लॉकडाउन में 2 करोड़ कंस्ट्रक्शन श्रमिकों को दिए गए 4,957 करोड़ रुपये, Rs 4957 crore given to 2 crore building and other construction workers during covid-19 lockdown-dlop | nation – News in Hindi


2 करोड़ कंस्ट्रक्शन वर्करों को दी गई मदद (प्रतीकात्मक फोटो)
निर्माण की कुल लागत का एक फीसदी लिया जाता है बीओसीडब्ल्यू सेस, श्रमिकों के कल्याण के काम आती है रकम
कुछ राज्यों ने लॉकडाउन के दौरान 1000 रुपये से 6000 रुपये प्रति श्रमिक के बराबर की नकदी अपने यहां काम करने वाले श्रमिकों को दी है. यूपी ने प्रति श्रमिक 1000 रुपये, दिल्ली सरकार ने 5000 और हरियाणा सरकार ने 4500 रुपये दिए हैं.
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निर्माण श्रमिकों के कल्याण के मामले में सभी राज्य सरकारों एवं राज्य कल्याण बोर्डों के साथ श्रम एवं रोजगार मंत्रालय (Ministry of Labour and Employment) समन्वय करता है. इसने मजदूरों की सर्वाधिक जरूरत के समय, उन्हें समय पर नकदी दिलाने की पूरी कोशिश की.बिल्डिंग और दूसरे कंस्ट्रक्शन में जुटे लोग मजदूरों के सबसे निचले स्तर पर हैं. वे अनिश्चित भविष्य के साथ बेहद कठिन स्थितियों में जीवन यापन करते हैं. उनमें से बड़ी संख्या अपने गृह राज्यों से दूर अलग-अलग राज्यों में काम करने वाले मजदूर हैं. वे राष्ट्र निर्माण में उल्लेखनीय भूमिका अदा करते हैं, फिर भी वे खुद को समाज के हाशिये पर पाते हैं.

कंस्ट्रक्शन वर्करों के कल्याण के लिए सेस काटा जाता है (प्रतीकात्मक फोटो)
बीओसीडब्ल्यू सेस (Bocw cess) ने कोरोना महामारी के दौरान राहत दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. इस सेस में निर्माण की कुल लागत का 1 प्रतिशत लिया जाता है. निर्माण मजदूरों का दी जाने वाली राशि का फैसला संबंधित राज्य सरकारों द्वारा किया जाना था, जो उनकी जीवन यापन के लिए आवश्यक थी.
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कुछ ऐसे भवन तथा अन्य निर्माण मजदूर हैं जो अभी भी अपनी भ्रमणशील प्रकृति, बदलते कार्य स्थल, साक्षरता एवं जागरुकता की कमी के कारण इस दायरे से बाहर हैं. इस समस्या का समाधान करने के लिए केंद्रीय श्रम मंत्रालय ने इससे छूट गए श्रमिकों के रजिस्ट्रेशन को तेज करने के निर्देश दिए हैं.
First published: June 24, 2020, 12:05 AM IST