LAC पर कुछ इलाकों में भारतीय और चीनी सैनिक सहमति से पीछे हटे, अब आगे क्या? । Signs of Thaw as Indian and Chinese Troops Mutually Pull Back in Some Areas Ahead of Talks | nation – News in Hindi
नई दिल्ली. वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत-चीन गतिरोध (India-China Standoff) के एक महीने चलने के बाद अंतत: दोनों के बीच की बर्फ पिघलने के कुछ संकेत हैं. भारतीय सेना (Indian Army) के सूत्रों का कहना है कि भारतीय और चीनी दोनों ही पक्षों ने चार में से तीन क्षेत्रों में आंशिक रूप से अपनी सेनाओं को पीछे भेजा है, जहां वे अब तक एक-दूसरे की आंखों में आंखें डालकर घूर रहे थे. ये जगहें गलवान घाटी (Galwan Valley) और हॉट स्प्रिंग्स में PP14, PP15 और PP17 A हैं. इन क्षेत्रों में, दोनों पक्षों के पास लगभग 1,500 सैनिक हैं और उन्होंने अपने वर्तमान स्थानों से 1.2 से 2 किमी पीछे हटे हैं.
सेना में शीर्ष स्तर के सूत्रों का दावा है कि गलवान घाटी में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने कभी भारतीय क्षेत्र में प्रवेश नहीं किया था. ग्राउंड कमांडरों ने बताया कि 20 लॉरियों को चीनी सैनिकों और गोला-बारूद को आते देखा है.
पैंगोंग त्सो में समस्या, गश्त को लेकर थी. चीनी सैनिकों के फ़िंगर 4 में आने के बाद और वहां एक अस्थायी किलेबंदी बनाने के बाद पिछले एक महीने से हज़ारों सैनिक एक-दूसरे के खिलाफ़ डटे हुये थे. भारतीय पक्ष का मानना है कि एलएसी (LAC) फिंगर 8 से जाता है और इसलिए फिंगर 4 उनके क्षेत्र में आता है. पैंगोंग त्सो क्षेत्र में, कुछ सैनिक नावों में वापस चले गए हैं, लेकिन चीनी फिंगर 4 पर बने हुये हैं.लेफ्टिनेंट हरिंदर सिंह अपने चीनी समकक्ष से करेंगे बातचीत
बुधवार से, गालवान घाटी और हॉट स्प्रिंग्स में पूर्ण विघटन पर भारतीय और चीनी सेना के बीच विभिन्न स्तरों पर कई दौर की बातचीत होगी. दोनों पक्षों के प्रमुख सामान्य अधिकारी बुधवार को हॉट स्प्रिंग्स में पीछे हटने पर चर्चा करेंगे.
पैंगैंग त्सो में गतिरोध को हल करना मुश्किल होगा और इस दौरान 14 कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह और उनके चीनी समकक्ष दक्षिण शिनजियांग के सैन्य जिले के मेजर जनरल लिन लुई के बीच एक और बैठक होगी. चुशुल-मोल्डो BPM में दोनों के बीच 6 जून को बैठक छह घंटे की मैराथन के लिए चली थी, जहां पीछे हटने पर चर्चा हुई थी.
भारतीय सेना मान रही कि शक्ति आजमाने के लिये हरकत कर रहा चीन
चीन ने एक पैदल सेना डिवीजन, दो आर्टिलरी रेजिमेंट, दो बख्तरबंद रेजिमेंट, फाइटर जेट और AWACS को अपने बैकअप के तौर पर रखा है. भारतीय सेना इसे शक्ति आजमाने की हरकत के तौर पर देख रही है.
पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग त्सो और उत्तर सिक्किम (North Sikkim) के नकु ला में हुई हिंसक झड़पों के बाद 5 मई से भारतीय और चीनी सैनिक एक महीने से टकराव चल रहा है. पिछले हफ्ते, भारत और चीन दोनों ने वार्ता के माध्यम से तनाव को हल करने और एलएसी पर शांति बनाए रखने के लिए सहमत हो गये थे.
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