जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी और मालखरौदा बीएमओ डॉक्टर कत्यायनी की मिलीभगत होने की बू आ रही है

जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी और मालखरौदा बीएमओ डॉक्टर कत्यायनी की मिलीभगत होने की बू आ रही है
कोमल मनहर को इस कोरोना कॉल लाकडाउन में बार बार लेटर के माध्यम से जिला चिकित्सालय बयान के लिये बुलवाया जा रहा है
मालखरौदा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के विवादों से भरा बीएमओ डॉ. कत्यायनी की 10 हजार रुपये घुस की मांग कोमल मनहर से की गई थी उसका अब तक कोई उचित कार्यवाही नही हुआ है ऐसा लगता है कि मामले को दबाने का प्रयास जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा किया जा रहा है तभी तो कोमल मनहर के पूरे परिवार को बार बार लेटर भेजकर जिला मुख्यालय में बुलाया जा रहा है,जबकि इस कोरोना वैश्विक महामारी में शासन प्रशासन के द्वारा बार बार लॉकडाउन किया जा रहा है तो इस स्थित में गरीब कोमल मनहर अपने परिवार को सहित जिला मुख्यालय में बयान देने कैसे जा सकता है, लगता है कि जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी और मालखरौदा बीएमओ की मिलीभगत की बू आ रही है,तभी तो एक पीड़ित परिवार को और परेशान किया जा रहा है, कोमल मनहर की तरह और भी मामले को मुख्य चिकित्सा अधिकारियों द्वारा पीड़ित के घर जाकर उनके बयान लिये गये हैं परंतु कोमल मनहर के मामले में जिला चिकित्सा अधिकारी साहब उन्हें जिला मुख्यालय में किस बात को लेकर बार बार बुलावा लेटर भेज देते हैं,इस बारे में कोमल मनहर ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी जाँच समिति को पत्र लिखकर यह गुहार लगाई है कि महोदय हम गरीब परिवार से है और हमारे जिला मुख्यालय आने जाने में बहुत ही परेशानी होती है इस लाकडाउन की वजह से हमे सबसे ज्यादा परेशानी होगी,तो महोदय आप खुद हमारे घर आकर बयान ले सकते हैं या हमारे जिला मुख्यालय आने जाने के लिये शासन की वाहन मुहैया करवाएं ताकि हमें आने जाने में कोई दिक्कत न हो,ऐसा चर्चा करने के लिये कोमल मनहर ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी एस.आर.बंजारे जी से कई बार फोन कॉल किया गया तो साहब ने कोमल मनहर के फोन को रिसीव नही किये,इससे साफ पता चल रहा है कि मालखरौदा बीएमओ डाक्टर कत्यायनी और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों की मिलीभगत लगती है।