तीन तलाक पर आधारित फिल्म फिर उसी मोड़ पर का प्रदर्शन 29 मार्च को
मशहुर लेखक लेख टंडन ने लिखी है फिल्म की पाठकथा
छग के एक्टर संजय बत्रा सहित कई नामी कलाकारों ने किया है काम
दुर्ग । मुस्लिम समाज में प्रचलित तीन तलाक की प्रथा का निराकरण देश में ज्वलंत मुद्दा बना हुआ है। तीन बार तलाक मात्र भर कह देने से एक पति अपनी पत्नी को अपने जीवन से बेदखल कर देता है। यह प्रथा महिलाओं के सम्मान की दृष्टि से ठीक नहीं है। एक महिला शादी के बाद अपना सब कुछ छोडक़र पति के घर आती है। उसके भी अपने आरमान होते हैं। महिलाओं को भी पुरूषों के समान पूरा अधिकार व सम्मान मिलना चाहिए। सम्मान के लिए मुस्लिम समाज की महिलाएँ भी अब तीन तलाक प्रथा के विरोध में खड़ी हो चुकीहैं। फिल्मों के माध्यम से भी इस पुरानी कुरीति के खिलाफ जंग छेड़ा गया है। तीन तलाक प्रथा के विरोध में आधारित फिल्म फिर उसी मोड़ पर इसका बड़ा उदाहरण है। महिलाओं के सम्मान के दिशा में यह फिल्म मील का पत्थर साबित होगी। यह बाते फिल्म फिर उसी मोड़ पर के सह-डायरेक्टर व सह-राइटर सुरेश प्रेमवती बिसनोई (मुंबई) ने बुधवार को पत्रकारों से चर्चा मेंं कही। इस दौरान फिल्म के डिस्ट्ब्यूर्ट भैय्यालाल ताम्रकार, नरेन्द्र ताम्रकार, जितेन्द्र ताम्रकार भी मौजूद थे। सह-डायरेक्टर सुरेश प्रेमवती बिसनोई ने बताया कि फिल्म फिर उसी मोड़ पर 29 मार्च को छत्तीसगढ़ के सभी सिनेमाघरों में रिलीज की जाएगी। फिल्म के लेखक व निर्देशक स्व. लेख टंडन हैं। उन्होंने फिल्म प्रोफेसर, आम्रपाली, झूक गया आसमान, जहाँ प्यार मिले, प्रिंस, आंदोलन, दुल्हन वही जो पिया मन भाये एवं अन्य फिल्मों में खूब प्रशंसा हासिल की है। फिल्म में अभिनेता कंवलजीत सिंह, परमीत सेठी, एस.एस. जहीर, नायिका जिविधा आष्टा, शिखा इटकान, संजय बत्रा, गोविद नामदेव, स्मिता जयकार, कनिका बाजपेई एवं अन्य कलाकारों ने अपने किरदार के साथ पूरा-पूरा न्याय किया हैं। फिल्म में गीत-संगीत काफी कर्णप्रिय है। गायिका कनिका बाजपेई व गायक जावेद अली ने फिल्म में अपने आवाज दिए है। यह फिल्म नायिका जिविधा (नाज) पर केन्द्रित हैं। नाज फिल्म में तलाक का दंश झेलती हैं। जिसकी पुर्रावृत्ति उसका पुत्र भी अपनी पत्नी के साथ करता है। एैसी स्थिति में नाज फिर उसी मोड़ पर आ खड़े होती है और फिर अपने बेटे की नाइंसाफी व तीन तलाक की कुरीति के खिलाफ जंग का आगाज कर देती है। फिल्म के निर्माता त्रिनेत्र बाजपेई हैं। उन्होंने 6 महीने में 2 घंटे 31 मिनट की यह फिल्म बनाई है।