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तमिलनाडु: कोरोना डेटा में गड़बड़ी सामने आने के बाद डैमेज कंट्रोल में जुटी सरकार, 7 मौतों को बुलेटिन में किया शामिल |under scanner for mismatch in covid-19 death toll tamil nadu government begins fixing numbers going back to may | nation – News in Hindi

तमिलनाडु: कोरोना डेटा में गड़बड़ी सामने आने के बाद डैमेज कंट्रोल में जुटी सरकार, 7 मौतों को बुलेटिन में किया शामिल

दिल्ली, मुंबई की तरह ही चेन्नई भी घनी आबादी वाला शहर है, यही तीनों शहर कोरोना (COVID-19) से सबसे ज्यादा प्रभावित रहे हैं.


दिल्ली, मुंबई की तरह ही चेन्नई भी घनी आबादी वाला शहर है, यही तीनों शहर कोरोना (COVID-19) से सबसे ज्यादा प्रभावित रहे हैं. तमिलनाडु में ज्यादातर टेस्टिंग चेन्नई तक सीमित रही. दूसरे जिले नजरअंदाज किए जा रहे हैं. अब ये राज्य के लिए और बुरा साबित हो सकता है.

चेन्नई. कोरोना वायरस के 40 हजार से ज्यादा संक्रमितों के साथ तमिलनाडु (Tamil Nadu) देश का दूसरा सबसे संक्रमित राज्य है. राजधानी चेन्नई में COVID-19 की मौत के मामले में विसंगतियां सामने आने के कुछ दिनों बाद मई और जून के पहले सप्ताह में दर्ज की गई कुछ मौतों को तमिलनाडु के स्वास्थ्य बुलेटिन में जोड़ा गया है. 13 जून की हेल्थ बुलेटिन में कोरोना वायरस से हुई 7 मौतों को शामिल किया गया है.

इन 7 मौतों में थिरुवल्लूर के एक 76 वर्षीय मरीज भी शामिल हैं. 24 मई को सांस की नली में संक्रमण/ वायरल निमोनिया के कारण उनकी मौत हो गई थी. चेन्नई के एक 73 वर्षीय व्यक्ति की मौत 28 मई को हुई थी. वहीं, निमोनिया और मल्टी-ऑर्गन डिसफंक्शन से हुई 69 वर्षीय एक शख्स की मौत को भी शनिवार के डेटा में शामिल किया गया है. इस लिस्ट में 27 साल की एक महिला का भी नाम दर्ज है, जिसकी मौत 2 जून को कोरोना की वजह से हुई. महिला को सेप्टिक शॉक और डायबिटिज भी था.

जनस्वास्थ्य निदेशालय के अधिकारियों द्वारा कथित तौर पर ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन कार्यालय का दौरा करने और स्वास्थ्य विभाग की टैली में बेहिसाब 200 से अधिक मौतों को दर्ज करने वाले मृत्यु रजिस्टर को देखने के बाद मंगलवार को कोरोना वायरस की संख्या में बढ़ोतरी आई. विभाग ने मामले की जांच करने और मामले को सुलझाने के लिए एक समिति बनाने का फैसला किया है.

बता दें कि अप्रैल में जो टेस्ट पॉजिटिविटी रेट 1% के आसपास थी, वह मई में 4 से 6 के बीच में रही और अब जून में यह 10% तक पहुंच गई है यानी 100 लोगों के टेस्ट में 10 लोग संक्रमित मिल रहे हैं. यह तब हो रहा है जब तमिलनाडु में हर दिन 15 से 17 हजार टेस्ट हो रहे हैं.7 अप्रैल को तमिलनाडु स्वास्थ्य सचिव बिला राजेश ने राज्य में कुल 690 कोरोना संक्रमितों की पुष्टि की थी. इनमें से 637 लोग दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में लगे तब्लीगी जमात के मरकज में शामिल हुए थे. यानी कुल संक्रमितों का 92% हिस्से का सोर्स एक ही था. इस दिन तक राज्य से तब्लीगी जमात में शामिल हुए करीब 1427 लोगों को ट्रैस किया जा चुका है.

दिल्ली, मुंबई की तरह ही चेन्नई भी घनी आबादी वाला शहर है, यही तीनों शहर कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित रहे हैं. तमिलनाडु में ज्यादातर टेस्टिंग चेन्नई तक सीमित रही. दूसरे जिले नजरअंदाज किए जा रहे हैं. अब ये राज्य के लिए और बुरा साबित हो सकता है.

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First published: June 14, 2020, 2:16 PM IST



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