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जिला पंचायत सदस्यों ने उठाया बहुचर्चित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मालखरौदा के प्रभारी BMO कात्यानी सिंह को हटाने का मुद्दा

मालखरौदा- जिला पंचायत में महिला बाल विकास विभाग तथा चिकित्सा विभाग की सयुक्त रूप से बैठक सम्पन्न हुआ जिला पंचायत सदस्य साक्षी युगल किशोर बंजारे ने बहुचर्चित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मालखरौदा  के प्रभारी खण्ड चिकित्सा अधिकारी डॉ कात्यानी सिंह को खण्ड चिकित्सा अधिकारी के पद से पृथक करने का मुद्दा जिसका सभी जिला पंचायत सदस्यों ने खुल कर समर्थन किया आपको बता दे कि प्रभारी खण्ड चिकित्सा अधिकारी हमेशा विवादों में रहती है कुछ दिनों पहले इनके ऊपर रुपये लेकर अबॉर्शन  करने का आरोप लगा हुआ था मितानिन कार्यक्रम में निविदा के सम्बंध में ,तथा आये दिनों डॉक्टरों के साथ लड़ाई झगड़ा करने में काफी चर्चा में रहती है वही आपको बता दे कि सीएचसी के विवाद की शुरुआत मालखरौदा के अस्पताल के रंग रोगन के लिए जारी राशि से शुरू हुआ जो आज तक निरंतर जारी है । मालखरौदा सीएससी के रंग रोगन के लिए सरकार द्वारा जारी की गई राशि से अधिक खर्च कर 8 लाख के वित्तीय अनियमितता के एवं क्षेत्र में अवैध पैथोलैब एवं क्लीनिक संचालन के आरोप लगने के बाद  तत्कालीन बीएमओ डॉ कृष्णा सिदार को बीएमओ के पद से अलग कर दिया गया तथा उनका स्थानांतरण भी कर दिया गया था पर अंदर खाने से कुछ ऐसा हुआ की आज भी कृष्णा सिदार मालखरौदा सीएससी में ही पदस्थ हैं या यूं कहें कि उनका मोह मालखरौदा से छूट ही नहीं रहा है, और ना ही कोई बड़ी कार्रवाई होती दिख रही है ,

 

उनके स्थान पर बीएमओ का प्रभार जब से डॉ कात्यानी सिंह को मिला है तब से और अधिक आरोप मालखरौदा सीएससी पर लगने चालू हो गया। कभी गर्भपात के लिए ₹10000 की मांग कथित ऑडियो या फिर समय पर पहुंचकर इलाज ना करने का परिजनों का आरोप इन तमाम तरह के विवादों से डॉ कात्यानी सिंह का नाता रहा है । हद तो तब हो गई जब कोरोना जैसी गंभीर समस्या में डॉ कात्यानी सिंह द्वारा गंभीर लापरवाही बरती गई और बीना रिपोर्ट आए ही मरीज को घर भेज दिया गया जिस पर सक्ती एसडीएम सुभाष सिंह राज द्वारा उन्हें कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है परंतु इतनी गंभीर लापरवाहीओं के बाद भी किसी प्रकार की कोई कार्रवाई होती नहीं दिख रही है ,

 

वही मालखरौदा सीएससी में ही पदस्थ डॉक्टर संतोष पटेल के पारिवारिक कारणों से कोविड-19 ड्यूटी पर नहीं जा पाने के निवेदन पर भी  छत्तीसगढ़ में पहली बार इस तरह का एफ.आई.आर दर्ज वर्तमान बीएमओ डॉक्टर कात्यानी सिंह द्वारा कराया जाना कहीं ना कहीं मालखरौदा सीएचसी पर लग रहे तमाम आरोप से मुद्दे को भटकाने का षड्यंत्र ही दिखाई पड़ता है। डॉक्टरों की आपस में इस प्रकार के विवादों से क्षेत्र की जनता बुरी तरह परेशान है। परंतु क्षेत्रीय विधायक , नेताओं एवम् विभागीय अधिकारियों की इस ओर ध्यान नहीं आने से या चुप्पी साधे रहने से यह विवाद बढ़ता ही जा रहा है अब देखना होगा की मालखरौदा का यह विवादित अस्पताल क्या कभी मरीजों के सही इलाज की ओर भी ध्यान देगा या बीएमओ पद की लड़ाई का अखाड़ा ही बना रहेगा। बैठक में मुख्य  चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एस आर बंजारे,  प्रीति चिखयोर जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास विभाग उपस्थित थे।

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