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मंत्री का रिश्तेदार हूँ मुख्यमंत्री भी मेरा कुछ नहीं कर सकता-डोंगरगढ़ सीएमओ हेमशंकर देशलहरा के बिगड़े बोल।

मंत्री का रिश्तेदार हूँ मुख्यमंत्री भी मेरा कुछ नहीं कर सकता-डोंगरगढ़ सीएमओ हेमशंकर देशलहरा के बिगड़े बोल।

डोंगरगढ़- नगर पालिका का भ्रष्टाचार उजागर करने के बाद मुख्य नगर पालिका अधिकारी हेमशंकर देशलहरा के बड़बोले बोल खुलकर सामने आ रहे हैं आज 1 बजे सबका संदेश के प्रतिनिधि ने जब उनके दफ्तर जाकर उनसे उनका पक्ष जानने का प्रयास किया गया तो उन्होंने पत्रकारों के लिए अमर्यादित भाषा का प्रयोग करते हुए प्रतिनिधि से बात की और खुली धमकी देते हुए कहा कि मैं नगरीय निकाय मंत्री का रिश्तेदार हूँ मेरा मुख्यमंत्री भी कुछ नहीं बिगाड़ सकता जिसको जो करना है कर ले। इससे पहले मैं कांकेर में पदस्थ था जहां पर मुझ पर निलंबन की कार्यवाही हुई थी लेकिन इसके बावजूद कांग्रेस नेता सहित बड़े-बड़े पत्रकार मेरा कुछ नहीं बिगाड़ पाये तो तुम जैसे पत्रकार मेरा क्या बिगाड़ेंगे। ज्यादा मेरे खिलाफ छापोगे तो कहां कटवा के फिकवा दूंगा तुम्हें पता भी नहीं चलेगा। इससे पहले भी मैंने कई पत्रकारो को ठिकाने लगवाया हूँ जिनका आज तक पता नहीं चला। मेरा सर्विस रिकार्ड रहा है मैं जहां भी पदस्थ हुआ हूं अपनी मर्जी से चला हूँ यहाँ भी अपनी मर्जी से ही चलूंगा जिसको जो छापना है छाप ले मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता, ढाई लाख की नाली निर्माण को तुम भ्रष्टाचार कहते हो मैंने तो इससे बड़े-बड़े कांड करके साफ बच के निकल गया ये तो कुछ भी नहीं है।

बड़े-बड़े पत्रकारों को मैं जेब में लेकर चलता हूँ डोंगरगढ़ के छोटे मोटे पत्रकार मेरा क्या बिगाड़ लेंगे। निलंबन के बाद भी मैं आज सीएमओ के पद पर बहाल हूँ ये मेरी पहुंच का सबूत है।

 

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सीएमओ देशलहरा कांकेर में पदस्थ थे जहां पर इनकी पत्नी के द्वारा एक एनजीओ के माध्यम से लाखों रुपये का घोटाला किया गया था जिसके चलते भाजपा शासनकाल में इन्हें निलम्बित किया गया था लेकिन कांग्रेस सरकार आते ही इन्हें बहाल कर दिया गया जबकि उक्त मामला अभी न्यायालय में विचाराधीन है जो कहीं ना कहीं सीएमओ देशलहरा की कही हुई बात को सही साबित करती है कि वे मंत्री के रिश्तेदार है तभी तो न्यायालय के फैसले के बिना ही उन्हें सीएमओ के पद पर बहाल किया गया है। इसलिए वे गरज के कह रहे थे कि मेरी कांग्रेस की राष्ट्रीय स्तर की राजनीति तक पैठ है मेरा मुख्यमंत्री दाऊ जी भी कुछ नहीं बिगाड़ सकते।
एक तरफ अपनी मनमानी करते हुए अपने चहेते ठेकेदार को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से बिना प्रस्ताव व टैंडर के निर्माण कार्य करवा रहे हैं दूसरी ओर सच उजागर करने पर पत्रकार को जान से मारने की धमकी देना कांग्रेस सरकार द्वारा बनाये गए पत्रकार सुरक्षा कानून को ठेंगा दिखा रहा है। एक ओर उत्तर प्रदेश की बीजेपी सरकार के द्वारा पत्रकारों से अभद्र व्यवहार करने वाले लोगों पर तत्काल जेल भेजने जैसे कड़े कदम उठाए जाते हैं वहीं दूसरी ओर छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार राज में पत्रकारों को दी जाने वाली लगातार धमकी इस बात का प्रमाण है कि छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार केवल कागजो में पत्रकारों की सुरक्षा का दिखावा कर रही है लेकिन धरातल पर पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर बिल्कुल गंभीर नहीं है जिसका ज्वंलत उदाहरण नगर पालिका अधिकारी डोंगरगढ़ है।

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