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प्रथम चरण मेंं कांकेर जिले में 30 हजार लोगां की जॉच

प्रथम चरण मेंं कांकेर जिले में 30 हजार लोगां की जॉच
तीन फेज में चलाया जाएगा द्वितीय चरण कांकेर- बस्तर संभाग को मलेरिया मुक्त करने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा घर-घर जाकर परिवार के सभी व्यक्तियों का आरडी किट से जॉच की जा रही है तथा मलेरिया सकारात्मक पाये जाने पर स्वास्थ्य कार्यकर्ता द्वारा अपने समक्ष मलेरिया प्रभावित व्यक्ति को मलेरिया का खुराक दिया जा रहा है। मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान के अंतर्गत कांकेर जिले में पहले चरण में 46 गांवों के 30 हजार लोंगों की आरडी किट से जॉच की गई तथा पीड़ित व्यक्तियों को मलेरिया की संपूर्ण खुराक दिया गया। कलेक्टर के.एल. चौहान ने बताया कि आरडी किट जॉच में मलेरिया सकारात्मक व्यक्ति दवाई देते समय यदि भोजन नहीं किया रहता है, तो उन्हें स्वास्थ्य अमला द्वारा स्थानीय खाद्य पदार्थ भी दिया जाता है तथा उसके खाने के बाद मरीज को मलेरिया की दवाई खिलाया जाता है। उन्हांने बताया कि मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान अंतर्गत मलेरिया प्रभावित व्यक्तियों के उपचार के साथ ही स्वास्थ्य विभाग द्वारा उपचार कार्ड भी प्रदान किया जा रहा है।
कलेक्टर चौहान ने बताया कि कांकेर जिले में मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान का दूसरा चरण तीन फेज में चलाया जा रहा है, जिसके तहत् प्रथम फेज में चारामा, नरहरपुर एवं कांकेर विकासखण्ड को छोड़कर जिले के चार विकासखण्डों भानुप्रतापपुर, अंतागढ़, दुर्गूकोंदल एवं कोयलीबेड़ा विकासखण्ड के 75 गांवों के 21 हजार से अधिक लोंगों की आरडी किट से जॉच की गई तथा प्रभावित व्यक्त्यिं को मलेरिया की दवाई खिलाया गया है। उन्होंने बताया कि द्वितीय फेज 25 जून से चलाया जा रहा है जिसके तहत् जिले के पॉच विकासखण्डों कांकेर, भानुप्रतापपुर, अंतागढ़, दुर्गूकोंदल एवं कोयलीबेड़ा के 175 गांवों के 72 हजार से अधिक व्यक्तियों को आरडी किट से मलेरिया जॉच की जा रही है तथा मलेरिया सकारात्मक पाये जाने पर प्रभावित व्यक्ति का उपचार किया जा रहा है। इस अभियान के तहत् तृतीय फेज में इन्हीं पॉच विकासखण्डों के लगभग 300 गांवों में चलाया जाएगा, जिसमें 2 लाख 12 हजार से अधिक लोंगों की मलेरिया जॉच की जाएगी और प्रभावित व्यक्तियों को मलेरिया का खुराक दिया जाएगा। कलेक्टर श्री चौहान ने बताया कि इस अभियान के तहत् स्वास्थ्य कार्यकर्ता द्वारा मच्छरदानी का उपयोग करने के लिए लोगों को समझाईश दिया जा रहा है, साथ ही प्रभावित गांवों में मलेरियारोधी कीटनाशक दवा का छिड़काव भी किया जा रहा है।

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