बताया कि इस वर्ष स्तनपान सप्ताह की मुख्य थीम एक स्वस्थ ग्रह के लिये स्तनपान का समर्थन करें है। इस थीम का मुख्य उद्देश्य मां एवं नवजात शिशु के लिये स्तनपान की सुरक्षात्मक भूमिका, पर्यावरण पर डिब्बाबन्द दूध के हानिकारक प्रभावों तथा स्तनपान को बढ़ावा देने के लिये विभिन्न स्तरों पर सामुदायिक जागरूकता लाना है। इसीलिये आमजन से यह अपील है कि वे घर-घर बस यही सन्देश पहुंचाये कि नवजात को नियमित स्तनपान करायें।