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किसानों के लिए खुशखबरी- इस खेती के लिए आधे पैसे देगी सरकार, लाखों कमाने का मौका – Latest News about farmers in India Bamboo Farming business opportunities earn lakhs rupees Bamboo cultivation help of government of India | money-making-tips – News in Hindi

किसानों के लिए खुशखबरी- इस खेती के लिए आधे पैसे देगी सरकार, लाखों कमाने का मौका

बांस की खेती है कमाई का बेहतर जरिया

मोदी सरकार ने बांस को पेड़ की कैटेगरी से साल 2018 में हटा दिया है. अब आप बिना किसी रुकावट के आसानी से बांस की खेती कर सकते हैं. हालांकि ऐसा सिर्फ निजी जमीन के लिए किया गया है. जो फॉरेस्ट जमीन पर बांस हैं उन पर यह छूट नहीं है. वहां पर वन कानून लागू होगा.

नई दिल्ली. कोरोना वायरस संकट (Coronavirus Crisis) के चलते नौकरी छूटने या काम बंद होने के बाद लोग एक बार फिर अपने गांव की ओर लौट गए. गांव लौटे लोगों के सामने रोजगार का संकट पैदा हो गया है. लेकिन अगर आप थोड़ी सूझबूझ और समझदारी से काम लें तो गांव में रहकर भी आप बेहतर कमाई कर सकते हैं. इसके लिए आपके अपनी जमीन होनी चाहिए. देश के किसानों के विकास के लिए मोदी सरकार कई योजनाएं चला रही है. नेशनल बैंबू मिशन (National Bamboo Mission) भी उन्हीं कुछ योजनाओं में से एक है. नेशनल बैंबू मिशन के तहत आप बांस की खेती कर लाखों कमा सकते हैं.  नेशनल  बैंबू मिशन के तहत आप अगर बांस की खेती करते हैं तो आपको प्रति पौधा 120 रुपए सरकार की ओर से दिए जाएंगे. आइए जानते हैं कैसे शुरू कर सकते हैं बांस की खेती.

बता दें कि मोदी सरकार ने बांस को पेड़ की कैटेगरी से साल 2018 में हटा दिया है. अब आप बिना किसी रुकावट के आसानी से बांस की खेती कर सकते हैं. हालांकि ऐसा सिर्फ निजी जमीन के लिए किया गया है. जो फॉरेस्ट जमीन पर बांस हैं उन पर यह छूट नहीं है. वहां पर वन कानून लागू होगा.

पहले तय करें कि किस काम के लिए लगा रहे हैं बांस
सरकारी नर्सरी से पौध फ्री मिलेगी. इसकी 136 प्रजातियां हैं. अलग-अलग काम के लिए अलग-अलग बांस की किस्में. लेकिन उनमें से 10 का इस्तेमाल सबसे ज्यादा हो रहा है. यह देखकर प्रजाति का चयन करना होगा कि आप किस काम के लिए बांस लगा रहे हैं. अगर फर्नीचर के लिए लगा रहे हैं तो संबंधित प्रजाति का चयन करना होगा.यह भी पढ़ें- टैक्सपेयर्स के लिए अच्छी खबर! अब 31 जुलाई तक टैक्स सेविंग्स स्कीम में कर सकते हैं निवेश

कितने साल में तैयार होती है खेती?
बांस की खेती आमतौर पर तीन से चार साल में तैयार होती है. चौथे साल में कटाई शुरू कर सकते हैं. चूंकि इसका पौधा तीन-चार मीटर की दूरी पर लगाया जाता है इसलिए इसके बीच की जगह पर आप कोई और खेती कर सकते हैं. इसकी पत्तियां पशुओं के चारे के रूप में इस्तेमाल हो सकती हैं. बांस लगाएंगे तो फर्नीचर के लिए पेड़ों की कटान कम होगी. इससे आप पर्यावरण रक्षा भी करेंगे. अभी हम काफी फर्नीचर चीन से मंगा रहे हैं, इसलिए आप इसकी खेती से इंपोर्ट कम कर सकते हैं.

किसान को कितनी सरकारी सहायता मिलेगी?
तीन साल में औसतन 240 रुपये प्रति प्लांट की लागत आएगी. जिसमें से 120 रुपये प्रति प्लांट सरकारी सहायता मिलेगी. नार्थ ईस्ट को छोड़कर अन्य क्षेत्रों में इसकी खेती के लिए 50 फीसदी सरकार और 50 फीसदी किसान लगाएगा. 50 फीसदी सरकारी शेयर में 60 फीसदी केंद्र और 40 फीसदी राज्य की हिस्सेदारी होगी. जबकि नार्थ ईस्ट में 60 फीसदी सरकार और 40 फीसदी किसान लगाएगा. 60 फीसदी सरकारी पैसे में 90 फीसदी केंद्र और 10 फीसदी राज्य सरकार का शेयर होगा. जिले में इसका नोडल अधिकारी आपको पूरी जानकारी दे देगा.

कितनी होगी कमाई?
जरूरत और प्रजाति के हिसाब से एक हेक्टेयर में 1500 से 2500 पौधे लगा सकते हैं. अगर आप 3 गुणा 2.5 मीटर पर पौधा लगाते हैं तो एक हेक्टेयर में करीब 1500 प्लांट लगेंगे. साथ में आप दो पौधों के बीच में बची जगह में दूसरी फसल उगा सकते हैं. 4 साल बाद 3 से 3.5 लाख रुपए की कमाई होने लगेगी. हर साल रिप्लांटेशन करने की जरूरत नहीं. क्योंकि बांस की पौध करीब 40 साल तक चलती है.

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दूसरी फसलों के साथ खेत की मेड़ पर 4 गुणा 4 मीटर पर यदि आप बांस लगाते हैं तो एक हेक्टेयर में चौथे साल से करीब 30 हजार रुपए की कमाई होने लगेगी. इसकी खेती किसान का रिस्क फैक्टर कम करती है. क्योंकि किसान बांस के बीच दूसरी खेती भी कर सकता है.

बांस से क्या बना सकते हैं आप?
बांस कंस्ट्रक्शन के काम आ रहा है. आप इससे घर बना सकते हैं. फ्लोरिंग कर सकते हैं. फर्नीचर बना सकते हैं. हैंडीक्रॉफ्ट और ज्वैलरी बनाकर कमाई कर सकते हैं. बैंबू से अब साइकिलें भी बनने लगी हैं. कृषि मंत्रालय के अधिकारियों का दावा है कि सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीबीआरआई), रुड़की ने इसे कंस्ट्रक्शन के काम में लाने की मंजूरी दी है. अब शेड डालने के लिए सीमेंट की जगह बांस की सीट भी तैयार की जा रही है.



First published: June 26, 2020, 5:50 AM IST



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