Lockdown के बाद MP वापस लौटे अधिकतर प्रवासी श्रमिक भवन निर्माण के सेक्टर में कर रहे थे काम: सर्वे | bhopal – News in Hindi


मध्य प्रदेश सरकार ने वापस लौटे प्रवासी मजदूरों का काम-काज के आधार पर करवाया सर्वे (प्रतीकात्मक तस्वीर)
दूसरे राज्यों से प्रदेश में लौटे मजदूरों के काम-काज का सर्वे करने वाला मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य है. जहां पर हर एक मजदूर के काम-काज को लेकर जानकारी जुटाई गई है. सरकार का दावा है कि 27 मई से 6 जून तक प्रवासी मजदूरों को लेकर चलाए गए सर्वे में 7 लाख 30 हजार मजदूरों का सर्वे कराया गया है.
मजदूरों के काम-काज का सर्वे करने वाला पहला राज्य
प्रवासी मजदूरों को लेकर प्रदेश सरकार के हुए सर्वे में यह जानकारी सामने आई है. दूसरे राज्यों से प्रदेश में लौटे मजदूरों के काम-काज का सर्वे करने वाला मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य है. जहां पर हर एक मजदूर के काम-काज को लेकर जानकारी जुटाई गई है. सरकार का दावा है कि 27 मई से 6 जून तक प्रवासी मजदूरों को लेकर चलाए गए सर्वे में 7 लाख 30 हजार मजदूरों का सर्वे कराया गया है. इसके अलावा 5 लाख 79 हजार मजदूरों के परिजनों को मिलाकर कुल 13 लाख 10 हजार मजदूरों को सर्वे में शामिल किया गया है. राज्य सरकार के इस सर्वे में वापस लौटे प्रवासियों में लुहार- कारपेंटर के काम में 27 हजार 721 लोग और ड्राइवर का काम करने वाले 16 हजार 900 कामगार हैं. भवन निर्माण से संबंधित एक लाख 76 हजार 682, कृषि क्षेत्र में 99 हजार 26, ईंट और टाइल्स निर्माण में 37 हजार 805, दुकान, रेस्टोरेंट में 27 हजार 26, लोडिंग कार्य में 20 हजार 124, मिस्त्री के कार्य में 16 हजार 208, प्राइवेट सुरक्षा में 12 हजार 629, रेहड़ी/हॉकर्स के कार्य में 10 हजार 784, वस्त्र उद्योग में 10 हजार 356, गारमेंट उद्योग में 9 हजार 464, प्लास्टिक और रसायन उद्योग में 8 हजार 252, रिक्शा चालक के रूप में 7 हजार 939 और पेंटिंग के कार्य में 6 हजार 302 श्रमिक कार्य कर रहे थे. राज्य में 27 मई से 6 जून तक चलाये गये प्रवासी श्रमिक सर्वे अभियान में 7 लाख 30 हजार 311 प्रवासी श्रमिक जो मूलत: मध्य प्रदेश के निवासी थे, सर्वे में आये हैं.
इसके अतिरिक्त 5 लाख 79 हजार 875 उनके परिजनों को मिलाकर कुल 13 लाख 10 हजार 186 श्रमिकों को सर्वे में चिन्हित किया गया. मध्य प्रदेश पहला राज्य है, जिसने प्रवासी श्रमिकों का प्रमाणिक सर्वे पूरा किया है. सर्वे में समग्र आई.डी. (Composite ID) तथा आधार-कार्ड (Aadhar card) को मुख्य आधार माना गया है. सर्वे ग्राम पंचायतों में सचिव, रोजगार सहायक और नगरीय क्षेत्रों में वार्ड प्रभारियों द्वारा एनआईसी (NIC) द्वारा विकसित मोबाइल एप (Mobile App) के माध्यम से किया गया. श्रमिकों को मनरेगा (MGNREGA) के अंतर्गत रोजगार सुनिश्चित किये जाने की बात की जा रही है वहीं रोजगार सेतु पोर्टल के माध्यम से विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध करवाने की कवायद भी की जा रही है. प्रवासी श्रमिकों में मुख्य रूप से जिला बालाघाट जहां 54 हजार 817, छतरपुर में 48 हजार 862, मुरैना में 47 हजार 747, रीवा में 45 हजार 336, सतना में 39 हजार 480, सीधी जनपद में 31 हजार 704, भिण्ड 28 हजार 703, पन्ना 26 हजार 991, सिवनी 25 हजार 806 और टीकमगढ़ में 24 हजार 365 श्रमिक वापस आये हैं. इसके साथ ही इंदौर, भोपाल और नरसिंहपुर जिले में भी कुछ प्रवासी श्रमिक वापस आये हैं. प्रवासी श्रमिकों में 18 से 30 वर्ष के 3 लाख 75 हजार 779, 30 से 40 वर्ष के एक लाख 94 हजार 568, 40 से 50 वर्ष के एक लाख 13 हजार 950, 50 से 60 वर्ष के 40 हजार 24 और 60 वर्ष से अधिक उम्र के 5 हजार 768 श्रमिक हैं.ये भी पढ़ें- 69000 शिक्षक भर्ती मामले में आंदोलनरत छात्रों के साथ खड़ी है कांग्रेस: प्रियंका गांधी
First published: June 8, 2020, 11:10 PM IST