छत्तीसगढ़

अजित जोगी के निधन के बाद पहले सार्वजनिक कार्यक्रम में शामिल होने से पहले अमित और रेणु जोगी पहुंचे मां महामाया के शरण में

अजित जोगी के निधन के बाद पहले सार्वजनिक कार्यक्रम में शामिल होने से पहले अमित और रेणु जोगी पहुंचे मां महामाया के शरण में

रतनपुर से रवि तम्बोली की रिपोर्ट

अजीत जोगी के निधन के बाद उन्हें दफनाए जाने को लेकर सोशल मीडिया में जबरदस्त गुस्सा देखा गया था। लोगों के बीच उनका धर्म चर्चा का विषय रहा। शायद 19 जून को उनकी प्रार्थना सभा के बाद प्रथम सार्वजनिक कार्यक्रम की शुरुआत इसीलिए रतनपुर मां महामाया के दर्शन के साथ रणनीति के तहत की गई । रतनपुर ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष आनंद जयसवाल की माता राजकुमारी जायसवाल की 13 वी कार्यक्रम में शामिल होने महामाया मंदिर ट्रस्ट के महालक्ष्मी अतिथि गृह पहुंचे क्षेत्रीय विधायक डॉक्टर रेणु जोगी, अमित जोगी और धर्मजीत सिंह सबसे पहले रतनपुर मां महामाया के दर्शन के लिए पहुंचे । इस दौरान डॉ रेणु जोगी ने याद दिलाया कि अजीत जोगी की भी आस्था मां महामाया पर गहरी थी और साल 91 में इंदौर में रहने के दौरान भी 16 सौ किलोमीटर की लंबी यात्रा कर वे मां के दर्शन के लिए पहुंचे थे ।

अमित जोगी ने भी अपने पिता की यादों का स्मरण करते हुए कहा कि पेंड्रा गौरेला मरवाही की जनता उनके लिए उनके पिता के ही समान है जिनके कंधे का सहारा उन्हें हासिल है ,इसलिए उन्होंने उम्मीद जताई कि आगामी चुनाव में भी क्षेत्र की जनता का आशीर्वाद उन्हें मिलेगा । एक लंबे अर्से बाद डॉ रेणु जोगी और अमित जोगी किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में नजर आए। अजीत जोगी को दफनाए जाने के बाद उनके हिंदू होने को लेकर स्थितियां स्पष्ट हो गई थी। शायद उसी डैमेज को कंट्रोल करने के लिए अमित जोगी और रेणु जोगी मां महामाया के दर्शन के लिए पहुंचे और बताया कि देवी मां पर उनकी भी गहरी आस्था है। कभी अमित और अजीत जोगी के जाति का मामला ही विवादों का हिस्सा था अब तो वे किस धर्म के हैं यह भी चर्चा में है । सार्वजनिक जीवन में होने के कारण शायद जोगी परिवार को दोनों धर्मों के बीच संतुलन बना कर चलना पड़ रहा है, जिसकी बानगी एक बार फिर शनिवार को नजर आई, जब मां – पुत्र के साथ विधायक दल के नेता ठाकुर धर्मजीत सिंह भी रतनपुर पहुंचे और मां महामाया के दर्शन कर उनका आशीर्वाद लिया। इस दौरान अमित जोगी ने कहा कि जिस तरह मां महामाया का आशीर्वाद उनके पिता को हासिल था उम्मीद है कि वही आशीर्वाद उन्हें भी मिलेगा।

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