आम जनता, व्यवसाइयों पर भारी भरकम जुर्माना लगाना उचित नहीं लॉकडाउन के कारण आमजनता है ऐसे ही परेशान

DURG:-प्रशासन द्वारा व्यवसाइयों समेत आम नागरिकों पर अलग.अलग कारणों से भारी भरकम जुर्माना लगाने की कार्रवाई पर विधायक अरूण वोरा ने कड़ी नाराजगी जताई है। वोरा ने कहा कि दुर्ग शहर में नाली.नाला या सड़क किनारे कचरा डालने पर 10 हजार रुपए तक जुर्माना वसूल किया गया है। लॉकडाउन के कारण लोग आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। ऐसी कठिन परिस्थिति में लोगों से भारी भरकम जुर्माना वसूल करना उचित नहीं है। वोरा ने कहा कि प्रदेश में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार ने हर वर्ग को राहत देने वाले फैसले किए हैं। प्रदेश के हर नागरिक के हितों को ध्यान में रखकर निर्णय लिए जा रहे हैं। दूसरी ओर अफसर आम जनता पर नाली या सड़क किनारे कचरा फेंकने मात्र से हजारों रुपए जुर्माना लगा रहे हैं। व्यवसाइयों पर भी लगातार जुर्माना लगाने की शिकायतें मिल रही है। लोगों पर आर्थिक बोझ डालना ठीक नहीं है। वोरा ने अफसरों से बारिश के दौरान बेदखली कार्रवाई पर भी रोक लगाने कहा है।
वोरा ने अफसरों को नसीहत देते हुए कहा कि गंदगी फैलाने या अन्य प्रकार से अव्यवस्था फैलाने वालों पर कुछ हद तक मामूली जुर्माना लगाकर दोबारा ऐसा न करने की कड़ी हिदायत दी जा सकती है। लेकिन आम जनता से या व्यवसाइयों से दस.दस हजार रुपए तक जुर्माना वसूल करना ठीक नहीं है। प्रशासन तंत्र को इस पर कड़ाई से रोक लगाना चाहिए। लॉकडाउन के दौरान निर्धारित समयसीमा से कुछ ज्यादा समय तक दुकानें खोलने पर भी निगम प्रशासन ने व्यवसाइयों पर भारी जुर्माना लगाया। छोटा.मोटा व्यवसाय करने वाले लोगों पर जुर्माना लगाने की कार्रवाई लगातार की गई। इसी तरह स्व विवरणी भरने पर ज्यादा निर्माण करने की जानकारी मिलने पर भी भारी पेनाल्टी वसूल किया जा रहा है। वोरा ने कहा कि यह समय लोगों को राहत देने का है, पेनाल्टी या जुर्माना लगाकर आर्थिक बोझ डालने का समय नहीं है। अफसरों को इस बात को गंभीरता से समझना होगा।