छत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई

एक ही भूमि को लेकर दो पक्ष हुए आमने सामने

न्यायालय के बाद पुलिस के पास पहुंचा मामला

दुर्ग। ग्राम धनोरा स्थित खसरा नम्बर-654 की भूमि का विवाद दो पक्षों में बढ़ता ही जा रहा हैं। यह विवाद अब न्यायालय के बाद पुलिस थाना तक पहुँच गया है। एक पक्ष अब्दुल मोबिन एमआईजी हुडक़ो भिलाई के  निवासी है, जबकि दूसरा पक्ष वंदना पटेल मैत्रीनगर रिसाली भिलाई की निवासी हैं। भूमि के अधिकार को लेकर दोनों पक्षों के अपने-अपने दावे हैं। वंदना पटेल ने कोर्ट द्वारा पक्ष में फैसला देने व डिक्री पारित करने की बात कही गई थी। जिसे अब्दुल मोबिन ने सिरे से खारिज करते हुए भ्रामक कथन बताया है। सोमवार को प्रेसवार्ता में अब्दुल मोबिन ने दस्तावेज साक्ष्य प्रस्तुत करते हुए बताया कि ग्राम धनोरा में खसरा नम्बर-654/2 की 4 हजार 8 सौ वर्गफीट भूमि के स्वामी मेरी बेटी व दमाद है । इस जमीन की रजिस्ट्री 2007 की है। वहीं पास में खसरा नम्बर 654/7 की 4 हजार वर्गफीट भूमि वंदना पटेल ने क्रय की है। भूमि की रजिस्ट्री 2011 में करवाई गई है। अब्दुल मोबिन ने बताया कि खसरा नम्बर 654/2 की भूमि पर मेरे द्वारा बाउंड्रीवाल का निर्माण किया गया, तो वंदना द्वारा बेनामें व ऋण पुस्तिका के आधार पर उक्त भूमि को अपना बताते हुए कोर्ट में दावा पेश किया गया। जिसके विरूद्ध मैंने कोर्ट में भूमि की सीमांकन रिपोर्ट एवं अन्य दस्तावेज प्रस्तुत किए, लेकिन वंदना सीमांकान को चुनौती नहीं दे पाई । वह स्थल को भी चिन्हांकित नहीं कर पाई । जिसकी वजह से कोर्ट ने वंदना का दावा खारिज कर दिया । कोर्ट के आदेश का उल्लेख करते हुए अब्दुल मोबिन के अधिवक्ता आशीष कुमार तिवारी ने बताया कि व्यवहारवाद में न्यायालय ने वंदना पटेल को भूमि 654/7 का स्वामी होना रजिस्ट्री दस्तावेज के आधार पर माना, किन्तु परिणामिक अनुतोष स्थायी निषेधाज्ञा का आदेश देने से इस आधार पर इंकार कर दिया कि वंदना पटेल यह साबित नहीं कर पाई कि उसकी भूमि खसरा नं. 654/7 पर बाउंड्रीवाल बनाया गया है । न्यायालय ने मोबिन की बेटी व दामाद के  बैनामा 654/2 का रकबा 4800 वर्गफीट होना मानकर सीमांकान को जो कि प्रदर्श डी-3 व प्रदर्श डी-4 था, को प्रदर्श डी-1 व प्रदर्श डी-2 के आधार पर सही माना है । जिसके कारण वंदना पटेल का दावा खारिज कर दिया गया है ।  अब्दुल मोबिन ने कहा है कि अगर वंदना फिर से भूमि का सीमांकन करवाना चाहती है तो हम तैयार हैं । उन्होंने बताया कि बेटी व दामाद के हक के भूमि पर बाउंड्रीवाल निर्माण करवाया गया था । जिसे वंदना पटेल ने जेसीबी की मदद से तोड़वा दिया । यह अवैधानिक कृत्य और इसमें नुकसान उठाना पड़ा है। जिसके खिलाफ पुलिस उचित कार्यवाही करे । प्रेसवार्ता के दौरान अब्दुल मोबिन, उनकी पत्नी शायदा, अधिवक्ता आशीष कुमार तिवारी भी मौजूद थे ।

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