छत्तीसगढ़

चतुर्थ व्याकरण शाला का काव्य संसद् में आयोजन हुआ

चतुर्थ व्याकरण शाला का काव्य संसद् में आयोजन हुआ

 

सबका संदेस न्यूज़ छत्तीसगढ़-

रायगढ़- काव्य संसद् डॉट आनलाईन साहित्यिक वेबसाईट की वाट्सएप समूह में चतुर्थ व्याकरण शाला का आयोजन 7 जून को हुआ। इस व्याकरण शाला का आयोजन दो पड़ाव में हुआ। जिसमें पहले क्रम में व्याख्यान शाला फिर दूसरे क्रम में प्रश्नकाल का आयोजन हुआ। चतुर्थ व्याकरण शाला में एकांकी : एक परिचय आधारित विषय में काव्य संसद के संस्थापक पुखराज यादव प्राज ने व्याख्यान दिया। जिसमें एकांकी सृजन एवं हिन्दी एकांकी के इतिहास, एकांकी के आवश्यक तत्वों पर चर्चाएँ आयोजित हुई। व्याकरण शाला में एकांकी सृजन से लेकर विभिन्न एकांकीकारों को भी याद किया गया। काव्य संसद, छत्तीसगढ़ के प्रभारी डिग्री लाल जगत ने कहा कि, काव्य संसद ना सिर्फ साहित्यिक पृष्ठभूमि पर कार्य नहीं कर रहा, अपितु काव्य संसद का प्रयास समाज, पर्यावरण एवं वृक्षों के संरक्षण के लिए भी निरंतर प्रयासरत है। आज आयोजित व्याकरण शाला का लाभ हमारे संस्था से जूड़े नव कलमकारों को अवश्य होगा। एकांकी क्या है? सृजन कैसे करते हैं और कौन सी रचना एकांकी है या नहीं उक्त विभिन्न पहलुओं पर वृहद स्तर पर चर्चा हुआ। जिससे हम सभी लाभान्वित है, और आशा करते हैं की भावी समय में,एकांकी सृजन को बढ़ाने का प्रयास किया जायेगा। इस कार्यक्रम के दौरान मुख्यरूप से कांकेर से नलिनी बाजपेयी, रायगढ़ से गुलशन खम्हारी, अजय पटनायक, डिग्रीलाल जगत निर्भीक, पुष्पा पटनायक, विकास जयसवाल, बिलासपुर से सावित्री यादव, लक्ष्मण प्रसाद साहू, सूरजपुर से कृष्ण कुमार ध्रुव, मनोज कुमार पाटनवार, जांजगीर-चांपा से शैलेनंद्र धिरहे, राजनांदगांव से प्रवीण कुमार ठाकुर, महासमुन्द से सुन्दर लाल डडसेना, विनोद कुमार जोगी, टिकेश्वर सिदार दीपक ,दूर्ग से सीमा साहू, प्रिया गुप्ता सहित कई साहित्यकारों की ऑनलाईन उपस्थिति रही।

 

 

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