गलवान घाटी में झड़प के बाद थल सेना, नौसेना, वायु सेना ने बढ़ायी चौकसी | Army Navy Air Force increased vigil after skirmish in Galvan valley ladakh | nation – News in Hindi
पूर्वी लद्दाख के गलवान और कई अन्य क्षेत्रों में गत पांच मई से दोनों सेनाओं के बीच गतिरोध बना हुआ है. फोटो: एपी
भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच झड़प (India-China Faceoff) के मद्देनजर चीन के साथ लगी करीब 3,500 किलोमीटर की सीमा पर भारतीय थल सेना (Indian Army) और वायु सेना (Air Force) के अग्रिम मोर्चे पर स्थित ठिकानों को बुधवार को हाई अलर्ट कर दिया गया.
सतर्कता बढ़ाने के निर्देश
भारतीय नौसेना को हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी सतर्कता बढ़ा देने को कहा गया है, जहां चीनी नौसेना की नियमित तौर पर गतिविधियां होती हैं. सूत्रों ने बताया कि प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत और सेना के तीनों अंगों के प्रमुखों के साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की उच्च स्तरीय बैठक के बाद तीनों बलों के लिए अलर्ट का स्तर बढ़ाने का निर्णय किया गया. उन्होंने बताया कि अरूणाचल प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास अग्रिम मोर्चे पर तैनात सभी ठिकानों और टुकड़ियों के लिए सेना पहले ही अतिरिक्त जवानों को भेज चुकी है.
आपसी संपर्क के नियम होंगे अलगसेना के एक शीर्ष अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘आपसी संपर्क के नियम अब से अलग होंगे. प्रधानमंत्री ने इसके बारे में व्यापक नीति का उल्लेख किया है.’ चीन को एक कड़ा संदेश देते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) ने कहा कि भारत शांति चाहता है किंतु यदि उकसाया गया तो वह माकूल जवाब देने में सक्षम है. साथ ही उन्होंने कहा कि भारतीय जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) ने शाम को प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की और उन्हें किसी भी घटना से निपटने के लिए एलएसी के पास सैन्य ताकत को बढ़ाने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी दी.
एलएसी पर नजर रखे है वायुसेना
सूत्रों ने बताया कि भारतीय वायु सेना ने भी अग्रिम मोर्चे वाले अपने सभी ठिकानों पर अलर्ट बढ़ाते हुए एलएसी पर नजर रखने को कहा है. सूत्रों ने बताया कि चीनी नौसेना को कड़ा संदेश देने के लिए भारतीय नौसेना हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी तैनाती बढ़ा रही है. सूत्रों ने बताया कि सशस्त्र बल चीनी सेना की किसी भी आक्रामक कार्रवाई का दृढ़ता के साथ जवाब देंगे. इस दौरान, दोनों सेनाओं के मेजर जनरल स्तर की वार्ता का एक और दौर हुआ, जिस दौरान गतिरोध वाले बिंदुओं पर दोनों पक्षों के बीच एक समझौते को लागू करने के तरीकों पर चर्चा की गई.
पूर्वी लद्दाख के गलवान और कई अन्य क्षेत्रों में गत पांच मई से दोनों सेनाओं के बीच गतिरोध बना हुआ है.
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First published: June 17, 2020, 11:36 PM IST