भारत से सीमा विवाद पर फिर आया चीन का बयान, अब कही ये बड़ी बात | china says india and china will resolve border issue with diplomatic and military channels sun weidong | china – News in Hindi

सुन वीडोंग ने कहा, ‘चीनी और भारतीय सेनाओं के बीच सीमा पर चल रहे गतिरोध पर 6 जून को बैठक में चर्चा हुई थी. भारत और चीन एक-दूसरे से संपर्क बनाए हुए हैं ताकि सीमा पर विवाद को सैन्य और राजनयिक तरीके से हल किया जा सके.’
Border areas situation were discussed during the meeting b/t Chinese & Indian military officials on Jun 6. China & India have maintained close communication on resolving border issues through diplomatic & military channels: China’s Ambassador to India quoting Chinese FM Spox pic.twitter.com/skiBKYOzZT
— ANI (@ANI) June 8, 2020
चीनी राजदूत ने प्रवक्ता हुआ चुनयिंग का हवाला देते हुए कहा, ‘हुआ ने जोर देकर कहा कि चीन और भारत, नेताओं द्वारा बनी महत्वपूर्ण आम सहमति को लागू करने पर सहमत हुए हैं, हम दूरियों को मतभेद में नहीं बदलना चाहते. चीन और भारत द्विपक्षीय संबंधों के स्थिर विकास के लिए अनुकूल माहौल बनाने के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनाए रखने के लिए एक साथ काम कर रहे हैं.’
Hua stressed China-India agreed to implement important consensus reached by leaders, not to turn differences into disputes, work together to maintain peace&tranquility in border areas to create favourable atmosphere for stable development of bilateral relations: Sun Weidong pic.twitter.com/wMU6xcBvok
— ANI (@ANI) June 8, 2020
उन्होंने कहा, ‘चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के अनुसार सीमावर्ती इलाकों में हालात पूरी तरह स्थिर और नियंत्रण में हैं. भारत और चीन के पास विवाद को बातचीत और विचार-विमर्श से सुलझाने की क्षमता है.’
Chinese FM Spokesperson Hua said that the overall situation in the border areas is generally stable & under control, China & India have capacity & willingness to properly solve relevant issues through negotiation & consultation: Sun Weidong, Chinese Ambassador to India pic.twitter.com/Xj04KIXYhn
— ANI (@ANI) June 8, 2020
बता दें कि भारतीय विदेश मंत्रालय ने रविवार को कहा था कि भारत और चीन मौजूदा सीमा गतिरोध को द्विपक्षीय समझौतों के अनुसार शांतिपूर्ण रूप से सुलझाने के लिए सैन्य एवं राजनयिक वार्ताएं जारी रखने पर सहमत हो गए हैं. विदेश मंत्रालय ने पूर्वी लद्दाख गतिरोध पर दोनों देशों की उच्चस्तरीय सैन्य वार्ता के परिणामों की जानकारी साझा करते हुए यह बात कही. वार्ता का परिणाम बेनतीजा प्रतीत हो रहा है.
लेह स्थित 14वीं कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल और तिब्बत मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट के कमांडर मेजर जनरल लिऊ लिन ने शनिवार को पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीनी सीमा में माल्डो पर बैठक की, जो सुबह करीब साढ़े 11 बजे शुरू हुई और शाम तक चली थी.
भारत और चीन ने पिछले ढाई दशकों में सीमा प्रबंधन के लिए कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं. इनमें एलएसी पर शांति बनाए रखने के लिए 1993 में हुआ समझौता और सीमा क्षेत्रों में भरोसा कायम करने के लिए 1996 में हुआ समझौता शामिल है.
सूत्रों का कहना है कि मौजूदा गतिरोध के शुरू होने की वजह पैंगोंग सो झील के आसपास फिंगर क्षेत्र में भारत द्वारा एक महत्वपूर्ण सड़क निर्माण का चीन का तीखा विरोध है. इसके अलावा गलवान घाटी में दरबुक-शायोक-दौलत बेग ओल्डी मार्ग को जोड़ने वाली एक और सड़क के निर्माण पर चीन के विरोध को लेकर भी गतिरोध है.
पैंगोंग सो में फिंगर क्षेत्र में सड़क को भारतीय जवानों के गश्त करने के लिहाज से अहम माना जाता है. भारत ने पहले ही तय कर लिया है कि चीनी विरोध की वजह से वह पूर्वी लद्दाख में अपनी किसी सीमावर्ती आधारभूत परियोजना को नहीं रोकेगा.
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