भारत विरोधी चाल! Nepal के बाद क्या बांग्लादेश को फुसला रहा है China? | Know why china wooing bangladesh after nepal amid border tension with india | china – News in Hindi

ये भी पढें:- भारत-चीन युद्ध की स्थिति में कौन-सा देश किसका देगा साथ..?
बीती 15 जून को सीमा पर बने चीनी खेमे ने भारतीय सैन्य दल पर हमला किया, जिसमें 20 जवान शहीद हुए. इसके अगले ही दिन चीन ने बांग्लादेश के साथ व्यापारिक रिश्ते मज़बूत करते हुए 5000 से ज़्यादा आइटमों पर सीमा शुल्क (Tariff) न लेने की बात कहकर बांग्लादेश का दिल जीत लिया. केवल एक व्यापारिक फैसले (Trade Deal) के तौर पर नहीं बल्कि चीन की इस चाल को रणनीतिक महत्व (China Strategy) के कदम के तौर पर देखना ज़रूरी है.
ये भी पढ़ें : दुनिया के ये 8 करोड़ लोग कैसे झेल रहे हैं COVID-19 महामारी?97% उत्पाद हुए ड्यूटी फ्री
चीन ने बांग्लादेश को बड़ी राहत देते हुए उसके 97% उत्पादों को सीमा शुल्क से मुक्त कर दिया है. चीनी टैरिफ कमीशन के फैसलों के हवाले से खबरों में कहा गया है कि इस घोषणा के बाद कुल 8256 बांग्लादेशी प्रोडक्ट शुल्क मुक्त हो जाएंगे. अस्ल में, इससे पहले एशिया पैसिफिक व्यापार समझौते (APTA) के तहत 3095 बांग्लादेशी प्रोडक्ट चीन के बाज़ारों के लिए ड्यूटी फ्री थे. चीन के 97% प्रोडक्ट संबंधी फैसले के बाद और 5161 प्रोडक्ट ड्यूटी फ्री हो जाएंगे.
हसीना और जिनपिंग की मुलाकात का नतीजा
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच पिछले महीने मुलाकात हुई थी और तब हसीना ने कोविड 19 महामारी के समय में द्विपक्षीय संबंधों को मज़बूत करने की बात कही थी. इसके बाद इसी हफ्ते इंडोनेशिया में एशियन अफ्रीकन कॉन्फ्रेंस में जिनपिंग ने कहा था कि कम विकसित या पिछड़े देशों के लिए चीन के बाज़ार में प्रवेश को सरल बनाने के लिए चीन मदद करेगा. इन दोनों घटनाओं के कारण बांग्लादेश को यह सौगात मिली है.

पिछले महीने शेख हसीना और जिनपिंग के बीच मुलाकात हुई थी. फाइल फोटो.
लेकिन इसके पीछे है रणनीति?
कोविड 19 का प्रभाव कई देशों की अर्थव्यवस्था पर पड़ा है. बांग्लादेश इनमें से एक देश है. ऐसे में बांग्लादेश की मदद करने के कदम को चीन का एक बड़ा पैंतरा माना जा रहा है. सिर्फ बांग्लादेश ही नहीं बल्कि अन्य कुछ और देशों को भी चीन इस तरह लुभाने की कोशिश कर सकता है. दुनिया भर में कोविड 19 को लेकर उसके खिलाफ अमेरिका और अमेरिकी समर्थक जो नैरेटिव गढ़ रहे हैं, उसके खिलाफ यह चीन की लामबंदी हो सकती है.
भारत को क्यों रखना चाहिए नज़र?
चीन और बांग्लादेश के बीच बेशक इस फैसले के बाद नज़दीकियां बढ़ने के आसार हैं. भारत और बांग्लादेश लंबे समय से एक दूसरे के सहयोगी पड़ोसी रहे हैं और अपने रिश्तों के बीच चीन को दोनों ने कभी आने नहीं दिया. लेकिन, पिछले साल नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के चलते भारत-बांंग्लादेश के संबंध फीके पड़े.
ये भी पढें:-
‘होम आइसोलेशन’ खत्म करने के खिलाफ क्यों है दिल्ली सरकार?
जानिए ताज़ा विवाद में घिरे कथावाचक मोरारी बापू कितने हाई प्रोफाइल संत हैं
दूसरी तरफ, नेपाल के झटका देने के बाद चीन ने सारे मौकों का फायदा उठाकर कहीं यह चाल न चली हो, भारत को इस पूरे परिदृश्य पर न सिर्फ नज़र रखना होगी, बल्कि मित्र पड़ोसियों के लिए एक बेहतर और कारगर रणनीति के साथ संबंधों को मज़बूत करना होगा.