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6 साल पहले PM मोदी ने ऐसे सुलझाया था चीन के साथ लद्दाख सीमा पर विवाद-Six years ago this is how PM modi ended a faceoff in Ladakh after discussion with china | nation – News in Hindi

PM मोदी ने 6 साल पहले ऐसे सुलझाया था चीन के साथ लद्दाख सीमा पर विवाद

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भारत दौरे पर पीएम मोदी के साथ (फ़ाइल फोटो)

India China Standoff: उस वक्त बड़े ही नाटकीय अंदाज़ में विवाद की शुरुआत हुई. ये साल 2014 के सितंबर की बात है. तब चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भारत दौरे पर आए हुए थे.

नई दिल्ली. भारत और चीन (India-China Border Dispute) के बीच पिछले करीब एक महीने से लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तनाव है. इस सीमा विवाद को बातचीत के जरिये इसे सुलझाने की कोशिशें चल रही हैं. इस सिलसिले में आज भारतीय सेना और चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के टॉप जनरलों के बीच बैठक होनी है. भारत और चीन के बीच विवाद कोई नई बात नहीं है. 6 साल पहले भी लद्दाख में ऐसे ही दोनों देश की सेनाओं के बीच टकराव की नौबत आ गई थी. लेकिन तब देश की कमान संभालने वाले पीएम मोदी (PM Narendra Modi) ने राजनयिक स्तर पर मामले को सुलझा लिया था.

दोस्ती-दुश्मनी साथ-साथ!
उस वक्त बड़े ही नाटकीय अंदाज़ में विवाद की शुरुआत हुई. साल 2014 के सितंबर की बात है, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भारत दौरे पर आए थे. अहमदाबाद में पीएम मोदी के साथ उनका कार्यक्रम था. दोनों नेता साबरमती नदी के किनारे रिवर फ्रंट पर झूले में बैठकर बातें कर रहे थे, जबकि उधर लद्दाख बॉर्डर पर चुमार इलाके में चीन के सैनिक अंदर घुसने की कोशिश कर रहे थे.

कहां और कैसे हुआ विवाद?LAC के दूसरे इलाके की तरह लद्दाख के चुमार में भी खतरनाक पहाड़ हैं. इनकी ऊंचाई 16-18 हज़ार फीट के बीच है. यहां तापमान बेहद कम होता है. साथ ही यहां खतरनाक बर्फीली हवाएं चलती हैं. ये वो इलाका है जहां भारत का रोड LAC तक है. यहीं पर एक नाले जैसी छोटी नदी भी है. नक्शे पर इस इलाके को 30R का नाम दिया गया है. दरअसल यहां करीब 30 मीटर की चढ़ाई है. नाले के उस पार चीन की सड़क है. उनके सैनिक यहां तक तो गाड़ी में पहुंच जाते हैं लेकिन इसके बाद चढ़ाई के चलते इन्हें LAC तक पहुंचने के लिए पैदल चलना पड़ता है. कई बार वो यहां तक आने के लिए घोड़ों का भी इस्तेमाल करते हैं. ऐसे में भारतीय सैनिक को उन्हें चेतावनी देकर वापस भेजने में काफी समय मिल जाता है. 2013 और 2014 के दौरान इस क्षेत्र में चीनी सैनिकों ने काफी बार ऐसा करने की कोशिश की है.

विवाद की असली वजह
साल 2014 में सितंबर के दूसरे हफ्ते में चीन के सैनिकों ने यहां रोड बनाने की कोशिश की. उनके सैनिक 30R वाले इलाके को काट कर रोड बनाना चाहते थे. सड़क निर्माण के लिए चीन के सैनिक कई तरह के औजार लेकर पहुंचे थे. भारत की तरफ से उन्हें रोकने की कोशिशें की गईं. इस बीच चीन के सैनिक बड़ी संख्या में यहां पहुंच गए और हाथापाई की नौबत आ गई. जिनपिंग का भारत दौरा शुरू होते ही LAC के दोनों तरफ करीब 10 किलोमीटर तक दोनों देशों के सैनिकों के बीच तनातनी बढ़ गई. दावा किया जाता है कि उस समय चीन के 1500 सैनिकों के सामने भारत ने ढाई हज़ार सैनिकों को तैनात कर दिया था. 800 साैनिक तो आमने-सामने खड़े थे.

क्या थी चीन की मांग
चीन को जब लगा कि वो रोड नहीं बना सकता है, तब बातचीत के जरिए मामले को सुलझाने की कोशिश की गई. चीन ने उस वक्त भारत के सामने मुख्य तौर पर दो मांगे रखी थी- चुमार में भारत के सैनिकों के लिए बन रहे घरों का निर्माण बंद हो, साथ ही देमचोक में बन रहे वॉटर चैनल को बंद किया जाए.

ऐसे सुलझा विवाद
बाद में राजनयिक स्तर पर मामले को सुलझाया गया. उन दिनों बीजिंग में अशोक कांता भारत के राजदूत थे. चीन 30R पर रोड न बनाने की बात मान गया. दो हफ्ते के अंदर भारत और चीन ने अपने सैनिकों को वापस बुला लिया. साथ ही चुमार में भारत के सैनिकों के लिए बन रहे घरों का निर्माण बंद नहीं हुआ.

 

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First published: June 6, 2020, 8:30 AM IST



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