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*विक्रम सिंह ‘अपना’ बने ‘शिकसा’ काव्य धारा के प्रथम विजेता*

नंदिनी अहिवारा से राकेश जसपाल

राज्यस्तरीय बहुआयामी संस्था शिक्षक कला व साहित्य अकादमी छ. ग. द्वारा आयोजित पहले साप्ताहिक ऑनलाईन ‘काव्य धारा’ प्रतियोगिता में विक्रम सिंह ने अहिवारा नगर का गौरव बढ़ाया। उन्होंने इस गरिमामय कार्यक्रम में अपनी हास्य रचना ‘लंगोट देवता’ को प्रस्तुत किया। इसमें उन्होंने जीवन में सफलता पाने का सच्चा मार्ग हास्य रचना द्वारा निरूपित किया। उनके इस काव्य प्रस्तुति पर विद्वान निर्णायक श्री अर्जुन कश्यप जी ‘आकाश’ बेमेतरा ने उन्हें प्रथम विजेता घोषित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता शिक्षाविद श्री प्रमोद आदित्य जी सिवनी, चाम्पा ने की। कला साहित्य अकादमी के संयोजक डॉक्टर शिवनारायण देवांगन ‘आस’ जी ने कवि विक्रम सिंह ‘अपना’ की उपलब्धि पर बधाई देते कहा कि राज्य स्तरीय ऑनलाईन काव्य प्रतियोगिता में प्रथम आकर श्री विक्रम ‘अपना’ ने दुर्ग जिले के साथ अपने गृहनगर अहिवारा का नाम भी रोशन किया है। अकादमी उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करती है। इस गरिमामयी कार्यक्रम के आमंत्रित कवियों में श्री विक्रम सिंह ग्रंथपाल रुआबांधा भिलाई के अलावा श्रीमती हर्षा देवांगन-व्याख्याता- डौडीलोहारा बालोद, श्री डी.के.श्रवण-व्याख्याता- खलारी बालोद, श्रीमती अंजुम शेख-शिक्षक धरसीवा रायपुर, श्री कुलदीप सिंह शर्मा-शिक्षक हथखोज भिलाई थे। गौरतलब है कि श्री विक्रम सिंह ‘अपना’ साहित्य के अलावा अनूठी मेटल चित्रकारी व गायन विधा में भी अपनी अलग पहचान बना चुके हैं। उनकी मेटल स्केच पेंटिंग की प्रदर्शनी छत्रपति शिवाजी इंजीनियरिंग कॉलेज दुर्ग में अकादमी द्वारा लगाई जा चुकी है। राज्य के विभिन्न जिलों से कार्यक्रम में सम्मिलित समस्त शिक्षक साथियों, साहित्यकारों व दुर्ग जिला साहित्य अकादमी के सभी पदाधिकारियों ने श्री विक्रम सिंह की इस उपलब्धि पर उन्हें बधाई प्रेषित की है। कार्यक्रम का सफल संचालन अकादमी के संयुक्त सचिव श्री बोधिराम साहू जांजगीर द्वारा किया गया व आभार प्रदर्शन प्रदेश संगठन मंत्री श्री जितेंद्र रत्नाकर ने किया।

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