शंकराचार्य ने लगाया आरोप, जगन्नाथ यात्रा रुकवाने के लिए बनाई गई सुनियोजित योजना | Shankaracharya said well-planned plan made to stop Lord Jagannath Rath Yatra | nation – News in Hindi


कोरोना के खतरे को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने जगन्नाथ यात्रा पर रोक लगाई है.
पुरी पीठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती (Shankaracharya Swami Nischalananda Saraswati) ने रविवार को आरोप लगाया कि कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी के दौरान भगवान जगन्नाथ (Jagannath Rath Yatra) की रथ यात्रा रुकवाने के लिए सुनियोजित योजना बनायी गई है.
वार्षिक समारोह रोकने के लिए सुनोयोजित योजना
वे चाहते हैं कि राज्य सरकार न्यायालय से रथ यात्रा की अनुमति ले ले, भले ही उसमें लोग शामिल ना हों. इस साल की रथ यात्रा रद्द होने पर निराशा जताते हुए शंकराचार्य ने कहा, ‘वार्षिक समारोह को रोकने के लिए सुनियोजित योजना बनाई गई है.’
एक वीडियो संदेश में पुरी के शंकराचार्य ने कहा, ‘उच्चतम न्यायालय 20 जून को समीक्षा याचिका स्वीकार कर सकता था जिसमें उसके 18 जून के स्थगनादेश में संशोधन करने का अनुरोध किया गया था. ऐसे उदाहरण मौजूद हैं जब न्यायालय ने अवकाश के दौरान भी महत्वूपर्ण विषयों पर सुनवाई की है.’ पुरी में रथ यात्रा की अनुमति देने की वकालत करते हुए राज्यसभा सदस्य और लोकप्रिय शिल्पकार रघुनाथ महापात्रा ने आरोप लगाया है कि उच्चतम न्यायालय को यह भ्रामक तथ्य दिया गया है कि पुरी की रथ यात्रा में 10-12 लाख लोगों का जमावड़ा होगा.प्रबंधन समिति के सदस्यों ने कही ये बात
श्री जगन्नाथ मंदिर प्रबंधन समिति के सदस्य महापात्रा ने कहा कि जमावड़े में लोगों की संख्या के आधार पर ही न्यायालय ने रथ यात्रा पर रोक लगाई है. इस बीच गजपति महाराज ने मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को लिखे अपने पत्र में स्पष्ट रूप से कहा है कि पुरी में भगवान जगन्नाथ की वार्षिक रथ यात्रा का आयोजन स्वीकृत और अनिवार्य है.
गजपति महाराज ने स्कंद पुराण, ब्रह्म पुराण, निलाद्री महोदया और बामदेब संहिता से संदर्भ देते हुए उक्त बात कही. श्री जगन्नाथ मंदिर प्रबंधन समिति के प्रमुख गजपति महाराज ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा, इन पुराणों में स्पष्ट लिखा है कि श्री श्री जगन्नाथ महाप्रभु (जिन्हें पुराणों में श्री पुरुषोत्तम कहा गया है) परमात्मा हैं. वह कोई अवतार नहीं हैं, बल्की अवतारी हैं और श्री जगन्नाथ धाम पृथ्वी पर उनका स्थायी निवास है.
सुप्रीम कोर्ट ने लगाई यात्रा पर रोक
उन्होंने यह भी कहा कि रथयात्रा महज परंपरा नहीं है बल्कि सदियों से चला आ रहा धार्मिक अनुष्ठान है, उसे किसी भी हाल में रोका नहीं जा सकता है, फिर चाहे कोरोना वायरस महामारी ही क्यों ना हो. इस संबंध में दैतापति नियोग के अध्यक्ष रबिन्द्र दासमहापात्रा ने कहा, ‘‘चूंकि उच्चतम न्यायालय को सही सूचना नहीं दी गई, इसलिए उसने यात्रा पर प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया.’’
First published: June 21, 2020, 7:17 PM IST