सुप्रसिद्ध वास्तुविद् लैण्डस्कैप बी.डब्लू.नान्देड़कर नहीं रहे

भिलाई। हिन्दुस्तान के जाने-माने वास्तु विद् लैण्डस्कैप बी.डब्लू.नान्देड़कर का लम्बी बीमारी के बाद सेक्टर 9 चिकित्सालय में निधन हो गया। उनका जन्म 13 मार्च 1935 हो हुआ था। लैण्डस्कैप आर्किटेक्ट की विशेष योग्यता के साथ सेल के बीईडीबी विभाग में चीफ आर्किटेक्ट के पद से रिटायर होने के बाद उन्होंन प्राईवेट प्रेक्टिस शुरू की। क्षेत्र के कई इमारतों की डिजाईन उनके द्वारा किया गया। इस्पात नगरी को हरा-भरा और खूबसूरत लैण्डस्कैप में उनका विशेष योगदान रहा। महाराष्ट्र मंडल तथा नेहरू नगर ज्येष्ठ नागरिक मंच के आधार स्तंभ थे। उन्होंने दि इंडियन इन्स्टीट्यूट ऑफ आर्किटेक्चर के दुर्ग-भिलाई सेन्टर की स्थापना करायी तथा मध्य क्षेत्र के चेयरमेन रहे। उनके मार्ग दर्शन में दुर्ग-भिलाई सेन्टर ने आईआईए की सेन्ट्रल रीजनल कॉन्फ्रेन्स करायी तथा सजावट नामक बिल्डिंग मटेरियल प्रदर्शनी का सफल आयोजन किया गया। छत्तीसगढ़ के वास्तुविदों को राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति और मान्यता दिलाने में उनका विशेष योगदान रहा। वे बहुत ही सामाजिक, सरल तथा अद्भुत संगठनीय क्षमता के धनी व्यक्ति थे। वे अपने पीछे पत्नी एक पुत्री और पुत्र अभिजीत सहित भरा पूरा परिवार छोड़ गये हैं। आईआईए दुर्ग-भिलाई तथा छत्तीसगढ़ के वास्तुविदों ने उनके निधन पर अपनी संवेदनायें व्यक्त की हैं। 24 जुलाई को सुबह उनकी अंत्येष्ठी की जायेगी।