छग स्वाभिमान मंच ने निर्वाचन आयोग के चुनावी कार्यक्रम पर उठाए सवाल

दुर्ग। लोकसभा चुनाव के कार्यक्रम भाजपा की सुविधा को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है। छत्तीसगढ़ में तीन चरण और आंध्र प्रदेश में एक चरण में, जबकि दोनों ही नक्सल प्रभावित राज्य हैं। जम्मू कश्मीर में लोकसभा चुनाव के साथ विधान सभा का चुनाव नहीं कराना समझ से परे है। जिन राज्यों में भाजपा और एनडीए के मित्र दलों के जीतने की संभावना है वहां सिर्फ एक चरण का चुनाव, जब वोटिंग मशीन में प्रत्याशी के फोटो होंगे तब पार्टियों के चुनाव चिन्ह की आवश्यकता नहीं है। यह सवाल छत्तीसगढ़ स्वाभिमान मंच के संयोजक राजकुमार गुप्ता ने चुनाव आयोग द्वारा लोकसभा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के बाद दुर्ग के तीर्थराज पैलेस में छत्तीसगढ़ स्वाभिमान मंच की केंद्रीय कार्यकारिणी की बैठक में उठाए। उन्होने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में तीन चरण में और आंघ्रप्रदेश में सिर्फ एक चरण में चुनाव कराये जा रहे हैं । जम्मू कश्मीर में लोकसभा चुनाव के साथ विधान सभा चुनाव नहीं कराने के चुनाव आयोग के निर्णय की आलोचना की। गुजरात सहित उन राज्यों में जहां भाजपा और एनडीए के सहयोगी दलों के जीतने की संभावना अधिक है। उन राज्यों में सिर्फ एक चरण में मतदान कराये जा रहे हैं, ताकि गैर भाजपा दलों को उन राज्यों में प्रचार करनें में असुविधा हो जबकि जहां भाजपा या एनडीए के सहयोगी दलों के जीतने की संभावना अपेक्षाकृत कम है उन राज्यों में दो या अधिक चरणों में चुनाव कराये जा रहे हैं ताकि भाजपा को राज्य में चुनाव प्रचार करने के लिये अधिक अवसर मिल सके। छत्तीसगढ़ स्वाभिमान मंच की केंद्रीय कार्यकारिणी नें वोटिंग मशीन में प्रत्याशी के फोटो शामिल करने की निर्णय की सराहना की है किंतु मशीन से दलों के आरक्षित चुनाव चिन्ह नहीं हटाने के लिए आयोग की निन्दा की है, मंच का कहना है कि मान्यता प्राप्त दलों के आरक्षित चुनाव चिन्ह के बजाय चुनाव गैर बराबरी का हो जाता है, मान्यताप्राप्त दलों के प्रत्याशी चुनाव जीतने के लिए सुविधाजनक स्थिति में रहते हैं जबकि गैर मान्यता प्राप्त पंजीकृत दल और निर्दलीय योग्य और सक्षम प्रत्याशी जिन्हें चुनाव चिन्ह आबंटन के बाद सिर्फ 15 दिन में प्रचार करने का अवसर प्राप्त होता है के चुनाव न जीत सकने पूरी संभावना रहती है । छत्तीसगढ़ स्वाभिमान मंच की कार्यकारिणी नें छत्तीसगढ़ राज्य के दुर्ग और बिलासपुर लोक सभा के अलावा महाराष्ट्र राज्य के नागपुर लोकसभा चुनाव क्षेत्र से प्रत्याशी खड़े करने का निर्णय लिया है।