छत्तीसगढ़

शासन-प्रशासन के आंखों में धूल झोंककर दो बार हासिल कर लिया जमीन का पट्टा, तहसीलदार, एसडीएम व कलेक्टर से शिकायत के बावजूद नहीं हो रही कार्रवाई

शासन-प्रशासन के आंखों में धूल झोंककर दो बार हासिल कर लिया जमीन का पट्टा, तहसीलदार, एसडीएम व कलेक्टर से शिकायत के बावजूद नहीं हो रही कार्रवाई

रिपोर्ट कान्हा तिवारी
खोखराभांठा होमगार्ड ऑफिस के बगल में अवस्थित मकान, जिसका वर्ष 2000 में फर्जी तरीके से पट्टा हासिल किया।
जांजगीर-चांपा। कई लोग ऐसे है, जिनकी जिंदगी बेजाकब्जा और किराए के मकान में गुजर जाती है। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी है, जो अपात्र होने के बावजूद शासन-प्रशासन की आंखों में धूल झोंककर दो-दो पट्टा हासिल कर ले रहे है। कुछ ऐसा ही मामला जिला मुख्यालय जांजगीर और पास के गांव खोखरा में सामने आया है। इस आशय की शिकायत भी तहसीलदार, एसडीएम और कलेक्टर तक पहुंची है, लेकिन अब तक मामले में किसी तरह की कार्रवाई नहीं हो सकी है।

वर्ष 1998 में प्राप्त पट्टे की भूमि में निर्मित मकान, जिसे किसी को किराए पर दिया गया है।
आपकों बता दें कि ग्राम खोखरा निवासी संतोष राठौर ने अपनी शिकायत में चौकाने वाला खुलासा किया है। शिकायत के मुताबिक ईश्वर प्रसाद राठौर नामक व्यक्ति संपन्न है और उसका जांजगीर के वार्ड नंबर 21 में लाखों रुपए का आलीशान मकान है। इसके बावजूद प्रशासन से मिलीभगत कर उसने प्रशासन को झूठी जानकारी देकर खोखरा में इंदिरा आवास योजना के तहत करीब 900 वर्गफीट भूमि का पट्टा हासिल कर लिया है। इतना ही नहीं, उसने प्रशासन की रहमो करम से जांजगीर में राजीव गांधी आश्रय योजना के तहत 300 वर्गफीट भूमि का पट्टा हासिल किया है। जबकि वह जांजगीर के वार्ड नंबर 21 स्थित अपने आलीशान मकान में परिवार के साथ रहता है। खास बात यह है कि संतोष राठौर ने शासन प्रशासन के आंखों में धूल झोककर दो बार पट्टा हासिल करने की शिकायत जांजगीर तहसीलदार, एसडीएम और कलेक्टर से की है। इतना ही नहीं अभी हाल में संतोष राठौर ने फिर से कलेक्टर यशवंत कुमार से इस मामले में शिकायत की है। इसके बाद भी प्रशासन की नींद नहीं खुल रही है, जिससे शिकायतकर्ता के मन में प्रशासन के प्रति भरोसा उठ रहा है।

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