छत्तीसगढ़

वर्चुअल पटल मं हरेली तिहार के विषय मं बिचार गोष्ठी के आयोजन होइस।

वर्चुअल पटल मं हरेली तिहार के विषय मं बिचार गोष्ठी के आयोजन होइस।

सराईपाली- हरेली तिहार के उपलक्ष्य मं कला, संस्कृति अऊ पर्यावरण के संरक्षण बर समर्पित साहित्यिक संस्था काव्य संसद छत्तीसगढ़ के वर्चुअल पटल मं बिचार गोष्ठी के आयोजन होइस। कार्यक्रम के प्रारंभ छत्तीसगढ़ महतारी के छायाचित्र मं फूल अऊ माल्यार्पण के संग होइस । एखर बाद समूह मं राजकीय गीत अरपा पैरी के धार के प्रस्तुति होइस। ए गोष्ठी मं माई पहुना के रूप मं उर्मिला सिदार, अऊ बिशेष पहुना के रूप मं नलिनी बाजपेयी आउ माधवी गणवीर मंचस्थ रिहिन,कार्यक्रम के अध्यक्षता काव्य संसद समूह के डिग्रीलाल जगत निर्भीक करीन। हरेली के तिहार यानी खेती-किसानी के तिहार आय। ये तिहार मं खेती मं काम अवईया कृषि उपकरण जइसे गैती, रापा, कुदारी अऊ पशुधन के पूजा करे जाथे। इही संबंध मं जानकारी देवत समूह के वक्ता मन कहिन कि बिहिनियाँ किसान मन अपन जम्मों कृषि उपकरण मन के सफाई करथे,अऊ घरोघर गुड़ के चिला तको बनाये जथे। हरेली के दिन गांव मं जम्मों ग्रामीण मन अपन-अपन कुल देवी- देवता मन के पूजा करथे। ए दिन पशुधन मनला बिमारी ले रक्षा करे खातिर भी बगरंडा के पान अऊ नुन खवाये के परंम्परा तको हवे। हरेली के संदर्भ मं काव्य संसद के संस्थापक पुखराज प्राज कहिन कि, हरेली के दिन नरिहर के बाजी के खेल होथे, गेंड़ी के पूजा करे के बाद गेंड़ी दौड़ के परम्परा तको अब कम देखे ल मिलथे।हरेली हम सबो तबका जाति धर्म के मनखे मन ल एक जूट होए के संदेशा देथे। जईसे आज के दिन लोहार मन घरो-घर जाके मुहाटी(चौखट) मं नीम का डारा, परसा के डारा अऊ खिला लगाथे। ये परम्परा हमर धरोहर हरे जेला हमर नवा पीढ़ी तक पहुचाना अवश्यक हवे।

कार्यक्रम के अध्यक्षता डिग्री लाल जगत निर्भीक सदस्य मनला अपन संबोधन में नानपन के विषय मं चर्चा करत हरेली पर्ब के बिषय मं जानकारी रखिन। गोष्ठी के बिशेस पहुना नलिनी बजपेयी हरेली के महत्व अऊ पर्ब मनाये के बारे मं बिचार रखिन। माई पहुना के आसिंदी मं बिराजे उर्मिला सिदार जी अपन संबोधन मं हरेली के पर्ब अऊ आज के दिन महत्व के संबंध मं बिचार रखिन।

बिचार रखे के क्रम मं जांजगीर-चांपा ले गिरधारी लाल चौहान, दुर्ग ले प्रिया गुप्ता, महासमुन्द ले विनोद कुमार जोगी, रायगढ़ ले गुलशन खम्हारी, पुष्पा पटनायक, अजय पटनायक, बलौदाबाजार ले संतराम कुम्हार,कांकेर ले मीरा आर्ची चौहान,राजनांदगांव ले ओमप्रकाश साहू,दुर्ग ले सीमा साहू हरेली के बरणन अपन अपन ब्याख्यान के माध्यम ले करिन। कार्यक्रम के सफल संचालन काव्य संसद सह संस्थापक सुन्दर लाल डडसेना मधुर अऊ कार्यक्रम मं सम्मिलित साहित्यकार मनके अऊ जम्मों बिचार गोष्ठी मं बिचार रखइया मन के आभार प्रदर्शन काव्य संसद के संस्थापक पुखराज प्राज करीन।

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