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India China Tension: LAC पर हिंसक झड़प के बाद क्या हैं हालात? अब आगे क्या होगा? जानें हर सवाल के जवाब | india china border tension in ladakh galwan valley here is what we know about the incident | nation – News in Hindi

India-China Rift: गलवान में हिंसक झड़प के बाद क्या हैं हालात? अब आगे क्या होगा? जानें हर सवाल के जवाब

15 जून की घटना के बाद मोदी सरकार एक्शन मोड में आ गई है. सेना ने लेह और बाकी सरहदों पर अपना मूवमेंट बढ़ा दिया है. (PTI)

India China Tension: 15 जून की घटना के बाद मोदी सरकार एक्शन मोड में आ गई है. सेना ने लेह और बाकी सरहदों पर अपना मूवमेंट बढ़ा दिया है. पढ़ें भारत-चीन विवाद और LAC के ताजा हालात से जुड़े उन सवालों के जवाब, जो आप जानना चाहते हैं:-

नई दिल्ली. लद्दाख में गलवान घाटी के पास चीनी सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प के बाद वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं. सोमवार को लद्दाख के गलवान (Ladakh Galwan Valley) घाटी में LAC पर हुए हिंसक झड़प के बाद भारत के 20 जवान शहीद हो गए, जबकि 4 जवानों की हालत नाजुक बनी हुई है. 15 जून की घटना के बाद मोदी सरकार एक्शन मोड में आ गई है. सेना ने लेह और बाकी सरहदों पर अपना मूवमेंट बढ़ा दिया है. इसके साथ ही लद्दाख से जो भी यूनिट्स पीस स्टेशन लौटने वाली थीं, उन्हें वहीं रुकने को कहा है. चीन के साथ जारी तनाव पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने 19 जून को सर्वदलीय बैठक बुलाई है.

पढ़ें भारत-चीन विवाद और LAC के ताजा हालात से जुड़े उन सवालों के जवाब, जो आप जानना चाहते हैं:-

  • क्या भारत और चीन के बीच हालात गंभीर हैं?

    हां बिल्कुल. 1962 की जंग के बाद ऐसा पहली बार हुआ है कि लद्दाख में भारत-चीन सीमा पर हिंसक झड़प में भारतीय जवान शहीद हुए हैं. वैसे वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर 1975 में चीनियों ने अरुणाचल प्रदेश में असम राइफल्स की पेट्रोलिंग पार्टी पर हमला किया था, लेकिन बड़े स्तर पर ऐसे हमले आखिरी बार 1967 में सिक्किम के नाथू ला में हुआ था. इसमें 88 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे और करीब 300 से अधिक चीनी सैनिक मारे गए थे, लेकिन लद्दाख में 1962 के बाद ये पहली हिंसक झड़प है.

  • लेकिन, दोनों साइड से गोली नहीं चली है. क्या ये अच्छा संकेत नहीं है?

    पूरी तरह से नहीं. अगर इतनी बड़ी तादाद में सैनिक बिना राउंड फायरिंग के मारे जा सकते हैं, तो इसका सीधा मतलब है कि ये मौतें कहीं ज्यादा क्रूर और बर्बर थीं. चीनी सैनिकों ने पत्थर, कटीले तार, चाकू जैसी धारदार चीजों से हमले किए थे.

  • सोमवार रात लद्दाख की गलवान घाटी में ठीक-ठीक क्या हुआ था?

    लद्दाख की गलवान घाटी में सोमवार देर रात भारत और चीन की सेना के बीच हिंसक झड़प हुई. इसमें भारत के 20 जवानों के शहीद हुए हैं और कई घायल भी हैं. चीन की ओर से भी करीब 43 सैनि​कों के हताहत होने की खबर है, लेकिन इसकी पुष्टि अभी चीन की ओर से नहीं हुई है. चीन के सैनिकों द्वारा यह हमला पत्थरों, लाठियों और धारदार हथियारों से किया गया. ​इस झगड़े की शुरुआत चीन की तरफ से हुई, जब बातचीत के बाद उसे पीछे हटाया जा रहा था. सोमवार को शाम से आधी रात तक यह सब कुछ चलता रहा.

  • क्या भारतीय सैनिकों के पास हथियार नहीं थे?

    नहीं. यह सीमावर्ती क्षेत्रों में दोनों तरफ से ड्रिल के अनुसार होता है, ताकि ओपन फायरिंग से अनजाने में दोनों देशों के बीच तनाव को बढ़ने से रोका जा सके.दरअसल, यह भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में LAC और सैन्य क्षेत्र में दोनों देशों के बीच 1996 के समझौते के अनुरूप है. इसके तहत LAC के आसपास के क्षेत्र में सैन्य उपकरण, अभ्यास, विस्फोट और विमान पर बहुत सारे प्रतिबंध लगाए गए थे.

  • अगर फायरिंग नहीं हुई, तो जवान शहीद कैसे हुए?

    पहली झड़प 5/6 मई की आधी रात को पैंगोंग त्सो में हुई थी. दोनों देशों के सैनिकों के बीच एक बड़ी हाथापाई हुई, जिसमें दोनों ओर के कई सैनिक जख्मी हुए थे. चीनियों ने बैट, लोहे के रॉड, लाठी, कटीले तारों और पत्थरों से हमले किए थे. गलवान में भी हमले के लिए यही तरीका अपनाया गया था. वहीं, ये भी जानकारी मिली है कि चीनी सैनिकों ने धारदार हथियारों से हमले के बाद कुछ भारतीय सैनिकों को गलवान नदी में धकेल दिया था. ज्यादातर मौतें ऊंचाई वाले इलाके में तेज ठंड और चोटों के कारण हुईं.

  • इस हिंसक झड़प में चीन को कितना नुकसान हुआ? कितने सैनिक मारे गए?

    वैसे अभी तक चीन के विदेश मंत्रालय ने किसी भी सैनिक के मरने की पुष्टि नहीं की है और न ही कोई आधिकारिक बयान दिया है. लेकिन, अंतरराष्ट्रीय मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक, चीन के 43 से ज्यादा सैनिक हताहत हुए हैं. न्यूज एजेंसी ANI ने भी चीन के 43 सैनिकों के हताहत होने की पुष्टि की है. अमेरिका के न्यूज चैनल USNEWS ने 35 चीनी सैनिकों के हताहत होने की बात कही है.

  • इस हिंसक झड़प के बाद क्या अब हालात काबू में हैं?

    पूरी तरह से नहीं. LAC पर हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं. इस झड़प के बाद PP14 एरिया में मेजर जनरल लेवल की बातचीत हुई, जो देर रात तक चली. लेकिन, विदेश मंत्री एस जयशंकर के मुताबिक, ये बातचीत बेनतीजा रही. आज चार दौर की बातचीत होनी है. हालांकि, भारत के क्षेत्र में सैनिकों के शव उठाने में कोई दिक्कत नहीं आ रही है. वहीं, चीनियों को अपने घायल सैनिकों को वापस लाने के लिए हेलीकॉप्टर उड़ाने की परमिशन दी गई है.

  • यानी की अभी लद्दाख बॉर्डर पर तनाव काफी ज्यादा होगा?

    हां. लद्दाख सीमा पर विभिन्न स्थानों पर तनाव पहले से ही चल रहा है. मई से भारतीय और चीनी सैनिक LAC पर एक-दूसरे के आमने-सामने हैं. ताजा घटनाक्रम ने इस तनाव को और बढ़ा दिया है, लेकिन सीमा पर किसी अन्य झड़प की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है.

  • तो इन सब का क्या अर्थ है?

    दोनों देशों के बीच अलग-अलग लेवल पर बातचीत का दौर चल रहा था. 10 जून को मिलिट्री कमांडर्स लेवल की बातचीत शुरू हुई थी, जो 10 दिन चलनी थी. लेकिन उसके पहले ही ये हिंसक झड़प हो गई. इससे आगे हुई सारी शांतिपूर्ण कोशिशों फेल हो गई हैं. चीन ने गलवान घाटी पर अपना दावा पेश किया है. चीन ने उल्टा झूठा आरोप लगाया है कि भारतीय सेना की वजह से ही हिंसक झड़प हुई थी. लेकिन ये सच है कि चीन ने ही हमला किया था. चीन ने 45 साल बाद फिर से भारत को धोखा दिया है.

  • क्या हालात आगे और खराब हो सकते हैं?

    वैसे अभी दोनों देशों के बीच मिलिट्री और डेप्लोमेटिक लेवल पर बातचीत का दौर जारी है. इसलिए अभी फिलहाल इस मसले पर तुंरत कुछ कहना जल्दबाजी होगी.हां, अगर दूसरी बार गलवान जैसी ही हिंसक झड़प हुई, तो हालात बिगड़ सकते हैं.



First published: June 18, 2020, 8:29 AM IST


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