कोंडागांव: सूचना के बाद भी नहीं बचा पायी जिला पुलिस 5 गैर आदिवासी परिवार के घरौंदे
5 गैर आदिवासी परिवार के घरों को तोडकर, बेदखल किया रुढ़ीगत ग्राम सभा ने
नक्सलवाद के बाद क्षेत्र में मंडराने लगा रुढ़ीगत ग्राम सभा का खतरा
कोण्डागांव । कोण्डागांव जिले के तहसील व पुलिस थाना केषकाल क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले और पुलिस थाने से लगभग 17 किमी दुर बसे ग्राम अरण्डी में बालाकोट पाकिस्तान की तर्ज पर अलसुबह ही एक घटना घटित हुई, जिसमें पांच घरों में निवासरत पांच गैर आदिवासी परिवार के सभी सदस्यों को घरों से बाहर करके, पुरुषों के हाथ पीछे से बांधकर, महिला-पुरुष, बच्चों सभी को घेराबंदी में रखने के बाद सभी घरों को जेसीबी से तोड़ दिया गया। लेकिन यहां घटित उक्त घटना को किसी सेना ने नहीं बल्कि रूढ़ीगत ग्रामसभा द्वारा लिया गया निर्णय बताकर और पारंपरिक हथियारों से लैस होकर पहुंचे आदिवासी समुदाय के लगभग डेढ़-दो सौ लोगों के द्वारा किया गया बताया जा रहा है। यहां विषेष रुप से उल्लेखनीय बात यह है कि पीडित परिवार के मुखियाओं के द्वारा बाकायदा आज घटित हो चुकी घटना की संभावना को देखते हुए 22 फरवरी 2019 को ही लिखित में आवेदन देकर जान-माल की सुरक्षा की मांग की जा चुकी थी, लेकिन कोण्डागांव जिला पुलिस प्रषासन ने संभवतः उक्त लिखित आवेदन को हल्के में लिया और इसका ही परिणाम रहा कि पांच गैर आदिवासी परिवारों को बेघरबार होना पड़ गया। पुलिस के आला अधिकारी अन्य पुलिस अधिकारी व जवानों के साथ घटना घटित होने के बाद भारी संख्या में घटना स्थल पर पहुंचकर विवेचना करते और पीडित परिवार के सदस्यों को आष्वासन देते नजर आए कि उन्हें न्याय दिलाया जाएगा, जबकि यदि जिला पुलिस प्रषासन के पुलिस अधिकारीगण पीडित परिवारों द्वारा दिए गए आवेदन पर समय रहते कार्यवाही कर लेते तो 7 मार्च को घटित घटना को टाला जा सकता था।
फिलहाल उक्त घटना के बाद गांव में तनाव की स्थिति बनी हुई है। ज्ञात हो कि यह पूरा मामला लगभग ड़ेढ दशक पहले से चली आ रही है, जिसमें आदिवासी समाज से जुड़े कुछ लोगों ने आरोप लगाया कि कुछ लोगों द्वारा उनके पूर्वर्जों के शमशान घाट की जमीन पर अवैध कब्जा करते हुए अपना घर बना लिया है, जिसका स्थानीय गोड़ आदिवासी समाज लगातार विरोध करते हुए इस अवैध कब्जे को हटाने शासन-प्रशासन से निवेदन कर रहा है।
बावजूद इसके अब तक इस मसले कोई हल नहीं निकल पाने के कारण रूढ़ीगत ग्रामसभा को मानने वाले चंद लोगों ने 22 फरवरी को ग्राम प्रमुखों की मौजूदगी में निर्णय लेकर आदेश पारित किया कि जिन लोगों ने उनके पूर्वजों के शमशान भूमि पर कब्जा कर रखा है, वे पांच दिनों में अतिक्रमण हटा लें। इसके बाद होने वाली बेदखली की घटना की पूरी जिम्मेदारी कब्जाधारियों की होगी।
पीड़ितों ने एसपी को दिया था आवेदन-
पीड़ित परिवार के लोगों ने रूढ़ीवादी ग्रामसभा में जारी हुए उनके बेदखली के आदेश पत्रक के साथ इसकी सूचना उन्होंने 25 फरवरी को एसपी कार्यालय पहुंचकर देते हुए अपने जानमाल की रक्षा करने की मांग की तो थी, लेकिन इस सूचना को शायद पुलिस महकमें ने उतना तवज्जो नहीं दिया, जितना कि उन्हें देना चाहिए था। हालंाकि गुरूवार को हुई घटना की सूचना मिलते ही एसडीओपी केशकाल श्री देवागंन दलबल के साथ मौके पर पहुंच तो गए और यहाॅ मामले को शांत कराने में लगे रहे। वहीं कुछ देर बाद नवनियुक्त पुलिस अधीक्षक सुजीत कुमार व एसडीएम धनजंय नेताम भी मौके पर पहुंचकर मुआयना कर जानकारी लेते रहे। घटना के पीड़ित तारेश्वर पिता देवलाल, मधुसिंह पिता हरीसिंह, सुरेश पिता बलदेव, दिनेश पिता बिसाहु, पोषण पिता घसिया के परिवार वालों ने उनके परिवार को सुरक्षा देने के साथ ही उनके लिए उचित व्यवस्था करने की मांग की है। ज्ञात हो कि, इसी मामले को लेकर पिछले एक दशक से लगातार कागजी कार्यवाही के साथ ही प्रदर्शन भी होते रहे हैं। यहाॅ तक कि रूढ़ीगत ग्रामसभा को मानने वालों ने एनएच 30 पर जाम भी लगाया गया था और अधिकारियों की समझाईश के बाद मामला तो उस वक्त शांत हो गया, लेकिन इसके बाद भी दोनों पक्षों के बीच वाद-विवाद होते रहे और यह मामला हाईकोट तक पहुंच गया।
हाथ बांधे और गर्दन पर रखे हथियार-
पीड़ित परिवार के लोगों ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि जेसीबी व ट्रेक्टर लेकर तकरीबन 150 से ज्यादा लोग पहुंचे और दरवाजा खुलवाकर पहले मोबाईल छीना और हाथ-पैर बांधकर मकानों में जेसीबी चलाने लगे और जो उनका विरोध करता उनके गर्दन पर टंगिया व चाकू रखकर धमकाते रहे। पीड़ित परिवारों ने बताया कि उनके सोने-चांदी के जेवर व कुछ समानों को वे अपने साथ लेकर गए हैं जिसकी जानकारी उन्होंने पुलिस व अन्य अधिकारियों को भी दी है। पीड़ित परिवार के लोगों ने यह ठान रखा है कि वे अपनी इस जमीन पर जहाॅ वे तीन दशक से ज्यादा समय से रह रहे है। वहाॅ से बेदखल होना उनके लिए मरने के समान होगा। वे चाहते हैं कि इस मसले को शासन-प्रशासन समय रहते सुलझा ले और इस तरह की स्थिति दोबारा न निर्मित हो।
सुजीत कुमार एसपी ने कहा कि इस मामले पर पहले ही विधिवतरूप से कार्यवाही की जा चुकी है, इस घटना की जैसे भी साक्ष्य सामने आएंगे नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।
धनजंय नेताम एसडीएम ने कहा कि पीड़ित परिवारों के रहने की व्यवस्था प्रशासन के द्वारा की जा रही है, क्योंकि यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है, इसलिए इस मसले पर ज्यादा कुछ कह पाना उचित नहीं होगा।
सबका संदेस ब्यूरो, कोंडागांव 9425598008