छत्तीसगढ़

वनोपज बनेगा आय का जरिया

वनोपज बनेगा आय का जरिया
ईच्छापुर में स्थापित होगा वनौषधि प्रसंस्करण संयंत्र
कांकेर लघु वनोपज हर्रा, बेहड़ा, ऑवला, चार, लाख, महुआ इत्यादि ग्रामीणों की आय का बेहतर जरिया बनेगा, वनोपज के संस्करण के लिए कांकेर विकासखण्ड के

 

मर्दापुटी कल्स्टर के ग्राम ईच्छापुर में प्रसंस्करण के लिए मशीन लगाया जाएगा, जिससे स्थानीय लोगों को लघु वनोपज के प्रसंस्करण से रोजगार प्राप्त होगा। विधायक श्री शिशुपाल शोरी, मुख्यमंत्री के संसदीय सलाहकार राजेश तिवारी, कलेक्टर के.एल. चौहान और वन मण्डलाधिकारी अरविन्द पीएम आज ग्राम ईच्छापुर पहुंचे थे, जहां उन्होंने ग्रामीणों की बैठक ली और उन्हें वनोपज से होने वाले फायदों से अवगत कराते हुए कहा कि जंगल को बचायें और उसे संरक्षित करें। वनोपज के संग्रहण से उनके जीवन में खुशहाली आयेगी। लघु वनोपज के प्रसंस्करण के लिए ग्राम ईच्छापुर में हर्रा प्रसंस्करण मशीन लगाया जाएगा, जिसमें युवाओं को रोजगार प्राप्त होगा। उन्होंने कहा कि अॅचल के जंगलों का सर्वे कर वनोपज से संबंधित वृक्षों का चिन्हांकन करें और जहां जरूरत हो वहां पर हर्रा, बेहड़ा, ऑवला, महुआ, कुसुम, बांस इत्यादि पौधों का रोपण करें। उन्होंने जंगल को बचाने की अपील करते हुए कहा कि इससे पर्यावरण संरक्षित होगा और लघु वनोपज के विक्रय से लोगों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। उन्होंने किसानों को भी अपने खेत के मेड़ों में लघु वनोपज से संबंधित पौधे लगाने की अपील किया, पौधे वन विभाग द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा। ईच्छापुर के सभी 135 घरों के बाड़ी में सब्जी लगाने के लिए निःशुल्क बीज उपलब्ध कराया जाएगा, इसके अलावा मुनगा और बेर के पौधे भी दिये जाएंगे। नदी के किनारे नर्सरी तैयार की जाएगी, जिसकी देखभाल ग्रामीणों के द्वारा किया जाएगा। ग्रामीणों को प्रोत्साहित करते हुए उन्होंने कहा कि लघु वनोपज का संग्रहण महिला स्व-सहायता समूह के द्वारा किया जावेगा तथा वनोपज का प्रसंस्करण युवा समूह के द्वारा किया जाएगा।
ग्रामीणों को परम्परागत रूप से की जाने वाली फसलों कोटो-कुटकी, रागी (मड़िया) की खेती करने के लिए भी उनके द्वारा समझाईश दी गई तथा बताया गया कि कोदो-कुटकी, रागी का बाजार मूल्य बहुत ज्यादा है, जिससे ग्रामीणों को फायदा हो सकता है। गौठान में पशुओं का ‘‘रोका-छेका’’ करने के लिए भी ग्रामीणों को समझाईश दिया गया।

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