Center said state government should fix the fees for treatment of corona in private hospitals | केंद्र ने कहा- निजी अस्पतालों में कोरोना के इलाज की फीस तय करें राज्य सरकार | nation – News in Hindi
अमेरिकन सोसायटी फॉर मॉलिक्यूलर बायोलॉजी ने इसके लिए एक-एक स्टेप साफ-साफ बताया है
स्वास्थ्य मंत्रालय (Mohfw) ने राज्यों को सुझाव दिया है कि ‘दरें तय किये जाने के बाद इनका व्यापक स्तर पर प्रचार किया जाये ताकि मरीजों तथा निजी संस्थानों को इन दरों की पूरी जानकारी हो ताकि सुविधाओं और सेवाओं की क्षमता का अधिकतम उपयोग किया जा सके.
स्वास्थ्य मंत्रालय (Mohfw) ने कहा कि ऐसी खबरें हैं जिनसे संकेत मिलते हैं कि कोरोना वायरस के रोगियों के लिए आईसीयू के बिस्तर वाले अस्पतालों, वेंटीलेटर और ऑक्सीजन की सुविधा वाले बिस्तरों समेत स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी हो रही है. बयान में कहा गया कि कोरोना वायरस के उपचार के लिए स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं द्वारा अधिक शुल्क वसूलने की खबरें भी हैं.
मौजूदा हालात के मद्देनजर मंत्रालय ने राज्यों तथा केंद्रशासित प्रदेशों से बिस्तर उपलब्धता तथा ICU सेवा बढ़ाने, दी गई सेवाओं के लिए पारदर्शी तथा उचित शुल्क वसूलना सुनिश्चित करने के लिए निजी स्वास्थ्य सुविधा प्रदाताओं के साथ मिलकर काम करने को कहा है. कुछ राज्य पहले ही ऐसा कदम उठा चुके हैं और गहन स्वास्थ्य देखभाल संबंधी व्यवस्था तथा सस्ती दरों के लिए निजी क्षेत्र के स्वास्थ्य देखभाल प्रदाताओं के साथ समझौता कर चुके हैं.
पीपीई की लागत का भी दे ध्यानस्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, ‘PMJAY पैकेज और केंद्र सरकार की स्वास्थ्य योजना (CGHS) पैकेज दरें पहले से ही राज्यों के पास उपलब्ध हैं. बाद की दरें क्षेत्रवार तय हैं.’ स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि ‘रोगियों के लिये वाजिब दरों पर तुरंत, गुणवत्तापूर्ण देखभाल सुविधायें सुनिश्चित कराने के लिये राज्यों को स्थानीय निजी अस्पतालों के लिए दर तय करने की सलाह दी गई है. द रें तय करते समय निजी सुक्षा उपकरणों- पीपीई की लागत पर भी ध्यान दिया जाना चाहिये.’
मंत्रालय ने यह भी सुझाव दिया है कि ‘दरें तय किये जाने के बाद इनका व्यापक स्तर पर प्रचार किया जाये ताकि मरीजों तथा निजी संस्थानों को इन दरों की पूरी जानकारी हो ताकि सुविधाओं और सेवाओं की क्षमता का अधिकतम उपयोग किया जा सके.’
राज्यों से यह भी कहा गया है कि ‘राज्य सरकार निजी क्षेत्र के अस्पतालों के साथ संपर्क में रहें. सरकारी तथा निजी क्षेत्र की सुविधाओं का पूल की तरह उपयोग करें. ऐसा करने से रोगियों को तुरंत और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवायें वाजिब दर पर प्रदान करने में मदद मिलेगी.’ (भाषा इनपुट के साथ)
First published: June 16, 2020, 9:44 AM IST