जिले के सभी ग्राम पंचायतों में आयोजित किया गया ‘‘रोका-छेका’’ तिहार
जिले के सभी ग्राम पंचायतों में आयोजित किया गया ‘‘रोका-छेका’’ तिहार
प्रभारी सचिव शामिल हुए श्रीगुहान में आयोजित कार्यक्रम में
कांकेर राज्य शासन द्वारा दिये गये निर्देशानुसार जिले के सभी ग्राम पंचायतों और गौठानों में ‘‘रोका-छेका’’ तिहार का आयोजन किया गया तथा किसानों द्वारा अपने पालतू मवेशियों को गौठान में भेजने के लिए शपथ ली गई। नरहरपुर विकासखण्ड के ग्राम श्रीगुहान के गौठान में आयोजित ‘‘रोका-छेका’’ तिहार में कांकेर जिले के प्रभारी सचिव धनंजय देवांगन, जिले के कलेक्टर के.एल. चौहान, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. संजय कन्नौजे और सहायक कलेक्टर सुश्री रेना जमील भी शामिल हुई।
‘‘रोका-छेका’’ तिहार को संबोधित करते हुए जिले के प्रभारी सचिव धनंजय देवांगन ने कहा कि छत्तीसगढ़ में हमेशा से ‘‘रोका-छेका’’ करते आ रहे हैं, लेकिन बीच में भूल गये थे, जिसके कारण हमें बहुत बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है। बच्चों को पढ़ाना छोड़कर गाय-बैल चराने भेज देते थे, जिससे पढ़ाई छूट गई। राज्य शासन द्वारा अब प्रत्येक ग्रामों में गौठान का निर्माण किया जा रहा है, जिसमें मवेशी मालिक अपने पशुओं को लायें, इससे हम अपने फसलों को आवारा पशुओं के खाने से बचा सकते हैं। उन्होंने ग्रामीणों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि कृत्रिम गर्भाधान के माध्यम से पशु नस्ल सुधार कर दूध उत्पादन में बढ़ोत्तरी करें और उसे अपने बच्चों को पिलायें, जिससे कुपोषण दूर होगा। गौठान में शेड बनाकर मुर्गीपालन भी किया जाये। प्रत्येक घरों के बाड़ी में साग-सब्जी, फलदार पौधे लगाया जाये, तालाब में मछली पालन किया जाये, जिससे आमदनी बढ़ेगी और इससे लोगों के जीवन में बदलाव आयेगा।
कलेक्टर के.एल. चौहान ने कहा कि खुर्रा बोनी शुरू हो गया है, गाय-बैल, भैंस को खुला में ना छोड़ें। फसल बोने के पहले रोका-छेका करना आवश्यक है इसलिए राज्य शासन द्वारा दिये गये निर्देशों के तहत् जिले के सभी ग्रामां में ‘‘रोका-छेका’’ तिहार मनाया जा रहा है। गौठान को आजीविका का केन्द्र बनाने के लिए ग्रामीणों को प्रोत्साहित करते हुए कलेक्टर चौहान ने कहा कि गोबर से खाद बनायें और उसे अपने खेत में उपयोग करें। गांव में युवा समूह बनाया जाये, जिसे रोजगार धंधों में लगाया जाएगा। श्रीगुहान के गौठान की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि गौठान में सामाजिक बैठकें, ग्राम सभा सहित अन्य गतिविधि आयोजित किया जावे। शेड बनाकर मुर्गी पालन करें और उसके अंडों को आंगनबाड़ी केन्द्र के बच्चों को दिया जाये, जिससे वे सुपोषित होंगे। प्रत्येक घर के बाड़ी साग-सब्जी, फलदार पौधे लगाने के लिए भी उन्होंने ग्रामीणों को प्रोत्साहित किया। गौठान में किये जा रहे विभिन्न गतिविधियों की प्रशंसा करते हुए कलेक्टर चौहान ने कहा कि इसे आसपास के ग्रामीणों को भी दिखाया जाएगा, ताकि उसका अनुसरण करते हुए वे भी अपने गांवों में बढ़िया गौठान का निर्माण करें। उनके द्वारा ग्रामीणों को ‘‘रोका-छेका’’ का संकल्प भी दिलाया गया, जिसके तहत् ग्रामीणों द्वारा अपने पालतू मवेशियों को गौठान में लाने की शपथ ली गई।
जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. कन्नौजे ने कहा कि गाय-बैल खेत खलिहान में ना छोडें, उन्हें गौठान में लायें। आमदनी में वृद्धि के लिए लाभकारी फसलों की भी खेती करें, दुग्ध पालन को अपनाकर लाभ कमायें। उन्होंने बताया कि श्रीगुहान के गौठान में महिला स्व-सहायता समूह द्वारा सब्जी की खेती कर तीन महीने में एक लाख 20 हजार रूपये की आमदनी प्राप्त की गई है। डॉ. कन्नौजे द्वारा गौठान को आजीविका केन्द्र के रूप में विकसित करने के लिए भी ग्रामीणों को प्रोत्साहित किया गया। ‘‘रोका-छेका’’ तिहार के अवसर पर कार्यक्रम को परउराम कुंजाम और रतन सिह वट्टी ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर चरवाहों को खुमरी एवं गमछा भेंटकर सम्मानित भी किया गया। ‘रोका-छेका’ तिहार के अवसर पर गौठान में पशु चिकित्सा विभाग द्वारा शिविर आयोजित की गई थी, जिसमें 96 पशुओं का उपचार किया गया तथा 190 पशुओं को कृमिनाशक दवाई पिलाया गया। कृषि विभाग द्वारा 15 किसानों को धान
बीज, 12 किसानों को अरहर, 08 किसानों मक्का बीज तथा 03 किसानों को उड़द एवं रामतिल का बीज निःशुल्क उपलब्ध कराया गया। महिला स्व-सहायता समूह द्वारा बनाये गये विभिन्न उत्पादों व मसाला का प्रदर्शन किया गया। उद्यानिकी विभाग द्वारा फलदार पौधों एवं नेट हाउस तथा कृषि अभियांत्रिकी विभाग बेलर मशीन का प्रदर्शन किया गया। कार्यक्रम में कांकेर के एसडीएम उमाशंकर बंदे, नरहरपुर जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के.एस. धु्रव, तहसीलदार आशा मौर्य सहित ग्रामीणजन बड़ी संख्या में उपस्थित थे।