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गूगल-व्हाट्सअप ने 43 बाद इस महिला को अपने परिवार से मिलवाया_with help of google and whatsApp a woman reunited with family after 43 years knowat | nation – News in Hindi

गूगल-व्हाट्सअप ने 43 बाद इस महिला को अपने परिवार से मिलवाया

गूगल और व्हाट्सअप के सहारे अपने परिवार से मिल सकीं 93 वर्षीय उम्रदराज महिला.

करीब 43 वर्षों से मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के दमोह (Damoh) में रह रही एक महिला अपने परिवार तक व्हाट्सअप और गूगल के सहारे मिल पाई. जानिए ये कैसे हुआ…

नई दिल्ली. इंटरनेट (Internet) और सोशल मीडिया (Social Media) किस तरह इंसानों की मदद करते हैं कि इसका नजारा मध्य प्रदेश के दमोह (Damoh) में हुई घटना बयान कर रही है. इस इलाके के इरशाद खान के परिवार में अच्छन मौसी करीब 4 दशकों से रह रही हैं. 90 से ज्यादा उम्र की अच्छन मौसी बिल्कुल इरशाद के परिवार की तरह रहती हैं. लेकिन बीते हफ्ते ही पता चला कि अच्छन मौसी का वास्तविक नाम पंचूबाई है और वो महाराष्ट्र के नागपुर जिले की रहने वाली हैं. इरशाद ये बात लंबे समय से जानने की कोशिश कर रहे थे कि अच्छन मौसी कहां की रहने वाली हैं.

कैसे इरशाद के घर आई थीं अच्छन मौसी
दरअसल इरशाद के पिता एक ट्रक ड्राइवर थे. तकरीबन 40 साल पहले उन्हें करीब 50 वर्ष की उम्र की एक महिला दमोह में ही एक सड़क किनारे परेशान हालत में दिखी. उस महिला पर मधुमक्खियों के झुंड ने हमला कर दिया था. और मधुमक्खियों के काटने का असर उन पर दिख रहा था. इरशाद के पिता उस महिला को घर ले आए और कुछ घरेलू उपचार किया गया. वो थोड़ी देर बाद घर से चली गईं लेकिन फिर कुछ दिनों बाद दिखीं. इस बार इरशाद के नेकदिल पिता उनको घर लेकर आ गए और तबसे वो परिवार के साथ ही रहती हैं. इरशाद के पिता ने महिला को अच्छन का नाम दिया और फिर इसके बाद परिवार और गांव में वो अच्छन मौसी के नाम से मशहूर हो गईं.

ये भी पढ़ें-अब संयुक्त राष्ट्र में चीन के प्रभाव को कम करने की हर कोशिश करेगा भारतहालांकि ये किसी को पता नहीं था कि अच्छन कहां की रहने वाली हैं. जब भी उनसे पूछा गया तो वो कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे पाईं. अच्छन को स्मृतिदोष की कुछ समस्या थी. लेकिन फिर बाद में इरशाद ने ये जानने की कोशिश तेज की. इरशाद कहते हैं कि मैं लगातार ये ध्यान देता था कि मौसी अकेले में कुछ बोलती रहती हैं. करीब एक महीने पहले मैं उनके बोलने पर ध्यान दे ही रहा था तो पता चला कि उन्होने एक शब्द खंजम नगर का इस्तेमाल किया. खंजम नगर महाराष्ट्र के अमरावती जिले की एक पंचायत है.

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कैसे तलाशा घर
सामाजिक कामों से जुड़े इरशाद ने तुरंत खंजम नगर पंचायत का नंबर तलाशा. वहां से जुड़े लोगों से बातचीत की. और फिर व्हाट्सअप के जरिए अच्छन मौसी की तस्वीर भेजी. ये तस्वीर पोस्टर के रूप में खंजम नगर पंचायत में हर तरफ लगाई गई. कुछ समय बाद पृथ्वी शिंदे नाम के एक व्यक्ति ने अच्छन मौसी को अपनी दादी बताया और कहा कि उनका नाम पंचू बाई है. ये खबर जैसे ही इरशाद को मिली उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा. पृथ्वी शिंदे ने इरशाद से फोन पर बातचीत की और खुशी में कहा कि वो अपनी दादी को लेने आ रहे हैं. कुछ ही दिनों पहले वो अपनी दादी को मध्य प्रदेश से अपने घर वापस लेकर चले गए हैं. पृथ्वी अब नागपुर में रहते हैं.



First published: June 20, 2020, 10:27 AM IST



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