LIVE : PM मोदी ने लॉन्च किया आत्मनिर्भर यूपी अभियान, कहा- पता नहीं कोरोना से कब मिलेगी मुक्ति, दो गज दूरी का जरूर करें पालन | prime minister narendra modi launch aatm nirbhar uttar pradesh rojgaar abhiyaan | lucknow – News in Hindi
पीएम मोदी शुक्रवार की सुबह 11 बजे इस योजना की डिजिटल शुरुआत की. इस दौरान वह उत्तर प्रदेश के छह जिलों के ग्रामीणों से भी बात की. राज्य के सभी जिलों के गांव सहज सेवा केंद्रों और कृषि विज्ञान केंद्रों के माध्यम से कार्यक्रम में शामिल हुए.
अन्य राज्यों को भी इस योजना से बहुत कुछ सीखने को मिलेगा- PM
विभिन्न लाभार्थियों से बात करने के बाद प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि हम सभी ने अपने व्यक्तिगत जीवन में अनेक उतार-चढ़ाव देखे हैं. हमारे सामाजिक जीवन में भी, गांव में, शहर में, अलग-अलग तरह की कठिनाइयां आती ही रहती हैं. इसकी एक दवाई हमें पता है. ये दवाई है दो गज की दूरी. ये दवाई है- मुंह ढकना, फेसकवर या गमछे का इस्तेमाल करना. जब तक कोरोना की वैक्सीन नहीं बनती, हम इसी दवा से इसे रोक पाएं.पीएम ने कहा – मुझे पूरा विश्वास है कि योगी जी के नेतृत्व में, जिस तरह आपदा को अवसर में बदला गया है, जिस तरह वो जी-जान से जुटे हैं, देश के अन्य राज्यों को भी इस योजना से बहुत कुछ सीखने को मिलेगा, वो भी इससे प्रेरणा पाएंगे.
प्रधानमंत्री ने कहा चाहे यूपी के डॉक्टर हों, पैरामेडिकल स्टाफ हो, सफाई कर्मचारी हों, पुलिसकर्मी हों, आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हो, बैंक और पोस्टऑफिस के साथी हों, परिवहन विभाग के साथी हों, श्रमिक साथी हों, हर किसी ने पूरी निष्ठा के साथ अपना योगदान दिया है
यूपी सरकार की मेहनत शानदार- पीएम मोदी
प्रधानमंत्री ने कहा- आज जब दुनिया में कोरोना का इतना बड़ा संकट है, तब उत्तर प्रदेश ने जो साहस दिखाया, जो सूझबूझ दिखाई, जो सफलता पाई, जिस तरह कोरोना से मोर्चा लिया, जिस तरह स्थितियों को संभाला, वो अभूतपूर्व है, प्रशंसनीय है.
पीएम ने कहा उत्तर प्रदेश के प्रयास और उपलब्धियां इसलिए विराट हैं, क्योंकि ये सिर्फ एक राज्य भर नहीं है, बल्कि उत्तर प्रदेश दुनिया के कई देशों से बड़ा राज्य है. इस उपलब्धि को यूपी के लोग खुद महसूस कर रहे हैं, लेकिन आप अगर आंकड़े जानेंगे तो और भी हैरान हो जायेंगे.
प्रधानमंत्री ने कहा- जो मेहनत यूपी की सरकार ने की है, हम कह सकते हैं कि एक प्रकार से अब तक कम से कम 85 हजार लोगों का जीवन बचाने में वो कामयाब हुई है! आज अगर हम अपने नागरिकों का जीवन बचा पा रहे हैं, तो ये भी बहुत संतोष की बात है.
देशभर से करीब 30 लाख से अधिक श्रमिक साथी यूपी लौटे- पीएम
पीएम ने कहा, ये सब उस स्थिति में हुआ जब देशभर से करीब 30 लाख से अधिक श्रमिक साथी, कामगार साथी, यूपी में पिछले कुछ हफ्तों में अपने गांव लौटे थे. सैकड़ों श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को चलवाकर यूपी सरकार ने मुश्किल में फंसे अपने लोगों को वापस बुला लिया था. यूपी में 2017 से पहले जिस तरह का शासन चल रहा था, जिस तरह की सरकार चला करती थी, उस हालात में, हम इन नतीजों की कल्पना भी नहीं कर सकते. पहले वाली सरकारें होतीं, तो अस्पतालों की संख्या का बहाना बनाकर, बिस्तरों की संख्या का बहाना बनाकर, इस चुनौती को टाल देती.
प्रधानमंत्री ने कहा, योगी जी ने, उनकी सरकार ने, हालात की गंभीरता को समझा. उन्होंने समझा कि इतने बड़े-बड़े देशों की क्या हालत हो रही है. ये देखते हुए उन्होंने और उनकी सरकार ने युद्धस्तर पर काम किया. क्वारंटीन सेंटर हो, आइसोलेशन की सुविधा हो, इसके निर्माण के लिए पूरी ताकत झोंक दी गई. लॉकडाउन के दौरान, गरीबों को भोजन की दिक्कत न हो, इसके लिए जिस तरह योगी सरकार ने काम किया है, वो भी अभूतपूर्व है. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत यूपी ने बहुत तेज़ी से गरीबों और गांव लौटे श्रमिक साथियों तक मुफ्त राशन पहुंचाया.
बता दें कि पीएम मोदी ने 20 जून के बिहार से गरीब कल्याण रोजगार योजना की शुरुआत की थी. इसके तहत 6 राज्यों के 116 जिलों के प्रवासी श्रमिकों को काम दिया जाएगा. श्रमिकों को 125 दिनों के लिए रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा, जिसे मिशन मोड में चलाया जाएगा. इसके लिए सरकार ने 50 हजार करोड़ रुपये का इंतजाम किया है.
योजना का लाभ लेने के लिए ये होंगे जरूरी कागज और शर्ते:-
>>इस योजना का लाभ लेने वाला नागरिक उसी राज्य का होना चाहिए जहां योजना क्रियान्वित है.
>>व्यक्ति के पास आधार कार्ड होना भी अनिवार्य है.
>>काम पाने वाले नागरिक को अपना निवास प्रमाण पत्र भी दिखाना होगा.
>>इस योजना के तहत सिर्फ 18 साल से अधिक लोगों को ही काम दिया जाएगा.
>>कामगारों को उनके स्किल के अनुसार दिया जाएगा काम.
उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से एक बयान में कहा गया है, ‘ कोविड-19 महामारी का श्रमबल, खासकर प्रवासी मजदूरों पर प्रतिकूल असर पड़ा है. ऐसे में ये अभियान पूरी तरह रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए स्थानीय उद्यम को बढ़ावा देने और औद्योगिक संगठनों, अन्य संगठनों के साथ साझेदारी करने पर केंद्रित है.’
लगभग 30 लाख प्रवासी मजदूर उत्तर प्रदेश में अपने घरों को लौटे
आधिकारिक बयान में कहा गया कि लगभग 30 लाख प्रवासी मजदूर उत्तर प्रदेश में अपने घरों को लौटे हैं. राज्य के 31 जिलों में ही 25 हजार से अधिक प्रवासी मजदूर लौटे हैं.