गांधी नेहरू जी के विदेश नीतियों का लाभ आज भी मिल रहा है
BHILAI:-देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू एवं शहीद श्रीमति इंदिरा गांधी के विदेश नीतियों के कारण ही आज चीन जैसे देश को सरहद के पीछे हटने के लिए मजबूर होना पड़ा यह गांधी, नेहरू जी के रूस की विदेश नीति आज भी काम आ रहीं है इससे देश को रूस का पूरा सहयोग मिल रहा है। उक्त बातें छत्तीसगढ़ राज्य के पूर्व मंत्री बदरूदीन कुरैशी नें कही। उन्होनें आगे कहा कि सोवियत संघ के विभाजन से पहले भी सांस्कृतिक, सामाजिक, और राजनैतिक स्तर पर दोनों देश का आजादी के बाद से लंबा रिश्ता रहा। इसलिए 1951 में देश के सामने अनाज का गंभीर संकट आ गया था और देश में भूखमरी की नौबत आ गई भारत अमेरिका, रूस दोनों देशों से मदद मांग रहा था उस वक्त अमेरिका अनाज देने के मामले में सोचते रहा और रूस ने 50,000 टन गेहु तुरन्त भेज दिया सन् 1971 में पाकिस्तान के साथ युद्ध हुआ अमेरिका ब्रिटेन संयुक्त अरब अमीरात फ़्रांस और चीन जैसे देश पाकिस्तान के पक्ष में आ गये और भारत को धमकियों के साथ अमेरिका अपना सातवा जहाजी बेड़ा भेज दिया था जो परमाणु हथियारों से लैंस था रूस ने इसके जवाब में अपनी परमाणु पनडूब्बी और नौसेना उन्हें रोकने के लिए भेज दिया था जिसके कारण भारत जंग जीता।
भारत और सोवियत संघ ने मजबूत रक्षा संधि किया था इस दोनों घटना में रूस का समर्थन मिला और भारत की जीत हुई जिसको देशवासी कैसे भूल सकता है आजादी के बाद देश में बेरोजगारी की विकराल समस्या थी रूस से सहयोग लेकर भिलाई इस्पात संयंत्र एवं कलपक्कम परमाणु बिजलीघर का निर्माण किया जिसमें देश के कई हजार शिक्षित बेरोजगारों को रोजगार मिला लाखों परिवारों का आज भी गुजर बसर चल रहा है। और चीन को देश की सरहद से हटना पडा है देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू, शहीद श्रीमति इंदिरा गांधी जी के विदेश नीतियों का आज भी देश को लाभ मिल रहा है।