क्या छत्तीसगढ़ शासन का जनसम्पर्क विभाग, छत्तीसगढ़ की दो महान विभूतियों में भेदभाव कर रहा है? – प्रकाशपुंज पाण्डेय
क्या छत्तीसगढ़ शासन का जनसम्पर्क विभाग, छत्तीसगढ़ की दो महान विभूतियों में भेदभाव कर रहा है? – प्रकाशपुंज पाण्डेय
रायपुर, 23 जुलाई 2020 :
राजनीतिक विश्लेषक और समाजसेवी प्रकाशपुंज पांडेय ने एक बार फिर बड़ी ही बेबाक़ी से मीडिया के माध्यम से एक ध्यान देने योग्य विषय पर जनता और सरकार का ध्यानाकर्षण करते हुए अपनी प्रेस विज्ञप्ति में लिखा है कि जहां हम छत्तीसगढ़ की महान विभूतियों को सम्मान देने के लिए उनकी जन्मतिथि और पुण्यतिथि पर उन्हें याद करते हैं, वहीं क्या दूसरी ओर छत्तीसगढ़ का जनसंपर्क विभाग दो महान विभूतियों में भेदभाव करता है?
प्रकाशपुन्ज पाण्डेय ने कहा कि ध्यान देने योग्य बात यह है कि 19 जुलाई को स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, समाज-सुधारक, कमजोर तबकों के उन्नायक, चिंतक, विचारक और छत्तीसगढ़ राज्य के प्रथम स्वप्नदृष्टा स्वर्गीय श्री खूबचंद बघेल जी की जयंती थी और आज 23 जुलाई को स्वर्गीय श्री बिसाहू दास महंत जी की पुण्यतिथि है जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के रूप में आज़ाद भारत का जो सपना देखा था उसे साकार करने के लिए अपना जीवन सार्वजनिक कार्यों में समर्पित कर दिया, जिन्होंने अविभाजित मध्यप्रदेश के विधायक तथा मंत्री के रूप में अपनी अमूल्य सेवाएं देते हुए छत्तीसगढ़ में सिंचाई और सड़क अधोसंरचना के विकास हेतु अद्वितीय योगदान दिया तथा हसदेव – बांगो परियोजना का सामना देखा।
लेकिन उल्लेखनीय है कि 19 तारीख को जनसंपर्क विभाग द्वारा प्रदेश के अधिकतर मीडिया वालों को विज्ञापन जारी किया गया लेकिन आज 23 जुलाई को गिने चुने मीडिया वालों को ही विज्ञापन जारी किया गया है। ऐसा भेदभाव क्यों? क्या यह कोई माननीय भूल है या फिर कुछ और? और अगर यह मानवीय भूल है तो संबंधित विभाग के अधिकारियों पर उचित कार्रवाई होनी चाहिए क्योंकि प्रदेश का हर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी प्रदेश की धरोहर है और उतना ही महत्वपूर्ण है।
ज्ञात हो कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व. श्री बिसाहू दास महंत की पुण्यतिथि पर उन्हें याद किया और आज प्रदेश में ‘स्व. बिसाहू दास मंहत सर्वश्रेष्ठ बुनकर पुरस्कार योजना’ फिर से शुरू करने की घोषणा की है। ग़ौरतलब है कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा प्रदेश में बुनकरों को प्रोत्साहित करने के लिए श्रेष्ठ बुनकरों को यह पुरस्कार प्रदान किया जाएगा।
जब स्वयं मुख्यमंत्री स्वर्गीय बिसाहू दास महंत जी की पुण्यतिथि पर उन्हें याद कर रहे हैं और श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं तो फिर छत्तीसगढ़ शासन का जनसंपर्क विभाग ऐसी भूल क्यों और कैसे कर सकता है?
*प्रकाशपुन्ज पाण्डेय,*
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