कलेक्टर ने कहा कबीरधाम जिले में स्थिति नियंत्रण में, अफवाहों पर ध्यान न दें, लॉकडाउन करने से पहले सर्व साधारण को दी जाएगी सूचना
लॉकडाउन के अफवाह फैलाने और खाद्य सामाग्रियों का जमाखोरी कर अधिक दाम में बेंचने वालों पर होगी सख्ती से कार्यवाही
कलेक्टर ने कहा कबीरधाम जिले में स्थिति नियंत्रण में, अफवाहों पर ध्यान न दें, लॉकडाउन करने से पहले सर्व साधारण को दी जाएगी सूचना
कवर्धा 19 जुलाई 2020। कोरोना वायरस कोविड-19 के रोकथाम एवं नियत्रंण तथा उनके बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए राज्य शासन के निर्देश पर जिला प्रशासन द्वारा आवश्यक चौकसी बरती जा रही है। जिले में लॉकडाउन को लेकर अलग-अलग अफवाहें फैलायी जा रही है। इसके साथ ही खाद्य एवं आवश्यक जरूरतमंद सामाग्रियों की जमाखोरी एवं मूल्य से अधिक दर पर बिक्री करने की शिकायतें मिल रही है। कलेक्टर श्री रमेश कुमार शर्मा ने शिकायतों को संज्ञान में लेते हुए कहा है कि कोविड-19 कोरोना वायरस के रोकथाम एवं नियत्रंण के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएं जा रहे है। जिले में अभी स्थिति नियंत्रण पर है। राज्य सरकार के निर्देश पर स्वास्थ्य अमलों द्वारा सैंम्पल अधिक लिए जा रहें है। वर्तमान में कबीरधाम जिले में पूर्णतः लॉकडाउन करने की स्थिति निर्मित नहीं हुई है। लॉकडाउन करने अफवाहों पर ध्यान न दें। कलेक्टर ने समस्त अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, पुलिस, नगरीय निकाय एवं खाद्य विभागों की संयुक्त टीम गठित का आवश्यक खाद्य पदार्थो की जमाखोरी करने और निर्धारित मूल्य से अधिक दर पर बिक्री करने वालों पर कड़ी निगरानी रखने एवं उन संस्थानों का औचक निरीक्षण करने के लिए सख्त निर्देश दिए है। उन्होंने कहा है कि जमाखोरी करने और निर्धारित मूल्य से अधिक दर पर बिक्री करने की शिकायत जांच के दौरान सहीं पाई जाती है तो ऐसी स्थिति में संबंधित संस्थानों पर प्रतिबंधात्मक आवश्यक कड़ी कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा है कि आने वाले समय में जिले में पूर्णतः लॉकडाउन करने की स्थिति निर्मित होती है तो ऐसी स्थिति में लॉकडाउन करने से पूर्व सर्व साधारण को इसकी सूचना दी जाएगी।
कलेक्टर श्री रमेश कुमार शर्मा ने महामारी रोग अधिनियम, 1897 (1897 का 3) की धारा 2, 3 एवं 4 के अधीन निर्मित छत्तीसगढ़ महामारी रोग कोविड -19 विनियम, 2020 के विनियम द्वारा प्रदत शक्तियों का प्रयोग करते हुये जिले में कोविड-19 के संक्रमण के प्रसार के रोकथाम के लिए रक्षात्मक उपायों को अपनाने एवं उसका पालन कराये जाने के लिए अधिकारियों को दिशा- निर्देश जारी किए है।
कलेक्टर श्री शर्मा ने बताया कि सार्वजनिक स्थलों, कार्यालयों, अस्पतालों, बाजारों एवं भीड़-भाड़ वाले स्थानों, गलियों में आने-जाने वाले प्रत्येक व्यक्ति द्वारा मारक फेस कवर धारण किया जाना अनिवार्य होगा। कार्यालय, कार्य स्थलों एवं फैक्ट्री आदि में कार्य करने वाले प्रत्येक व्यक्ति द्वारा मारक, फेस कवर धारण किया जाना अनिवार्य होगा। दो पहिया, चार पहिया वाहन के द्वारा यात्रा करने वाले प्रत्येक व्यक्ति को मास्क पहनना अनिवार्य होगा। उपरोक्त के लिए डिस्पोजेबल मास्क तथा कपड़े के मास्क का प्रयोग किया जा सकता है। फेस कवर, मास्क उपलब्ध न होने की स्थिति में गमछा, रुमाल, दुपट्टा इत्यादि का भी फेस कवर के रूप में प्रयोग किया जा सकता है बशर्ते मुंह एवं नाक पूरी तरह से ढका हो। कपड़े का मास्क, फेस, कवर, गमछा, रुमाल , दुपट्टा इत्यादि का पुनः प्रयोग साबुन से अच्छी तरह से साफ किए बिना न किया जाये। सार्वजनिक स्थलों पर थूकना प्रतिबंधित है। होम क्वारेन्टाईन में रहने वाले व्यक्तियों को शासन द्वारा समय-समय पर जारी होम क्वारेन्टाईन संबंधी समस्त दिशा-निर्देशों का पालन किया जाना अनिवार्य होगा। दुकानों, व्यवसायिक संस्थानों द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग, फिजिकल डिस्टेंसिंग संबंधी दिशा-निर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा।
कोविड-19 के संक्रमण के रोकथाम एवं नियमों के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु राज्य शासन द्वारा समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किए जाने की दशा में महामारी रोग अधिनियम, 1897 (1897 का 3) के अधीन निर्मित विनियम के तहत् निम्नानुसार जुर्माना अधिरोपित किया जायेगा। सार्वजनिक स्थलों में मास्क, फेस कवर नहीं पहनने की स्थिति में 100 रुपए, होम क्वारेन्टाईन के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किए जाने की स्थिति में 1000 रुपए,
सार्वजनिक स्थलों पर थूकते हुये पाये जाने की स्थिति में 100 रूपए, दुकानों, व्यवसायिक संस्थानों के मालिकों द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग, फिजिकल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन किये जाने की स्थिति में 200 जुर्माना है। महामारी रोग अधिनियम, 1897 (1897 का 3) के प्रावधानों के अधीन जिला मजिस्ट्रेट द्वारा प्राधिकृत अधिकारी, नायब तहसीलदार, सहायक उप-निरीक्षक (ए.एस.आई .) से अनिम्न अधिकारी द्वारा ही उपरोक्त जुर्माने की राशि की वसूली की जा सकेगी तथा जुर्माना अदा न करने की स्थिति में संबंधित व्यक्ति के विरुद्ध महामारी रोग अधिनियम, 1897 (1897 का 3) के अधीन निर्मित विनियम, 2020 के विनियम 14 एवं भारतीय दण्ड संहिता, 1860 (1860 का 45) की धारा 188 के अन्तर्गत दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी।