भगवान राम के जन्मस्थल अयोध्या में जिस प्रकार का राम मंदिर बन

कांकेर। भगवान राम के जन्मस्थल अयोध्या में जिस प्रकार का राम मंदिर बन
रहा है उसी आकृति का मंदिर शहर के राजापारा में बनाने भूमिपूजन सोमवार को
किया गया। मंदिर निर्माण जहां होना हैवह स्थल बेहद मनोरम है। पीछे गढिय़ा
पहाड़ की प्राकृतिक छटा है तो सामने दूधनदी का तट है। दूधनदी तट में
पाथवे के अलावा मंदिर परिसर में भव्य गार्डन बनेगा। इसके अलावा
भंडारीपारा की ओर से मंदिर तक पहुंचने दूधनदी पर लक्ष्मण झूला भी बनेगा।
मंदिर निर्माण भूमिपूजन समारोह को संबोधित करते विधायक तथा मंदिर निर्माण
करने वाले श्रीराम परमार्थ ट्रस्ट के अध्यक्ष शिशुपाल शोरी ने कहा कांकेर
शहर को धर्मनगरी के रूप में विकसित करने प्रयास किया जा रहा है। कोई भी
शहर जब धर्मनगरी के रूप में विकसित हो जाता है तब उसकी एक अलग पहचान तो
बनती ही है वहां रोजगार के अवसर बढऩे के साथ व्यापार व्यवसाय भी बढ़ता
है। समारोह को संबोधित करते मुख्यमंत्री के संसदीय सलाहकार राजेश तिवारी
ने कहा कांकेर के मंदिर अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर की तरह की बनाया
जा रहा है। बहुत से लोग एसे होते हैं जो अयोध्या इतनी दूर जाकर मंदिर के
दर्शन नहीं कर पाते हैं वे यहीं भगवान राम के दर्शन कर सकते हैं। राम
मंदिर निर्माण के साथ यहां गार्डन, पाथवे, दूधनदी में लक्ष्मण झूला तथा
कुंड बनाने की योजना है। इसके अलावा प्रस्तावित राम मंदिर के पीछे गढिय़ा
पहाड़ चढऩे को रोमांचक बनाते ट्रेकिंग पाइंट बनाया जाएगा। ट्रस्ट के
संरक्षण महावीर सिंह राठौर ने कहा मंदिर निर्माण में बहुत सा धन तथा
परिश्रम लगेगा। भगवान राम के इस काम को करने सभी को आगे आकर सहयोग करना
होगा तभी भगवान राम मंदिर बनाने का जो बीड़ा उठाया गया है वह सफल हो
पाएगा। कार्यक्रम में उपस्थित सभी का आभार प्रदर्शन नगर पालिका अध्यक्ष
सरोज ठाकुर ने करते मंदिर निर्माण में सभी का सहयोग मांगा। इसके पूर्व
पंडित प्रवीण दुबे ने विधिविधान से मंदिर निर्माण के लिए भूमिपूजन
कार्यक्रम कराया। सभी देवताओं का आव्हान किया गया। इसके बाद उपस्थित
महिला पुरूष श्रद्घालुओं ने भूमिपूजन कार्य करने गैंती चलाई। ट्रस्ट
द्वारा सभी उपस्थित श्रद्घालुओं के लिए प्रसाद तथा जलपान की व्यवस्था की
गई थी। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ शिक्षाविद सुरेशचंद्र श्रीवास्तव ने
किया। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से पूर्व पालिका अध्यक्ष जितेंद्र ठाकुर,
आरती श्रीवास्तव के अलावा मंदिर समिती से जुड़े ध्यानचंद केवलरामानी,
श्याम गुप्ता, भरत मटियारा, दिलीप खटवानी, अशोक राठी, हलधर साहू,
राजगोपाल कोठारी, अरूण कौशिक, राजा देवनानी, हरनेक सिंह औजला, दिलीप
जायसवाल, राजीव लोचन सिंह, केडी मिश्रा, रूपेंद्र बैस, मनोज जैन, आनंद
चौरसिया, मकबूल खान, गफ्फार मेमन, सोमेश सोनी, निर्मल माहेश्वरी, अजय
जैन, नितेश उपाध्याय, कृष्णमूर्ति शर्मा, हेमेंद्र साहसी, ओमप्रकाश सेन,
शालिनी राजपूत, सुनीता मोटवानी, जागेश्वरी साहू, गायत्री शर्मा आदि
उपस्थित थे।