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कैसे केरल में एक प्रेग्नेंट हथिनी की मौत एक सांप्रदायिक कैंपन में तब्दील हुई?_how the tragic reath of a pregnant elephant in kerala birthed communal campaign knowat | nation – News in Hindi

कैसे केरल में प्रेग्नेंट हथिनी की मौत एक सांप्रदायिक कैंपन में तब्दील हुई?

केरल में एक प्रेग्नेंट हथिनी की अनानास में पटाखे भरकर खिलाने के बाद मौत हो गई थी.

केरल में एक प्रेग्नेंट हथिनी (Pregnant Elephant ) की दर्दनाक मौत को तूल देकर सोशल मीडिया पर भ्रामक खबरों के साथ सांप्रदायिक कैंपेन चलाया गया. केरल के किसान और एक्सपर्ट्स इस पर आश्चर्य जाहिर कर रहे हैं.

केरल के पलक्कड जिले की साइलेंट वैली फॉरेस्ट में एक प्रेग्नेंट हथिनी (Pregnant Elephant) को पटाखे से भरा अनानास खिलाने की घटना पर केंद्र सरकार ने संज्ञान लिया है. केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने केरल सरकार से इस मामले में डिटेल रिपोर्ट मांगी है. वहीं, केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन (Pinarayi Vijayan) ने हथिनी की मौत के मामले में जांच के आदेश दिए हैं. लेकिन इन सबके के बीच ये पूरा मामला सोशल मीडिया पर सांप्रदायिक रंग भी ले चुका है.

मीडिया में खबरें भी कुछ ऐसी चलीं जिससे इस खबर को लेकर पूरी स्पष्टता लोगों के बीच नहीं आ पाई. मामला बढ़ने पर केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने चेतावनी भी दी कि हथिनी की मौत पर राज्य की छवि के साथ खिलवाड़ नहीं किया जाना चाहिए. उनका कहना था कि कोरोना वायरस पर नियंत्रण पाकर जो छवि हमने पाई है, हथिनी की खबर के जरिए उसे खराब करने की कोशिश की जा रही है.

हालांकि केरल के मल्लपुरम जिले में किसानों द्वारा जानवरों को भगाने के लिए पटाखों का इस्तेमाल किया जाता है. हालांकि ये सरकारी तौर पर गैरकानूनी है लेकिन फिर भी किसान जंगली जानवरों से बचने के लिए ऐसा करते हैं.

किसान जाहिर कर रहे आश्चर्यमल्लपुरम के एक स्थानीय किसान अफजल बाबू का कहना है कि जंगली जानवर हमारी फसलें तबाह कर देते हैं. इनमें हाथी भी शामिल होते हैं. इस वजह से कई किसान पटाखों का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन कभी इन्हें खिलाकर किसी जानवर को मारने की घटना सामने नहीं आई है. कई जगह पर जानवरों को भगाने के लिए ड्रम और नगाड़ों का भी इस्तेमाल किया है. तेज ध्वनि सुनकर जानवर भाग जाते हैं. जिस तरह की खबरें सोशल मीडिया पर चल रही हैं उनका वास्तविकता से कोई लेना-देना नहीं है.

क्या कह रहे हैं डॉक्टर
केरल के वेटनरी डॉक्टर ईश्वरन का कहना है कि ऐसी घटना आज तक देखने में नहीं आई. प्रेग्नेंट हाथियों की मौत के बीते दो सालों में सिर्फ दो मामले सामने आए हैं लेकिन पटाखे खिलाकर जान से मारने जैसा कुछ भी नहीं था. हाल के मामले में घायल हथिनी नदी में इसलिए मिली क्योंकि घायल जानवर को पानी के पास राहत मिलती है.

मामले में एक गिरफ्तार

गर्भवती हथिनी की मौत के मामले में पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है. फॉरेस्ट विभाग ने इसकी जानकारी दी है. वन्यजीव संरक्षण अधिनियम से संबंधित धाराओं के तहत कई और लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है.

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First published: June 5, 2020, 1:13 PM IST



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