छत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई

खारून के पानी से वंचित रह जाएगी चरोदा निगम क्षेत्र की बड़ी आबादी

रेलवे सीमा में आने वाले वार्डों में नहीं बिछी पाइप

पहले से निजी नल धारकों को नये कनेक्शन पर रोक

भिलाई। भिलाई-चरोदा निगम क्षेत्र की एक बड़ी आबादी जल आवर्धन योजना के तहत आने वाली खारुन नदी के पानी से वंचित हो जाएगी। रेलवे के दायरे में आने वाले वार्डों में जल आवर्धन योजना का पाइप लाइन विस्तार नहीं हो सका है। इससे पहले से निजी नल धारकों को नये नल कनेक्शन मिलने पर संशय उभर आया है।

नगर निगम क्षेत्र में जल आवर्धन योजना के तबहत घर-घर नल कनेक्शन दिए जाने का कार्य इन दिनों जारी है। जिससे संभावना बनी है कि इस साल गर्मी में भिलाई-चरोदा की जनता को खारून नदी का पानी मिलने लगेगा। इसबीच रेलवे क्षेत्र में बसे होने का हवाला देते हुए कुछ वार्डों में नल कनेक्शन देने से रोक दिया गया है। कई ऐसे भी घर है जिनके यहां पहले से ही निजी नल लगा हुआ है। अब जब जल आवर्धन योजना के तहत सभी घरों में नये सिरे से नल कनेक्शन देा शुरू किया जा चुका है तो पहले से निजी नल धारकों को रेलवे जमीन पर बने होने का हवाला देकर नये नल कनेक्शन से वंचित किया जाना विवाद का कारण बन रहा है।

गौरतलब रहे कि निगम क्षेत्र का देवबलोदा तथा जी केबिन के दो-दो वार्ड पूरी तरह से रेलवे की जमीन पर बसी हुई है। इसके अलावा बीएमवाय उरला व भिलाई-3 का गांधी नगर का कुछ इलाका आंशिक रूप से रेलवे प्रभावित है। जल आवर्धन योजना के तहत देवबलोदा के दो तथा जी केबिन के दो वार्डों में पाइप लाइन का विस्तार किया ही नहीं गया है। जबकि उरला और गांधी नगर में रेल पटरी के किनारे निगम ने अपनी सीमा के भीतर ही पाइप लाइन बिछाने का काम किया। इस स्थिति के चलते रेल पटरी के किनारे रहने वाले कई ऐसे घर जहां पर पहले से ही निगम की निजी नल कनेक्शन है वहां तक नया नल कनेक्शन दिया जाना संभव नहीं हो पा रहा है।

यहां पर यह बताना भी लाजिमी होगा कि भिलाई-3 के गांधी नगर एवं उरला में पालिका काल के दौरान ही रेल पटरी के किनारे पाइप लाइन विस्तार कर लोगों को जल प्रदाय हेतु निजी व सार्वजनिक नल दिए गए हैं। अब जब जल आवर्धन योजना के तहत ऐसे क्षेत्र को रेवे की सीमा में होना बताकर न तो जल आवर्धन योजना के हतहत पाइप लाइन बिछाई गई है और न ही पुराने नल कनेक्शन के बदले में नया कनेक्शन दिए जाने की व्यवस्था बनाई जा रही है तो पुराने निजी नल धारकों की बेचैनी स्वाभाविक मानी जा रही है। लोगों को यह भय सता रहा है कि आने वाले दिनों में जल आवर्धन योजना को साकार करने के बाद जब पुराने पाइप लाइन को बंद कर दिया जाएगा तब उनको पीने के पानी के लिए तरसना पड़ सकता है।

महज 6 मीटर तक ही कनेक्शन

जल आवर्धन योजना के तहत दिए जा रहे नल कनेक्शन के दौरान उभर रही एक विसंगति ने भी अनेक लोगों को बेचैन कर डाला है। निजी एजेंसी द्वारा मुख्य पाइप लाइन से अधिकतम 6 मीटर की दूरी वाले घरों में ही नया नल कनेक्शन लगाया जा रहा है। जबकि भिलाई-चरोदा में अनेक वार्डों की स्थिति उनकी सघनता और बेतरतीब बसाहट के चलते 6 मीटर की दूरी पर ही नल कनेक्शन के फार्मूले पर फिर नहीं बैठते। कई वार्डों में तंग गलियों के चलते पाइप लाइन अंतिम छोर तक बिछ नहीं पाई है। अब जब नल कनेक्शन लगाया जा रहा है तो अनेक घरों की दूरी पाइप लाइन से 6 मीटर से भी अधिक आ रही है। निजी एजेंसी द्वारा ऐसे घरों को पाइप लाइन से अधिक दूरी का हवाला देकर नये नल कनेक्शन से वंचित रखा जा रहा है। इसके जद में ऐसे परिवार भी आ रहे हैं जिनके घर में पहले से ही निजी नल है और वे नियमत: निगम को जलकर का भुगतान कर रहे हैं।

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