7 भाजपा तो 4 पर कांग्रेस, अब चार निर्दलियों के हाथ सत्ता की कुंजी, नोटा को सबने नकारा

सबका संदेस न्यूज़ छत्तीसगढ़ पलारी- नगर पंचायत पलारी में 7 सीट पर भाजपा 4 पर निर्दलीय और 4 पर कांग्रेस के प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की है। ये नतीजे चौंकाने वाले रहे क्योंकि नगर पंचायत अध्यक्ष घासीन सिर्फ 1 मत से पराजित हो गईं तो जिला पंचायत सदस्य ललित धृतलहरे व भाजपा मण्डल अध्यक्ष नंद को भी हार का सामना करना पड़ा। पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष गोपी साहू कांग्रेस सबसे अधिक मतों से जीते तो अध्यक्ष पद के प्रबल दावेदार भाजपा के यशवर्धन वर्मा चुनाव जीत गए। यहां नगर सरकार बनाने भाजपा को एक पार्षद की जरूरत है। जीतने वाले 4 निर्दलियों में 2 भाजपा के तो 2 कांग्रेस के हैं। यानी यहां भी बागी निर्दलियों के हाथ में सत्ता की कुंजी आ गई है।इस चुनाव में नोटा का कोई महत्व नहीं रहा।
नगर में अध्यक्ष पद के लिए समीकरण बनने लगे हैं मगर भाजपा के पास 7 पार्षद होने और दो भाजपा समर्पित निर्दलियों के जीतने से नगर में भाजपा के अध्यक्ष बनने के आसार ज्यादा हैं तो वहीं कांग्रेस भी नगर सरकार बनाने के लिए निर्दलियों को अपने पक्ष में करने की कोशिश में लग गई है। रुझान मिलते ही समर्थकों की भीड़ मतगणना स्थल पर जमा होने लगी और फिर जैसे जैसे अंदर बैठे एजेंटों से संकेत मिलता कार्यकर्ता खुशी मनाते रहे। सबसे दिलचस्प और कड़ा मुकाबला वार्ड 9 में रहा जहां भाजपा की नगर पंचायत अध्यक्ष घासीन वर्मा 1 वोट से निर्दलीय प्रत्याशी सेवती धीवर से चुनाव हार गईं, उसके बाद रिकाउंटिंग हुई लेकिन परिणाम में कोई बदलाव नहीं हुआ।
पलारी- फोटो मतगणना स्थल के बाहर परिणाम जानने खड़े समर्थकों की भीड़ बार-बार प्रत्याशियों के लिए नारे लगाती रही।
7 भाजपा 1 निर्दलीय ने पूर्व विस अध्यक्ष से मुलाकात की
पलारी-नगर पंचायत के नवनिर्वाचित 7 भाजपा अौर 1 निर्दलीय पार्षद को लेकर भाजपा मंडल अध्यक्ष नंदकुमार वार्मा, सेवक वर्मा अौर अध्यक्ष के दावेदार यशवर्धन वर्मा पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल के निवास पहुंचकर मुलाकात की। वहीं नगर पंचायत में भाजपा को सत्ता में काबिज होने के लिए एक निर्दलीय पार्षद की जरूरत है, जबकि भाजपा नेता पहले ही 1 निर्दलीय पार्षद सुभाष वर्मा को साथ लेकर रायपुर चले गए हैं। ये माना जा रहा है कि नगर पंचायत में भाजपा 8 पार्षदों के साथ बहुमत सिद्ध कर लेगा। वहीं दो अन्य निर्दलीय भी भाजपा के संपर्क में बने हुए हैं। जबकि कांग्रेस के 4 पार्षद हैं और 4 निर्दलीय पार्षद हैं, जो एक साथ हो जाए तो वो भी नगर पंचायत में बहुमत साबित कर सकते हैं। फिलहाल भाजपा और कांग्रेस को सत्ता में काबिज होने के लिए निर्दलियों का सहारा लेना होगा। ये तो भविष्य के गर्भ में है कि नगर पंचायत में किसका कब्जा होगा।
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