earthquake in delhi gurugram border on 8 june no casualties reported | nation – News in Hindi
पिछले दो माह में दिल्ली-एनसीआर (Earthquake in delhi ncr) की धरती 10 बार हिल चुकी है. लंबे समय बाद भूकंप का केंद्र दिल्ली, फरीदाबाद, और रोहतक बन रहे हैं. सवाल ये है कि क्या यह किसी बड़ी अनहोनी का संकेत है या फिर सामान्य बात ही है? भारत सरकार के रिकॉर्ड बताते हैं कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और एनसीआर (Delhi-NCR) भूकंप को लेकर अधिक तीव्रता वाले जोन 4 में आते हैं. जहां रिक्टर पैमाने पर 8 तीव्रता वाले भूकंप की भी संभावना होती है.
ऐसे समझिए भूकंप से दिल्ली में कहां-कहां है खतरा.
पिछले दो माह में भूकंप के झटके-12 अप्रैल 2020: रिक्टर स्केल पर तीव्रता 3.5, केंद्र दिल्ली, गहराई 8 किलोमीटर.
-13 अप्रैल 2020: रिक्टर स्केल पर तीव्रता 2.7, केंद्र दिल्ली, गहराई 5 किलोमीटर.
-15 मई 2020: रिक्टर स्केल पर तीव्रता 2.2, केंद्र दिल्ली, गहराई 22 किलोमीटर.
-28 मई 2020: रिक्टर स्केल पर तीव्रता 2.5, केंद्र फरीदाबाद, गहराई 10 किमी.
-29 मई 2020: रिक्टर स्केल पर तीव्रता 2.9, केंद्र रोहतक, गहराई 10 किलोमीटर.
-29 मई 2020: रिक्टर स्केल पर तीव्रता 4.5, केंद्र रोहतक, गहराई 15 किलोमीटर.
-1 जून 2020: रिक्टर स्केल पर तीव्रता 3.0, केंद्र रोहतक, गहराई 10 किलोमीटर.
-1 जून 2020: रिक्टर स्केल पर तीव्रता 1.8, केंद्र रोहतक, गहराई 5 किलोमीटर.
-3 जून 2020: रिक्टर स्केल पर तीव्रता 3.0, केंद्र फरीदाबाद, गहराई 4 किलोमीटर.
-8 जून 2020: रिक्टर स्केल पर तीव्रता 2.1, केंद्र दिल्ली-गुड़गांव बॉर्डर, गहराई 18 किलोमीटर.
(National center for seismology के मुताबिक)
भूकंप के दुष्परिणामों को कम करने के लिए केंद्र सरकार ने दिल्ली क्षेत्र की जमीन के नीचे की मिट्टी की जांच करवाकर यह पता किया है कि इसके कौन से क्षेत्र सबसे ज्यादा संवेदनशील (Earthquake prone area) हैं. जमीन के भीतर की संरचना पर होने वाले अध्ययन को भू-वैज्ञानिक सिस्मिक माइक्रोजोनेशन (Seismic microzonation) कहते हैं. उससे जानकारी मिलती है कि भूकंप के लिहाज से कौन से क्षेत्र सुरक्षित और खतरनाक हैं. दिल्ली की रिपोर्ट में साफ बताया गया है कि घनी आबादी वाले यमुनापार समेत तीन जोन सर्वाधिक खतरनाक हैं.
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